2012 की घुमक्कडी का लेखा जोखा
2012 चला गया। इस साल घुमक्कडी में एकाध नहीं बल्कि तीन महान उपलब्धियां हासिल हुईं। आगे बताया जायेगा तीनों महान उपलब्धियों के साथ साथ पिछले ...
नीरज मुसाफिर का यात्रा ब्लॉग
2012 चला गया। इस साल घुमक्कडी में एकाध नहीं बल्कि तीन महान उपलब्धियां हासिल हुईं। आगे बताया जायेगा तीनों महान उपलब्धियों के साथ साथ पिछले ...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । जब नीलकंठ महादेव से वापस जयपुर जाने के लिये चल पडे तो टहला से कुछ पहले अप...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 26 नवम्बर 2012 की शाम के सवा चार बजे थे, जब हमने भानगढ से प्रस्थान किया। ...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । आज की शुरूआत एक छोटी सी कहानी से करते हैं। यह एक तान्त्रिक और एक राजकुमार...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 24 नवम्बर 2012 को रात होने तक मैं साइकिल चलाकर पुष्कर से साम्भर झील पहुंच...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 23 नवम्बर 2012. पुष्कर में सालाना कार्तिक मेला शुरू हुए तीन दिन हो चुके...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । एक बार मैं और विधान गढवाल के कल्पेश्वर क्षेत्र में भ्रमण कर रहे थे, तो ए...
नवम्बर में एक ऐसा अदभुत योग बन रहा था कि मुझे अपने खाते से मात्र दो छुट्टियां खर्च करके उनके बदले में आठ छुट्टियां मिल रही थीं। यह योग बी...
इस यात्रा-वृत्तांत को आरंभ से पढ़ने के लिये यहाँ क्लिक करें । शेखावाटी में आज के समय (2012) में एक ही रूट पर मीटर गेज चलती है- जयपुर से च...
एक दिन अचानक नजर में आया कि लोहारू- सीकर मीटर गेज लाइन बन्द हो गई है। उसे बडी लाइन में बदला जायेगा और कुछ महीनों बाद वो भारत के मुख्य रे...
इस यात्रा-वृत्तांत को आरंभ से पढ़ने के लिये यहाँ क्लिक करें । नीलकंठ से अब बारी थी वापस आने की। दोपहर बाद ढाई बजे के आसपास नीलकंठ से वापस...
हम ऋषिकेश में हैं और आज हमें सौ किलोमीटर दूर दुगड्डा जाना है साइकिल से। इसके लिये हमने यमकेश्वर वाला रास्ता चुना है - पहाड़ वाला। दिन भर म...
इस यात्रा वृत्तान्त को पूरा पढने के लिये यहां क्लिक करें । रूपकुण्ड का यात्रा वृत्तान्त तो खत्म हो गया है। आज कुछ और सामान्य जानकारी दी...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । आली बुग्याल के बिल्कुल आखिरी सिरे पर है वो छोटा सा पानी का कुण्ड, मुझे बत...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 3 अक्टूबर 2012 की सुबह आराम से सोकर उठा। कल रूपकुण्ड देखकर आया था तो थकान ...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । भगुवाबासा समुद्र तल से लगभग 4250 मीटर की ऊंचाई पर है जबकि इससे चार किलोमी...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 2 अक्टूबर 2012, जब पूरा देश गांधी जयन्ती मनाने की सोचकर सोया हुआ था, सुबह...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । बेदिनी बुग्याल रूपकुण्ड के रास्ते में आता है। इसकी समुद्र तल से ऊंचाई करी...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । जब मैं वान में था तो इन्दरसिंह के होटल के सामने सडक पर जो कि खाली पडी जमी...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 29 सितम्बर 2012 की सुबह मैं आनन्द विहार बस अड्डे के पास उस तिराहे पर खडा ...
रूपकुण्ड उत्तराखण्ड में 4800 मीटर की ऊंचाई पर एक छोटी सी झील है। वैसे तो हिमालय की ऊंचाईयों पर इस तरह की झीलों की भरमार है लेकिन रूपकुण्ड...
एक बार मैं गोरखपुर से लखनऊ जा रहा था। ट्रेन थी वैशाली एक्सप्रेस, जनरल डिब्बा। जाहिर है कि ज्यादातर यात्री बिहारी ही थे। उतनी भीड नहीं थी,...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । चुनार से निकलकर हमारा काफिला मीरजापुर की तरफ चल पडा। मीरजापुर से कुछ किलो...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । अगले दिन वाराणसी से निकलकर हम तीनों चन्द्रेश के गांव की तरफ चल पडे। आज चू...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । बनारस के घाटों के सिलसिले में हम सबसे पहले पहुंचे मणिकर्णिका घाट। इससे पह...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । सात बजे काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस वाराणसी पहुंची। यह दो घण्टे से भी ज्यादा ...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । बाराबंकी से जब मैं और अतुल चले तो दिमाग में बडा इमामबाडा था। लखनऊ सिटी स्ट...
