2016 की यात्राओं का लेखा-जोखा
यह साल बड़ा ही उलट-पुलट भरा रहा। जहाँ एवरेस्ट बेस कैंप जैसी बड़ी और यादगार यात्रा हुई, वहीं मणिमहेश परिक्रमा जैसी हिला देने वाली यात्रा भी हुई...
नीरज मुसाफिर का यात्रा ब्लॉग
यह साल बड़ा ही उलट-पुलट भरा रहा। जहाँ एवरेस्ट बेस कैंप जैसी बड़ी और यादगार यात्रा हुई, वहीं मणिमहेश परिक्रमा जैसी हिला देने वाली यात्रा भी हुई...
3 नवंबर 2016 सुबह नौ बजे जब मैं कमरे से बाहर निकला और बाइक के पास गया तो होश उड़ गये। इसकी और अन्य बाइकों की सीटों पर पाला जमा हुआ था। मतलब ब...
2 नवंबर, 2016 पता नहीं क्या बात थी कि हमें चोपता से तुंगनाथ जाने में बहुत दिक्कत हो रही थी। चलने में मन भी नहीं लग रहा था। हालाँकि चोपता से ...
1 नवंबर, 2016 सुबह पौड़ी से बिना कुछ खाये-पीये चले थे, अब भूख लगने लगी थी। लेकिन खाना खायेंगे तो नींद आयेगी और मैं इस अवस्था में बाइक नहीं चल...
1 नवंबर 2016 सुबह सात बजे जब उठे तो बाहर हल्की धुंध थी, अन्यथा पौड़ी से चौखंबा समेत कई चोटियाँ बहुत नज़दीक दिखायी देती हैं। फिर भी चौखंबा दिख ...
कल देश-दुनिया में दीपावली थी, लेकिन हमारा गाँव थोड़ा ‘एड़वांस’ चलता है। परसों ही दीपावली मना ली और कल गोवर्धन पूजा। हर साल ऐसा ही होता है। एक...
30 सितंबर 2016, भोपाल सुबह 06:40 बजे की ट्रेन थी। सुमित ने साढ़े चार बजे ही उठा दिया। उठाया, तब तो गुस्सा नहीं आया। लेकिन जब समय देखा, बड़ा ग...
हमें खंड़वा से बीड़ जाना था। वैसे तो बीड़ नामक एक जिला महाराष्ट्र में भी है। महाराष्ट्र वाले बीड़ में अभी रेल नहीं पहुँची है, काम चल रहा है। लेक...
29 सितंबर 2016 सुबह साढ़े पाँच बजे इंदौर रेलवे स्टेशन पर मैं और सुमित बुलेट पर पहुँचे। बाइक पार्किंग में खड़ी की और सामने बस अड्ड़े पर जाकर महू...
27 सितंबर, 2016 स्थान: अनंत पेट गाड़ी एक घंटे से भी ज्यादा विलंब से चल रही थी। ग्वालियर में कुछ नहीं खा पाया। ऊपर लेटा रहा और जब तक पता चलत...
यह एक दुखांत यात्रा रही और इसने मुझे इतना विचलित किया है कि मैं अपना सामाजिक दायरा समेटने के बारे में विचार करने लगा हूँ। कई बार मन ...
18 फरवरी 2016 आज इस यात्रा का हमारा आख़िरी दिन था और रात होने तक हमें कम से कम हरिद्वार या ऋषिकेश पहुँच जाना था। आज के लिये हमारे सामने दो वि...
17 फरवरी 2016 ज्यादा विस्तार से नहीं लिखेंगे। एक तो यात्रा किये हुए अरसा हो गया है, अब वृत्तांत लिखने बैठा हूं तो वैसा नहीं लिखा जाता, जैसा ...
इसी साल फरवरी में हमारी योजना शिमला जाने की बनी। उम्मीद थी कि इन दिनों तक बर्फ पड जायेगी और हम छोटी ट्रेन में बर्फीले रास्तों का सफर तय करें...
15 मार्च 2016 जब आणंद के उस 100 रुपये वाले आलीशान कमरे में मैं गहरी नींद में सोया हुआ था तो विमलेश जी का फोन आया- उठ जाओ। चार बज गये। वैसे ...
पिछले दिनों कुछ यात्रा पुस्तकें पढने को मिलीं। इनके बारे में संक्षेप में लिख रहा हूं: 1. कर विजय हर शिखर (प्रथम संस्करण, 2016) लेखिका: प्र...
14 मार्च 2016, सोमवार गुजरात मेल सुबह पांच बजे वडोदरा पहुंच गई और मैं यहीं उतर गया। वैसे इस ट्रेन में मेरा आरक्षण आणंद तक था। आणंद तक आरक्...
13 मार्च 2016 आज रविवार था। मुझे मुम्बई लोकल के अधिकतम स्टेशन बोर्डों के फोटो लेने थे। यह काम आसान तो नहीं है लेकिन रविवार को भीड अपेक्षाकृत...
12 मार्च 2016 अगर मुझे चांदोद न जाना होता, तो मैं आराम से सात बजे के बाद उठता और 07:40 बजे डभोई जाने वाली ट्रेन पकडता। लेकिन चांदोद केवल ए...
11 मार्च 2016 आज तो किसी भी तरह की जल्दबाजी करने की आवश्यकता ही नहीं थी। वडोदरा आराम से उठा और नौ बजे मियागाम करजन जाने के लिये गुजरात एक...
10 मार्च 2016 दहेज वैसे तो एक औद्योगिक क्षेत्र है, बन्दरगाह भी है लेकिन है बिल्कुल उजाड सा। यहां हाल ही में विकास शुरू हुआ है, इसलिये काम ह...
