2011 की घुमक्कडी का लेखा-जोखा
2011 चला गया। यह एक ऐसा साल था जिसमें अपनी घुमक्कडी खूब परवान चढी। जहां एक तरफ ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के बर्फीले पहाडों में जाना हुआ, व...
नीरज मुसाफिर का यात्रा ब्लॉग
2011 चला गया। यह एक ऐसा साल था जिसमें अपनी घुमक्कडी खूब परवान चढी। जहां एक तरफ ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के बर्फीले पहाडों में जाना हुआ, व...
इस यात्रा वृत्तान्त को आरम्भ से पढने के लिये यहां क्लिक करें । सुरकण्डा देवी गढवाल में बहुत प्रसिद्ध शक्तिपीठ है। इसकी दूर-दूर तक मान्य...
इस यात्रा वृत्तान्त को आरम्भ से पढने के लिये यहां क्लिक करें । रात जब सोये थे तो मसूरी घूमने की बात सोचकर सोये थे। सुबह पता चला कि गन ह...
इस यात्रा वृत्तान्त को आरम्भ से पढने के लिये यहां क्लिक करें । मन्दिर से निकलकर फिर मसूरी की तरफ चल पडे। रास्ते में एक जगह सडक के बराबर...
इस यात्रा वृत्तान्त को आरम्भ से पढने के लिये यहां क्लिक करें । मसूरी यात्रा पर जाने से पहले बहुत दूर-दूर जाने का प्रोग्राम बना लिया था।...
शाकुम्भरी देवी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है। रोजाना हजारों श्रद्धालु यहां देवी के दर्शन के लिये पहुंचते हैं। ...
1 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक हम पिण्डारी ग्लेशियर की यात्रा पर थे। कुल मिलाकर 8 दिन बनते हैं और खर्च आया 2624 रुपये। शुरू से लेकर आखिर तक ह...
इस यात्रा वृत्तान्त को आरम्भ से पढने के लिये यहां क्लिक करें । पिण्डारी ग्लेशियर उत्तराखण्ड के कुमाऊं मण्डल में बागेश्वर जिले में स्थित...
इस यात्रा वृत्तान्त को आरम्भ से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 6 अक्टूबर 2011, आज हमें खाती से वापस चल देना था। जो कार्यक्रम दिल्ली से चल...
इस यात्रा वृत्तान्त को आरम्भ से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 5 अक्टूबर 2011 का दिन था वो। मैं और अतुल द्वाली में थे जबकि हमारे एक और स...
इस यात्रा वृत्तान्त को आरम्भ से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 4 अक्टूबर 2011 की सुबह करीब छह बजे मेरी आंख खुल गई। देखा कि ‘होटल’ माल...
इस यात्रा वृत्तान्त को आरम्भ से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 3 अक्टूबर 2011 की सुबह करीब सात बजे कुछ हलचल सी सुनकर अपनी आंख खुली। याद...
इस यात्रा वृत्तान्त को आरम्भ से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 2 अक्टूबर 2011 की सुबह हम बागेश्वर में थे। बागेश्वर उत्तराखण्ड के कुमाऊं...
जरूरी सूचना: इस यात्रा वृत्तान्त को पढने से पहले यह जान लें कि हम पिण्डारी और कफनी दोनों ग्लेशियरों तक गये लेकिन खराब मौसम के कारण ना पिण...
इस यात्रा वृत्तान्त को आरम्भ से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 23 अगस्त 2011 की रात को करीब नौ बजे मैं पुरी रेलवे स्टेशन पहुंच गया। मुझे...
इस यात्रा वृत्तान्त को आरम्भ से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 23 अगस्त 2011 को दोपहर तक कोणार्क से मैं वापस पुरी आ गया। टम्पू वाले ने ...
इस यात्रा वृत्तान्त को आरम्भ से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 23 अगस्त 2011 को सुबह नौ बजे मैं पुरी स्टेशन पर पहुंचा। पुरी देखने से ज्...