एक दिन सन्दीप भाई घूमते घूमते हमारे यहां आ गये। उनका जब भी कभी लोहे के पुल से जाना होता है, वे अक्सर आ ही जाते हैं। बोले कि इस बार तू परि...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहाँ क्लिक करें । 21 अगस्त 2012 ट्रेन नई दिल्ली पहुंची। इसी के साथ अपनी भारत परिक्रमा पू...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहाँ क्लिक करें । 20 अगस्त 2012 ट्रेन यानी जन्मभूमि एक्सप्रेस भटिण्डा से निकल चुकी थी, ...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहाँ क्लिक करें । 19 अगस्त 2012 ठीक समय पर ट्रेन चल पडी। यह थी जन्मभूमि एक्सप्रेस (1910...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहाँ क्लिक करें । 18 अगस्त 2012 सुबह दो बजे सही समय पर ट्रेन राजकोट पहुंच गई। अहमदाबाद ...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहाँ क्लिक करें । 17 अगस्त 2012 आज का दिन बहुत खराब रहा। बल्कि खराबी रात से ही आनी शुरू ...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहाँ क्लिक करें । 16 अगस्त 2012 चार बजे अपने आप आंख खुल गई। यह शोरानूर जंक्शन था। यहां स...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहाँ क्लिक करें । 15 अगस्त 2012 आज स्वतन्त्रता दिवस है। असोम से मेरे जो साथी तीन दिनों स...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहाँ क्लिक करें । 14 अगस्त 2012 कल बुखार हो जाने के कारण कमजोरी आ गई थी, लेकिन अब बुखार ...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये 13 अगस्त 2012 आंख खुली अण्डाल पहुंचकर। वैसे तो ट्रेन का यहां ठहराव नहीं है लेकिन दुर्गाप...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । आंख खुली दीमापुर जाकर। ट्रेन से नीचे उतरा। नागालैण्ड में घुसने का एहसास ...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । आज का दिन मेरे घुमक्कडी इतिहास के मील का पत्थर है। असोम के बारे में जो भ...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । आज का दिन बेहद शानदार रहा। कल की सारी थकान मिट गई। आंख खुली छह बजे के आस...
8 अगस्त 2012 की सुबह मैं नाइट ड्यूटी से निपटकर घर पहुंचा। आज रात पौने बारह बजे जैसे ही नई दिल्ली से पूर्वोत्तर सम्पर्क क्रान्ति रवाना ह...
8 अगस्त 2012 की सुबह मैं नाइट ड्यूटी से निपटकर घर पहुंचा। आज रात पौने बारह बजे जैसे ही नई दिल्ली से पूर्वोत्तर सम्पर्क क्रान्ति रवाना ह...
एक रेल यात्रा याद आ रही है। इसका मैंने आज तक कभी भी जिक्र नहीं किया है। यह चार दिनों की यात्रा थी और इसमें चारों दिन पैसेंजर ट्रेनों में ह...
भारत परिक्रमा यात्रा शुरू होने वाली है। बडा उत्साह है मुझे इस यात्रा पर जाने का। मुझे पता है कि लगातार ट्रेनों में बैठे रहने से दो तीन दिन...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 13 जुलाई की शाम थी और मैं बेगनासताल से पोखरा के लिये वापस चल दिया। 7 बजकर...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । ज्यादा दूर नहीं चलना पडा और एक कच्ची सडक ऊपर की तरफ जाती दिख गई। आधे घण्ट...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 12 जुलाई 2012 की शाम पांच बजे तक मैं पोखरा पहुंच गया। मुझे पोखरा के बारे ...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । मैं रक्सौल स्टेशन पर था और थोडी देर में सीमा पार करके नेपाल में प्रविष्ट ह...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 11 जुलाई की सुबह छह बजे का अलार्म सुनकर मेरी आंख खुल गई। मैं ट्रेन में था...
इस यात्रा का कोई इरादा नहीं था। अचानक इतनी जल्दी सबकुछ हुआ कि मैं समझ ही पाया कि हो क्या रहा है। पिछले महीने ही गौमुख तपोवन गया था, आठ द...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । आज गौमुख तपोवन यात्रा की आखिरी किश्त है। इसकी शुरूआत एक मजेदार वाकये से कर...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 11 जून 2012 की सुबह पांच बजे अचानक मेरी आंख खुली। यह कुछ चमत्कार ही था क...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । पिछली बार मैंने बताया था कि हम मात्र एक रात के लिये ही तपोवन गये थे लेकिन...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 9 जून 2012 की दोपहर बाद ढाई बजे हम तीनों तपोवन पहुंच गये। इसकी समुद्र तल स...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । तपोवन के लिये चलने से पहले बता दूं कुछ बातें जो मैंने तपोवन से वापस आकर स...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 9 जून 2012 की सुबह थी। मैं सोकर उठा तो देखा कि टैंट में अकेला ही पडा था। ...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 8 जून 2012 की सुबह नौ बजे हमने गौमुख के लिये प्रस्थान कर दिया। मेरे साथ ए...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 7 जून 2012 को जब हम उत्तरकाशी फॉरेस्ट कार्यालय से गौमुख जाने का परमिट बनव...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 6 जून 2012 की शाम तक हम उत्तरकाशी पहुंच गये थे। लगातार बारह घण्टे हो गये ...
अक्सर ऐसा होता है कि जब भी मैं कहीं जाने की योजना बनाता हूं तो पेट में मरोडे उठने लगते हैं। जी खुश हो जाता है कि इतने दिन और बचे हैं, मैं...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । पांच तारीख थी और साल था यही अपना दो हजार बारह। रात हो गई थी, अन्धेरा भी ह...