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रूपकुण्ड का यात्रा वृत्तान्त तो खत्म हो गया है। आज कुछ और सामान्य जानकारी दी जायेगी, जो बाद में जाने वालों के काम आयेगी।
रूपकुण्ड के यात्रा मार्ग में एक बेहद खूबसूरत बुग्याल आता है- बेदिनी बुग्याल। इसका पडोसी आली बुग्याल है। बेदिनी के बाद रूपकुण्ड जाने का एक ही रास्ता है जबकि बेदिनी जाने के दो रास्ते हैं- लोहाजंग से कुलिंग, वान होते हुए और लोहाजंग से कुलिंग, दीदना, आली बुग्याल होते हुए। लोहाजंग से कुलिंग होकर वान तक मोटर योग्य सडक बनी है लेकिन इस पर कोई बस नहीं चलती। बसें लोहाजंग तक ही आती हैं। लोहाजंग से वान जाने के लिये दिन भर में गिनी चुनी जीपें चलती हैं, यात्रियों की अपनी गाडियां भी चलती हैं, नहीं तो पैदल भी जाया जा सकता है- दूरी दस किलोमीटर है।
अब प्रस्तुत हैं इस यात्रा मार्ग के छोटे-छोटे टुकडों की जानकारी:
1. वान से बेदिनी बुग्याल: बेहतरीन पगडण्डी बनी है, हो सकता है कि एक बार किसी से पूछना पडे कि बेदिनी का रास्ता किधर से जाता है। एक बार रास्ता पकड लेंगे तो दोबारा नहीं पूछना पडेगा। वान से शुरूआत में मध्यम स्तर की चढाई है। लगभग तीन किलोमीटर के बाद रास्ता नीचे उतरने लगता है और नीलगंगा के पुल तक उतरता जाता है। वान की ऊंचाई 2460 मीटर है, तीन किलोमीटर के बाद ऊंचाई 2717 मीटर तक पहुंच जाती है, इसके बाद नीलगंगा का पुल 2558 मीटर पर है। नीलगंगा के बाद तीव्र चढाई शुरू होती है। पांच किलोमीटर बाद बेदिनी बुग्याल की सीमा में घुस जाते हैं, बुग्याल शुरू हो जाता है। यहां से कैम्प साइट करीब डेढ किलोमीटर दूर है। बेदिनी बुग्याल की ऊंचाई 3473 मीटर है।
2. लोहाजंग से दीदना: यह लोहाजंग से बेदिनी जाने वाला दूसरा रास्ता है। पहला रास्ता वान से होकर है, जिसका वर्णन ऊपर किया जा चुका है। लोहाजंग से वान रोड पर चार किलोमीटर बाद कुलिंग गांव आता है। कुलिंग से नीलगंगा के दूसरी तरफ दीदना दिखाई पडता है। दीदना जाने के लिये पहले नीचे उतरना पडता है, फिर नीलगंगा पार करके ऊपर चढना होता है। इस रास्ते में जहां कुलिंग से नीलगंगा तक जबरदस्त तेज उतराई है, वहीं नीलगंगा पार करके दीदना तक चढाई भी जबरदस्त है। कुलिंग से दीदना की दूरी करीब चार किलोमीटर है, जिसमें पुल बीच में पडता है। लोहाजंग की ऊंचाई 2350 मीटर, कुलिंग 2310 मीटर, नीलगंगा का पुल 1950 मीटर और दीदना 2433 मीटर पर है।
इसके अलावा लोहाजंग से बिना कुलिंग पहुंचे सीधे पुल तक भी एक रास्ता है, लेकिन इसका इस्तेमाल बहुत कम होता है।
3. दीदना से बेदिनी वाया आली बुग्याल: दीदना से चढाई बरकरार रहती है। करीब दो किलोमीटर आगे तोलपानी नामक जगह है, जहां कुछ घर हैं। यह तीव्र चढाई आली बुग्याल पर जाकर खत्म होती है। आली पहुंचकर त्रिशूल चोटी के दर्शन होते हैं। आली से बेदिनी करीब तीन किलोमीटर है, लेकिन रास्ता बुग्याल से होकर ही है, इसलिये कब कट जाता है, पता भी नहीं चलता। दीदना 2433 मीटर, तोलपानी 2872 मीटर, आली बुग्याल 3450 मीटर और बेदिनी बुग्याल 3473 मीटर की ऊंचाई पर हैं।
इसके अलावा एक शॉर्ट कट दीदना से सीधा आली बुग्याल भी जाता है।