इस यात्रा वृत्तान्त को आरम्भ से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 22 अगस्त 2011, दिन था सोमवार। हावडा से दोपहर बाद दो बजकर आठ मिनट पर खडग...
इस यात्रा वृत्तान्त को आरम्भ से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 22 अगस्त को सुबह सवेरे साढे छह बजे जैसे ही नई दिल्ली-हावडा एक्सप्रेस (1...
पिछले महीने कुछ ऐसा योग बना कि अपन को बिना छुट्टी लगाये ही चार दिन की छुट्टी मिल गई। इतनी छुट्टी और बरसात का महीना- घूमना तय था। हां, बरस...
इस साल रेल एडवेंचर के क्रम में मैंने अपना मकसद बनाया था कि नैरो गेज और मीटर गेज ट्रेनों में घूमना है। सतपुडा नैरो गेज , धौलपुर नैरो गेज ...
रेल यात्राओं के क्रम में एक दिन कार्यक्रम बना लोहारू-सीकर मीटर गेज लाइन का। वैसे तो जयपुर से सीकर जंक्शन तक मीटर गेज जाती है। सीकर से आगे...
श्रीखण्ड महादेव हिमाचल प्रदेश में रामपुर बुशहर के पास एक 5200 मीटर ऊंची चोटी है। इतनी ऊंचाई तक चढना हर किसी के बस की बात नहीं होती। वे ...
22 जुलाई 2011 की शाम को हम चारों- मैं, सन्दीप पंवार , नितिन और विपिन पांवटा साहिब (पौण्टा साहिब) में थे। पांवटा साहिब हिमाचल प्रदेश में सि...
बहुत दिनों से सुन रखा था कि कालसी में अशोक का शिलालेख है। वही सम्राट अशोक जिसने कलिंग (उडीसा) को फतेह करने के बाद लडना छोड दिया था और बौद्...
अपनी श्रीखण्ड यात्रा पूरी करने के बाद हमारी योजना रामपुर से रोहडू, आराकोट, त्यूनी और चकराता होते हुए वापस आने की थी। आराकोट में हम हिमाचल...
जुलाई में जब हम श्रीखण्ड जा रहे थे तो इसी यात्रा में जलोडी जोत देखने का कार्यक्रम भी बनाया। शिमला से करीब 90 किलोमीटर आगे सैंज है। यहां ...
बहुत दिन पहले मैं कुल्लू जिले का नक्शा देख रहा था और उसमें भी कुल्लू का वो इलाका जो पर्यटकों में बिल्कुल भी मशहूर नहीं है लेकिन घुमक्कडों...
श्रीखण्ड महादेव जाते समय जब हम पिंजौर पहुंचे तो भूख काफी तेज लग रही थी। पिंजौर चण्डीगढ से करीब बीस किलोमीटर आगे शिमला रोड पर है। लेकिन अ...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । उस सुबह हम रामपुर में थे। रामपुर बुशैहर- बुशैहर राज्य की नवीनतम राजधानी। प...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । दिनांक 21 जुलाई और दिन था गुरूवार। हम तीनों- मैं, सन्दीप और विपिन श्रीखण्...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । तारीख थी 20 जुलाई 2011 और दिन था बुधवार। आज हमें श्रीखण्ड महादेव के दर्शन...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 20 जुलाई 2011 दिन बुधवार। हम तीन जने श्रीखण्ड अभियान पर थे और उस दिन सुबह ...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 19 जुलाई 2011 दिन मंगलवार। हमारी श्रीखण्ड यात्रा जारी थी। मुझे थाचडू से पह...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । तारीख थी 18 जुलाई और दिन था सोमवार। यात्रा भी शिवजी की और दिन भी शिवजी का।...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 17 जुलाई रविवार की सुबह थी जब मुझे नारकण्डा में उठाया गया। चाय पी, कुछ ‘ज...