9 मार्च 2016 तो मैं पौने दो बजे उमरपाडा में था। स्टेशन से बाहर आकर छोटे से तिराहे पर पहुंचा। दो मिनट बाद एक बाइक वाले को हाथ दिया और तीन क...
9 मार्च 2016 मुम्बई से आने वाली अहमदाबाद पैसेंजर आधा घण्टा लेट थी लेकिन इतनी लेट भी नहीं थी कि मुझे कोसम्बा पहुंचने में विलम्ब हो जाये। को...
7 मार्च 2016 के दिन यह यात्रा आरम्भ की। मेरा मतलब दिल्ली से चल पडा। आठ दिनों की यह यात्रा थी जिसमें पश्चिम रेलवे की वडोदरा और मुम्बई डिवीजनो...
पुस्तक प्रकाशन की योजना तो काफी पहले से बनती आ रही थी लेकिन कुछ न कुछ समस्या आ ही जाती थी। सबसे बडी समस्या आती थी पैसों की। मैंने कई लेखकों ...
26 जनवरी 2016 सुबह उठे तो आसमान में बादल मिले। घने बादल। पूरी सम्भावना थी बरसने की। और बर्फबारी की भी। आखिर जनवरी का महीना है। जितना समय बी...
25 जनवरी 2016 साढे आठ बजे हम सोकर उठे। हम मतलब मैं और निशा। बाकी तो सभी उठ चुके थे और कुछ जांबाज तो गर्म पानी में नहा भी चुके थे। सहगल साह...
24 जनवरी 2016 दिसम्बर 2015 की लगभग इन्हीं तारीखों में हम तीन जने नागटिब्बा गये थे। वह यात्रा क्यों हुई थी, इस बारे में तो आपको पता ही है। म...
10 जनवरी 2016 कल की बात है। जब पौने पांच बजे रीकांग पीओ से बस आई तो इसमें से तीन-चार यात्री उतरे। एक को छोडकर सभी स्थानीय थे। वो एक बाहर क...
9 जनवरी 2016 कल जब हम दोरजे साहब के यहां बैठकर देर रात तक बातें कर रहे थे तो हिम तेंदुए के बारे में भी बातचीत होना लाजिमी था। किब्बर हिम ...
8 जनवरी 2016 बारह बजे के आसपास जब किब्बर में प्रवेश किया तो बर्फबारी बन्द हो चुकी थी, लेकिन अब तक तकरीबन डेढ-दो इंच बर्फ पड चुकी थी। स्पीति...
8 जनवरी 2016 सुबह उठा तो सबसे पहले बाहर रखे थर्मामीटर तक गया। रात न्यूनतम तापमान माइनस 6.5 डिग्री था। कल माइनस 10 डिग्री था, इसलिये आज उतनी...
7 जनवरी 2016 सुबह उठा तो देखा कि सुमित कमरे में नहीं था। वो जरूर बाहर टहलने गया होगा। कुछ देर बाद वो वापस आ गया। बोला कि वो उजाला होने से प...
6 जनवरी 2016 रीकांग पीओ से काजा की बस सुबह सात बजे चलती है। मैं छह बजे ही बस अड्डे पर पहुंच गया। जाते ही टिकट ले लिये- आगे की ही सीटें देना...
जनवरी में वैसे तो दक्षिण भारत की यात्रा उचित रहती है लेकिन हमने स्पीति जाने का विचार किया। हम यानी मैं और सुमित। डॉ. सुमित फ्रॉम इन्दौर। लेक...
रेलवे में सीनियर इंजीनियर शिवराज सिंह जी ने अपनी हर्षिल और गंगोत्री यात्रा का वर्णन भेजा है। हो सकता है कि यह वृत्तान्त आपको छोटा लगे ले...
27 नवम्बर 2015 ट्रेन नम्बर 51190... इलाहाबाद से आती है और इटारसी तक जाती है। इलाहाबाद से यह गाडी शाम सात बजे चलती है और अगली सुबह 06:10 बजे ...
मित्र सुनील गायकवाड ने अपनी जम्मू यात्रा का संक्षिप्त विवरण ‘मुसाफिर हूं यारों’ में प्रकाशन के लिये भेजा है। सुनील जी पुणे के रहने वाले ह...
25 नवम्बर 2015 आज का लक्ष्य था नागपुर और नागभीड के बीच नैरोगेज ट्रेन में यात्रा करना। यह हालांकि सतपुडा नैरोगेज तो नहीं कही जा सकती लेकिन द...
24 नवम्बर 2015 ट्रेन नम्बर 58845 पहले भारत की सबसे लम्बी नैरो गेज की ट्रेन हुआ करती थी - जबलपुर से नागपुर तक। यह एकमात्र ऐसी नैरो गेज...
नवम्बर 2015 के पहले सप्ताह में जब पता चला कि सतपुडा नैरो गेज हमेशा के लिये बन्द होने जा रही है तो मन बेचैन हो गया। बेचैन इसलिये हो गया कि...
27 दिसम्बर 2015 सुबह उठे। बल्कि उठे क्या, पूरी रात ढंग से सो ही नहीं सके। स्थानीय लडकों ने शोर-शराबा और आपस में गाली-गलौच मचाये रखी। वे ब...
नागटिब्बा जाना तो अपने घर की बात लगती थी। वो रहा देहरादून, वो रहा मसूरी और वो रहा नागटिब्बा। फिर भी कई सालों तक बस सोचते ही रहे, लेकिन जा...
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