4. बेदिनी बुग्याल से पत्थर नाचनी: पत्थर नाचनी को पातर नचौणियां भी कहते हैं। बेदिनी कैम्प साइट से आधा किलोमीटर आगे बेदिनी कुण्ड है। रास्ता बुग्याल से होकर ही जाता है, इसलिये महीन सी चढाई है। यही चढाई चार किलोमीटर दूर पत्थर नाचनी तक रहती है। पत्थर नाचनी की ऊंचाई समुद्र तल से 3892 मीटर है। यह इस यात्रा का एक आसान भाग है। पत्थर नाचनी में फाइबर के हट्स भी हैं।
5. पत्थर नाचनी से कालू विनायक: बुग्याल खत्म और फिर से एक जी-तोड चढाई। दूरी ढाई किलोमीटर है और हम पहुंच जाते हैं 4324 मीटर पर।
6. कालू विनायक से भगुवाबासा: बेहद आसान रास्ता और नीचे उतरता हुआ भी। धीरे धीरे नीचे उतरता हुआ डेढ किलोमीटर के इस भाग में ऊंचाई 4324 मीटर से गिरकर 4276 मीटर पर पहुंच जाती है। भगुवाबासा में कैम्प साइट है, फाइबर के सरकारी हट भी बने हैं।। ज्यादातर लोग सुबह आराम से बेदिनी बुग्याल से चलकर भगुवाबासा तक ही आते हैं और रात्रि विश्राम करके अगले दिन आगे बढते हैं। एक बात और कि बेदिनी बुग्याल के बाद भगुवाबासा में ही पानी मिलता है। बेदिनी से इसकी दूरी आठ किलोमीटर है।
7. भगुवाबासा से रूपकुण्ड: दूरी पांच किलोमीटर है और आखिरी एक किलोमीटर तो जानलेवा है। शुरूआती चार किलोमीटर तक अच्छा रास्ता बना है, यह रास्ता गूगल मैप में भी नजर आता है। लेकिन हवा की कमी साफ महसूस होती है। आखिरी एक किलोमीटर खडी चढाई है और टूटे पत्थरों की बजरी से होकर जाता है। यहां स्लेटी चट्टानें हैं, जो धूप और छांव में जल्दी टूटती हैं। ऊपर से उनके टूटे टुकडे भी गिरते रहते हैं। इसी हिस्से में सर्वाधिक मौतें होती हैं। भगुवाबासा जहां 4276 मीटर पर है, वही रूपकुण्ड की ऊंचाई 4782 मीटर है।
रूपकुण्ड से आगे दो दिशाओं में ऊंची ऊंची खडी विशाल चट्टानें हैं जिन पर चढना लगभग असम्भव है। तीसरी दिशा में जूनारगली दर्रा है जहां से होकर दूसरी तरफ जाया जा सकता है। जिन्हें जूनारगली दर्रा पार करना होता है, वे सुबह भगुवाबासा से चलकर दोपहर होने से पहले पार कर लेते हैं। दोपहर बाद हिमालय के हर उच्च इलाके की तरह यहां भी बादल आ जाते हैं और मौसम खराब हो जाता है।
जूनारगली से आगे शिलासमुद्र ग्लेशियर और होमकुण्ड प्रमुख हैं।
लोहाजंग कैसे जायें: ये थी कहानी लोहाजंग से रूपकुण्ड जाने की। अब बात करते हैं कि लोहाजंग कैसे जायें। लोहाजंग राजनैतिक रूप से चमोली जिले में है यानी गढवाल में। लेकिन भौगोलिक रूप से कुमाऊं और गढवाल की सीमा पर है। अगर हरिद्वार से चलें तो सबसे पहले बद्रीनाथ मार्ग पर बसे कर्णप्रयाग जाना पडेगा। यहां से सिमली, थराली, देवाल, मुण्डोली और लोहाजंग। इसी तरह अगर हल्द्वानी से चलें तो काठगोदाम, अल्मोडा, सोमेश्वर, कौसानी, बैजनाथ, ग्वालदम, थराली, देवाल, मुण्डोली और लोहाजंग। ग्वालदम से बिना थराली जाये सीधे देवाल भी जाया जा सकता है लेकिन आज के समय में वो सडक इतनी खराब है कि थराली के रास्ते जाना ही ज्यादा उपयुक्त रहता है। दोनों रास्तों से थराली तक बसें और जीपें आसानी से उपलब्ध हैं। थराली के बाद इनकी उपलब्धता कम हो जाती है। वैसे ऋषिकेश से सीधे लोहाजंग के लिये भी सुबह सवेरे एक बस चलती है।
इस चित्र में लोहाजंग से वान और दीदना दोनों रास्तों से रूपकुण्ड जाने का रास्ता दिखाया गया है। चित्र को बडा करके देखने के लिये इस पर क्लिक करें। नीले निशान वे जगहें हैं जहां का मैंने जीपीएस डाटा लिया। |
लोहाजंग से रूपकुण्ड का एक चित्र यह भी। |
