रेल यात्राओं के क्रम में एक दिन कार्यक्रम बना लोहारू-सीकर मीटर गेज लाइन का। वैसे तो जयपुर से सीकर जंक्शन तक मीटर गेज जाती है। सीकर से आगे दो दिशाओं में विभक्त हो जाती हैं- एक चली जाती है चुरू और दूसरी जाती है लोहारू। चुरू और लोहारू दोनों अब बडी लाइन से सीधे दिल्ली से जुड गये हैं। रेवाडी-सादुलपुर लाइन पर लोहारू है और सादुलपुर-रतनगढ लाइन पर चुरू।
उस दिन मैं नाइट ड्यूटी करके सुबह सराय रोहिल्ला स्टेशन पर जा पहुंचा। यहां से दिल्ली सराय-सादुलपुर एक्सप्रेस (14705) चलती है जो बारह बजे लोहारू पहुंचा देती है। इस रूट पर चलने वाली सभी गाडियां अभी लगभग खाली ही दौडती हैं। इसलिये जनरल डिब्बे में आराम से लेटने वाली बर्थ मिल गई। बारह बजे का अलार्म लगाया और टाइम पर लोहारू पहुंच गया।
यहां से मीटर गेज की गाडी जयपुर स्पेशल पैसेंजर (02094) बारह चालीस पर चलती है। इस इलाके में तीन-चार साल पहले मीटर गेज लाइनों का जाल बिछा था- दिल्ली-रेवाडी-सादुलपुर-रतनगढ-बीकानेर, रेवाडी-रींगस-फुलेरा, लोहारू-सीकर-जयपुर, सादुलपुर-हिसार, सादुलपुर-हनुमानगढ-श्रीगंगानगर-सूरतगढ, चुरू-सीकर, रतनगढ-सरदारशहर, रतनगढ-डेगाना; ये सभी लाइनें मीटर गेज ही थीं। आज के टाइम में बस लोहारू-सीकर-जयपुर, चुरू-सीकर, रतनगढ-सरदारशहर और सादुलपुर-हनुमानगढ-श्रीगंगानगर लाइनें ही मीटर गेज हैं। बीकानेर बडी लाइन से दिल्ली से जुड गया है। बाकी लाइनों से जो गाडियां हटीं, उन्हें स्पेशल के तौर पर इन बची-खुची लाइनों पर डाल दिया गया है। इसलिये लोहारू-सीकर-जयपुर लाइन पर पैसेंजर गाडियों की भरमार है।
लोहारू जंक्शन हरियाणा में पडता है और इससे अगला स्टेशन भावधडी राजस्थान में। इसलिये आगे का पूरा रूट राजस्थान में ही गुजरता है- शेखावाटी इलाके में। शेखावाटी की हवेलियां बडी प्रसिद्ध हैं और अपनी कलात्मकता के लिये जानी जाती हैं। हालांकि मुझे इस गाडी को छोडकर कहीं हवेली आदि देखने तो जाना नहीं था। एक लिस्ट दे रहा हूं लोहारू से सीकर तक के सभी स्टेशनों की और उनकी समुद्र तल से ऊंचाई भी:
1. लोहारू जंक्शन (268.64 मीटर)
2. भावधडी
3. सूरजगढ (295 मीटर)
4. चिडावा (317 मीटर)
5. नारी खेतडी
6. रतन शहर (331 मीटर)
7. झुंझुनूं (338 मीटर)
8. नूआ (342 मीटर)
9. डूंडलोद मुकुन्दगढ (363 मीटर)
10. बलवन्तपुरा चेलासी
11. नवलगढ (422 मीटर)
12. जेरठी दादिया
13. सीकर जंक्शन (431 मीटर)
सीकर पहुंचते ही मैंने फिर से अपने सोने का इंतजाम कर लिया। गाडी जैसे ही रींगस पहुंची, अपन उतर गये। रींगस से शाम छह बजे के करीब रेवाडी पैसेंजर आती है। दस बजे तक रेवाडी और आधी रात तक वापस दिल्ली।
तो यह थी शेखावाटी में हमारी एक छोटी सी यात्रा। अभी जयपुर-चुरू मीटर गेज लाइन और रह गई है, इसे भी जल्दी ही पूरा करना है।
यह स्टेशन हरियाणा के भिवानी जिले में है।
लोहारू से अगला स्टेशन है- भावधडी जो राजस्थान के झुंझनू जिले में है।
यह है शेखावाटी इलाके का एक प्रमुख शहर झुंझनू।
मीटर गेज ट्रेन
सीकर पहुंचकर अपना काम खत्म हो जाता है।
इस तरह की यात्रा कभी कभी हम भी किया करते थे पर दिल्ली में .... जब जेब में आल-रूट पास होता था :)
ReplyDeleteबहुत सुन्दर जानकारी के लिए धन्यवाद|
ReplyDeleteरेलवे से आपके लगाव के क्या कहने. हमतो मीटर गेज में एक ही बार गए थे. मिरज से वास्को. अब वहां भी बड़ी लायीं आ गयी है. पहले लगता था की डब्बे एक दम छोटे होंगे. बर्थ में पैर फ़ैलाने की जगह नहीं होगी आदि. परन्तु कोई परेशानी नहीं हुई थी. नेरो गेज में तो गए हैं. बैठ कर.
ReplyDeleteअपनी रेलवे की खबर आपसे मिलती रहती है।
ReplyDeleteरेल चली, रेल चली...
ReplyDeleteसुन्दर जानकारी
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ReplyDeleteइस रेलयात्रा मे आपका फोटो क्यो नहि लगाया ।
ReplyDeleteअपने निश्चय को पूरा करने का भरपूर जूनून है आपमें.
ReplyDeletearey to is baar aap rajasthan yatra par the..padharo mhare des
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ReplyDeleteचलो हम भी चलते हैं ...
यात्रा में साथ देने के लिए धन्यवाद चौधरी , समय कब कट गया पता ही नहीं चला !
शुभकामनायें अगले सफ़र के लिए !
जब से शेखावाटी एक्सप्रेस दिल्ली आना बंद हुई है उसके बाद से अपने शहर सीकर का रेल्वे स्टेशन आज आपके ब्लॉग पर ही देखा है स्टेशन गए कई वर्ष गुजर गए|
ReplyDeleteऔर हाँ सीकर रेल्वे स्टेशन भवन को हेरिटेज का दर्जा मिल गया|
Invaluable Information
DeleteAb broad gauge ki baari Jaipur-Ringas-Sikar ki hai. Than only Mavli remain left for metet gauge service. Phuleta shed almost closed for meter gauge locomotives.
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