16 जुलाई का दिन कुछ खास था। हमेशा की तरह नाइट ड्यूटी की और संदीप के साथ निकल लिया श्रीखण्ड अभियान पर। श्रीखण्ड महादेव हिमाचल प्रदेश में श...
सावन का महीना शुरू हो गया है। जिस तरह फरवरी मार्च में फागुन का नशा होता है उसी तरह इस मौसम में सावन का नशा होता है। मैं अपनी बात कर रहूं,...
बात पिछले साल अक्टूबर की है। अपनी रेल यात्राओं के सिलसिले को आगे बढाते हुए मैं जोधपुर पहुंच गया। वैसे मुझे जोधपुर में कोई काम था भी नहीं ...
बात तीन साल पुरानी है। तब तक मैं गुडगांव में लगी-लगाई नौकरी छोड चुका था, हरिद्वार की तरफ मुंह उठ चुका था लेकिन कुल मिलाकर बेरोजगार ही था।...
मुझे नई-नई रेलवे लाइनों पर घूमने का शौक है। करता ये हूं कि किसी भी लाइन पर सुबह को चलने वाली पैसेंजर गाडी पकड लेता हूं और बैठा रहता हूं, ...
करेरी यात्रा मेरे यात्रा इतिहास की बहुत खास यात्रा रही। यह पहली ऐसी यात्रा थी जहां मैं धार्मिक स्थान पर न जाकर खालिस घुमक्कड स्थान पर गय...
इस वृत्तान्त को पूरा और शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । मैं और गप्पू करेरी झील के लिये दिल्ली से 23 मई की सुबह शाने...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । मई 2011 को सुबह लगभग दस बजे मैं और गप्पू करेरी झील से वापस चल पडे। हमें यह...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 26 मई 2011 की सुबह सुबह मेरी आंख खुली। जमीन कुछ ऊबड-खाबड सी लगी। अच्...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 25 मई 2011 की दोपहर थी। हम करेरी झील की तरफ जा रहे थे। रास्ते में एक ज...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 25 मई 2011 की सुबह थी, जब मैं और गप्पू अपनी घुमक्कडी को नये आयाम देने क...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । नड्डी एक पहाडी की चोटी पर बसा है। इससे एक तरफ काफी नीचे उतरने पर गतडी ग...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 24 मई 2011 की दोपहर बाद मैं और गप्पू मैक्लोडगंज से नड्डी की ओर चल पडे। ...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । हमारी करेरी झील की असली यात्रा शुरू होती है धर्मशाला से। 23 मई की आधी र...
क्या चीज है हिमालय भी!! जितनी बार जाओ, उतना ही बुलाता है। मुझे इसकी गुफाएं और झीलें बहुत आकर्षित करती हैं। पिछली तीन यात्राओं- मदमहेश्वर...
अभी पिछले दिनों की बात है कि आपना दिमाग फिर गया और मैं धौलपुर चला गया। कारण था कि धौलपुर से जो छोटी लाइन की गाडी चलती है, उसमें सफर करना ...
मेरी केदारनाथ यात्रा को पढने के लिये यहां क्लिक करें । मैं केदारनाथ के अलावा त्रियुगी नारायण और तुंगनाथ भी गया। दिल्ली से निकलने के बाद ...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 21 अप्रैल 2011 को दोपहर बाद तीन बजे मैं तुंगनाथ से नीचे उतरकर चोपता पहुं...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 22 अप्रैल 2011 को दोपहर होने से पहले मैं चोपता से तुंगनाथ पहुंच गया। त...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 21 अप्रैल 2011 को जब हम त्रियुगी नारायण में बैठे चाय पी रहे थे तो चायवा...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 21 अप्रैल की सुबह आठ बजे मैं सोकर उठा। पहले पहल तो यकीन ही नहीं हुआ कि ...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 20 अप्रैल 2011 की सुबह गुप्तकाशी से चलकर दोपहर ढाई तीन बजे तक हम केदारन...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 20 अप्रैल 2011 को दोपहर तक हम रामबाडा पार कर चुके थे। रामबाडा गौरीकु...