ऊपर वाले चित्र में लोहाजंग से रूपकुण्ड तक दूरी और ऊंचाई को प्रदर्शित करता ग्राफ बनाया गया है। लाल रेखा वान के रास्ते को दिखा रही है जबकि काली रेखा दीदना के रास्ते को। सभी स्थानों की ऊंचाई जीपीएस से ली गई है जबकि दूरियों में एक किलोमीटर तक का उतार-चढाव हो सकता है।
मेरे पास Nokia 5800 XpressMusic मोबाइल है, जिसमें जीपीएस भी है। मैं हर पन्द्रह मिनट में या आधे घण्टे में जीपीएस से डाटा ले लेता था और नोट करता रहता था। लगातार जीपीएस ऑन नहीं रख सकता था क्योंकि चार दिनों तक के लिये बैटरी ऐसा करने में सक्षम नहीं होती। इस तरह डाटा लेने से ऊंचाई तो ठीक मिलती है, लेकिन दूरियों में गडबड हो जाती है। क्योंकि पहाडों पर हम दो स्थानों के बीच चलते ज्यादा हैं... टेढे मेढे रास्ते से... जबकि जीपीएस उन्हीं बिन्दुओं के बीच कम दूरी दिखाता है... बिल्कुल सीधे रास्ते से।
यह रहा वो डाटा जो मैंने अपनी डायरी में नोट किया.... ताकि इस तकनीक को जानने वाले इससे और ज्यादा फायदा उठा सकें। पूर्ण सावधानी बरती गई है लेकिन टाइपिंग में गलती की सम्भावना है।
लोहाजंग- वान- बेदिनी बुग्याल- रूपकुण्ड
लोहाजंग- वान- बेदिनी बुग्याल- रूपकुण्ड
अक्षांश, देशान्तर | ऊंचाई | विवरण |
---|---|---|
30°08'25.04", 79°37'02.86" | 2351 | लोहाजंग से आगे |
30°08'24.08", 79°36'52.02" | 2359 | |
30°09'05.73", 79°37'14.66" | 2367 | |
30°09'26.13", 79°36'53.48" | 2366 | |
30°09'39.29", 79°37'15.97" | 2310 | कुलिंग |
30°10'04.00", 79°37'00.53" | 2288 | |
30°10'27.92", 79°37'32.33" | 2310 | |
30°10'57.22", 79°37'37.70" | 2291 | |
30°12'16.75", 79°37'11.06" | 2460 | वान |
30°12'17.13", 79°37'20.89" | 2517 | |
30°12'05.98", 79°37'33.91" | 2580 | |
30°11'58.86", 79°37'53.32" | 2675 | |
30°11'49.75", 79°38'02.71" | 2717 | |
30°12'07.90", 79°38'22.78" | 2558 | नीलगंगा का पुल |
30°12'11.32", 79°38'22.65" | 2645 | |
30°12'12.71", 79°38'33.20" | 2821 | |
30°12'12.21", 79°38'39.66" | 2880 | |
30°12'21.09", 79°38'49.92" | 3078 | |
30°12'16.30", 79°39'08.04" | 3184 | गैरोली पाताल |
30°12'07.35", 79°39'26.48" | 3387 | |
30°12'06.37", 79°39'29.54" | 3428 | बेदिनी शुरू |
30°12'19.44", 79°39'45.00" | 3473 | बेदिनी कैम्प साइट |
30°12'56.39", 79°41'00.47" | 3850 | |
30°13'16.82", 79°41'13.46" | 3940 | |
30°14'11.70", 79°41'31.26" | 3892 | पत्थर नाचनी |
30°14'29.08", 79°41'48.22" | 4000 | |
30°14'39.99", 79°41'47.97" | 4115 | |
30°14'48.49", 79°42'01.91" | 4266 | |
30°14'51.96", 79°42'04.73" | 4324 | कालू विनायक |
30°14'51.03", 79°42'26.20" | 4290 | |
30°15'06.80", 79°42'46.02" | 4276 | भगुवाबासा |
30°15'04.70", 79°43'02.22" | 4303 | |
30°15'17.07", 79°43'25.23" | 4400 | |
30°15'21.22", 79°43'33.90" | 4480 | |
30°15'35.42", 79°43'42.87" | 4563 | |
30°15'41.87", 79°43'45.49" | 4615 | |
30°15'44.75", 79°43'51.44" | 4782 | रूपकुण्ड के किनारे |
कुलिंग- दीदना- आली बुग्याल- बेदिनी बुग्याल
अक्षांश, देशान्तर | ऊंचाई | विवरण |
---|---|---|
30°09'39.29", 79°37'15.97" | 2310 | कुलिंग |
