18 फरवरी 2018 हम दार्जिलिंग केवल इसलिए आए थे ताकि रेलवे लाइन के साथ-साथ न्यू जलपाईगुड़ी तक यात्रा कर सकें। वैसे तो मेरी इच्छा न्यू जलपाईगुड़ी से दार्जिलिंग तक इस ट्रेन में ही यात्रा करने की थी, लेकिन बहुत सारी योजनाओं को बनाने और बिगाड़ने के बाद तय किया कि दार्जिलिंग से न्यू जलपाईगुड़ी तक मोटरसाइकिल से ही यात्रा करेंगे, ट्रेन के साथ-साथ। दार्जिलिंग से न्यू जलपाईगुड़ी की एकमात्र ट्रेन सुबह आठ बजे रवाना होती है। हम छह बजे ही उठ गए थे। यह देखकर अच्छा लगा कि होटल वालों ने हमारी मोटरसाइकिल बाहर सड़क किनारे से हटाकर होटल के अंदर खड़ी कर दी थी। वैसे तो उन्होंने कल वादा किया था कि रात दस-ग्यारह बजे जब रेस्टोरेंट बंद होने वाला होगा, तो वे मोटरसाइकिल अंदर खड़ी करने के लिए हमें जगा देंगे। पता नहीं उन्होंने आवाज लगाई या नहीं, लेकिन मोटरसाइकिल हमें भीतर ही खड़ी मिली। हमें शहर अच्छे नहीं लगते, इसलिए दार्जिलिंग भी नहीं घूमना था। लेकिन जब छह बजे उठ गए तो क्या करते? बाजार में चले गए। कल भी इधर आए थे और मीट की बड़ी-बड़ी दुकानें देखकर नाक सिकोड़ते हुए लौट गए थे। अब सुबह-सुबह का समय था और सभी दुकानें बंद थीं। टैक्सी ...
नीरज मुसाफिर का यात्रा ब्लॉग