30°09'32.50", 79°37'24.02" | 2150 | |
30°10'08.69", 79°37'38.82" | 1987 | नीलगंगा का पुल |
30°09'55.17", 79°38'02.34" | 2433 | दीदना |
30°09'48.36", 79°38'09.54" | 2523 | |
30°09'39.98", 79°38'14.97" | 2745 | |
30°09'12.80", 79°38'42.42" | 2872 | तोलपानी |
30°09'10.55", 79°38'48.93" | 3060 | |
30°09'08.40", 79°38'59.05" | 3140 | |
30°09'40.00", 79°38'57.63" | 3240 | |
30°11'07.85", 79°39'35.73" | 3450 | आली बुग्याल |
30°12'19.44", 79°39'45.00" | 3473 | बेदिनी बुग्याल |
रूपकुण्ड यात्रा
1. रूपकुण्ड यात्रा की शुरूआत
2. रूपकुण्ड यात्रा- दिल्ली से वान
3. रूपकुण्ड यात्रा- वान से बेदिनी बुग्याल
4. बेदिनी बुग्याल
5. रूपकुण्ड यात्रा- बेदिनी बुग्याल से भगुवाबासा
6. रूपकुण्ड- एक रहस्यमयी कुण्ड
7. रूपकुण्ड से आली बुग्याल
8. रूपकुण्ड यात्रा- आली से लोहाजंग
9. रूपकुण्ड का नक्शा और जानकारी
पहाड़ों के सीधे रास्ते तो बड़े गहरे होते हैं।
ReplyDeleteनीरज जी घुमक्कडो के लिए बहुत ही प्रेरणा दायक जानकारी हैं. धन्यवाद आपका बहुत बहुत....
ReplyDeletebahut hi sundar vibaran or jaankariyan anya logon ka marg darshan karegee.
ReplyDeleteshubh kamnaaoooo ke sath
जय हो घुम्मकडी जिंदाबाद । आप न सिर्फ़ घूमते हैं बल्कि उसे जिस सलीके और जानकारीपूर्ण तथ्यों के साथ यहां रखते हैं वो और ज्यादा कमाल लगता है । इस पूरे ब्लॉग की एक पुस्तक बन जानी चाहिए ।
ReplyDeleteकुछ बिखरा ,बेसाख्ता , बेलौस , बेखौफ़ ,बिंदास सा
coordinates देकर बहुत अच्छा किया. दिमाग में चित्र बन गया.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteनीरज जी..आपका पूरा पोस्ट कई कई बार पढ़ा..बहुत रोचक और जानकारी से भरी है ये पोस्ट..आगामी 10 नवंबर को रूपकूंड जाने का प्लान है..यात्रा दिल्ली से अपनी कार के माध्यम से किया जाएगा कोई साथी ना मिलने के कारण अकेले ही जा रहा हूँ , कृपया किसी गाइड का संपर्क नंबर दे दीजिए(देवेंद्रा के अलावा)ताकि वो गाइड और पोर्टर दोनो का काम कर सके..एक बात और ,,की अगर आप लोहजंग से सड़क की स्थिति वान( बाढ़ के बाद की हालात) तक बता सके तो बड़ी मेहरबानी होगी..आपके जवाब की इंतजार मे..........
ReplyDeletei talked to you Neeraj sir ...you picked phone its all my pleasure......
ReplyDeleteBehtarin Neerajbhai
ReplyDeleteनीरज जी मै गढवाल से ही हुं हमे तो यहा पर हर एक जगह एक सी लगती हैं पर आप ने जिस प्रकार यात्रा के दौरान छोटी -2 घटनाओं का सुन्दर सजीव वर्णन करते है पढकर मन.हर्षोल्लास से भर उठता हैं!
ReplyDeleteWha sir....lajawab likhte h aap
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी तरह से यात्रा का वणंन और सजीव चित्रण बघाई हो नीरज जी
ReplyDeleteआपके द्वारा रूपकुण्ड की दी हुई यात्रावृतांत बहुत रोचक लगी,पढ़कर बहुत सी जानकारियां प्राप्त हुई,
ReplyDeleteइस वर्ष मुझे भी वहां जाने की इच्छा है,ग्वालदम तक मैं दो बार जा चुका हूँ लेकिन मौसम ने हमेशा मुझे वहां जाने से रोक दिया,
इस बार प्रण किया है कि जैसे भी हो जाना ही है,आप कुछ और जानकारी बता सकें कि कौपास समय सबसे बेहतर रहेगा रूपकुण्ड जाने का?
जिससे मुझे प्रोग्राम बनाने में आसानी हो सके,
आपके जवाब का इन्तजार रहेगा🙏