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लद्दाख साइकिल यात्रा- नौवां दिन- नकी-ला से व्हिस्की नाला

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12 जून 2013
सुबह आठ बजे आंख खुली। बाहर कुछ आवाजें सुनाई पडीं। दो मोटरसाइकिलें व दो कारें रुकी थीं और यात्री हमारे टैण्ट के पास आकर फोटो खींच रहे थे। हमने टैण्ट रात बिल्कुल आपातकाल में लगाया था। पीछे 34 किलोमीटर दूर सरचू व आगे 11 किलोमीटर दूर व्हिस्की नाले पर ही आदमियों का निवास था। ऐसे सुनसान वीराने में हमारा यह टैण्ट आने-जाने वालों के लिये आकर्षण का केन्द्र था। ये लोग रोहतक के थे।
मैंने चलने से पहले गूगल मैप से रास्ते की दूरी व ऊंचाईयां नोट कर ली थीं। नकी-ला की स्थिति लिखने में भूल हो गई। मैंने लिखा- गाटा लूप (4600 मीटर) के दो किलोमीटर आगे 4740 मीटर की ऊंचाई पर नकी-ला है। इसके बाद नोट किया- नकी-ला से 19 किलोमीटर आगे 5060 मीटर की ऊंचाई पर लाचुलुंग-ला है। इस डाटा से यह पता नहीं चलता कि नकी-ला पार करने के बाद थोडी बहुत उतराई है या सीधे लाचुलुंग-ला की चढाई शुरू हो जाती है।
कल जब हम गाटा लूप खत्म होने के बाद तीन किलोमीटर चले आये व नकी-ला नहीं आया तो हमने यहीं सोचा कि नकी-ला पीछे छूट चुका है व उतराई शुरू नहीं हुई तो इसका यही अर्थ है कि लाचुलुंग-ला की चढाई शुरू हो चुकी है। जबकि वास्तव में नकी-ला अभी आया ही नहीं था। मैंने गलत डाटा नोट कर लिया था।
...
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टैण्ट में सचिन



नकी-ला की ओर




नकी-ला को मैं नकली-ला कहता हूं।


यहां से सडक दूर- दूर तक दिख रही है। पहले व्हिस्की नाले तक नीचे उतरी और फिर नाला पार करके दूसरे पहाड पर ऊपर चढकर दूर सामने लाचुलुंग-ला में खो गई।

यहां से व्हिस्की नाला, उसके बराबर में तम्बू और सडक ऊपर 5060 मीटर ऊंचे लाचुलुंग-ला पर जाती दिख रही है।



व्हिस्की नाले पर


सचिन बादलों की तरफ देखकर अन्दाजा लगा रहा है कि आगे बढूं या नहीं।




अगला भाग: लद्दाख साइकिल यात्रा- दसवां दिन- व्हिस्की नाले से पांग

मनाली-लेह-श्रीनगर साइकिल यात्रा
1. साइकिल यात्रा का आगाज
2. लद्दाख साइकिल यात्रा- पहला दिन- दिल्ली से प्रस्थान
3. लद्दाख साइकिल यात्रा- दूसरा दिन- मनाली से गुलाबा
4. लद्दाख साइकिल यात्रा- तीसरा दिन- गुलाबा से मढी
5. लद्दाख साइकिल यात्रा- चौथा दिन- मढी से गोंदला
6. लद्दाख साइकिल यात्रा- पांचवां दिन- गोंदला से गेमूर
7. लद्दाख साइकिल यात्रा- छठा दिन- गेमूर से जिंगजिंगबार
8. लद्दाख साइकिल यात्रा- सातवां दिन- जिंगजिंगबार से सरचू
9. लद्दाख साइकिल यात्रा- आठवां दिन- सरचू से नकी-ला
10. लद्दाख साइकिल यात्रा- नौवां दिन- नकी-ला से व्हिस्की नाला
11. लद्दाख साइकिल यात्रा- दसवां दिन- व्हिस्की नाले से पांग
12. लद्दाख साइकिल यात्रा- ग्यारहवां दिन- पांग से शो-कार मोड
13. शो-कार (Tso Kar) झील
14. लद्दाख साइकिल यात्रा- बारहवां दिन- शो-कार मोड से तंगलंगला
15. लद्दाख साइकिल यात्रा- तेरहवां दिन- तंगलंगला से उप्शी
16. लद्दाख साइकिल यात्रा- चौदहवां दिन- उप्शी से लेह
17. लद्दाख साइकिल यात्रा- पन्द्रहवां दिन- लेह से ससपोल
18. लद्दाख साइकिल यात्रा- सोलहवां दिन- ससपोल से फोतूला
19. लद्दाख साइकिल यात्रा- सत्रहवां दिन- फोतूला से मुलबेक
20. लद्दाख साइकिल यात्रा- अठारहवां दिन- मुलबेक से शम्शा
21. लद्दाख साइकिल यात्रा- उन्नीसवां दिन- शम्शा से मटायन
22. लद्दाख साइकिल यात्रा- बीसवां दिन- मटायन से श्रीनगर
23. लद्दाख साइकिल यात्रा- इक्कीसवां दिन- श्रीनगर से दिल्ली
24. लद्दाख साइकिल यात्रा के तकनीकी पहलू




Comments

  1. photo aur aap ki de gayi jaankari ke leya thnx.

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  2. Itni uchai wali jagah pe road banana bahut muskil kam hai. pahado ke sanidhya me bhojan ka luft hi alag hai

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  3. मान गये जाट महाराज! आगे अभी और रोमांच बाकी है।

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  4. कठिन सफ़र, अदम्य साहस। इस जज्बे को सलाम
    - Anilkv

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  5. Neeraj Ji, Kamaal ki jagah aur usse bhi zyada kamaal ki photography.

    Manali Root se August 10 to 20 Bike se Laddaq jane ke liye kaisa rahega. Raaste mein Camera ki bettery charge karne ke liye light ka intazam hai ya nahi.

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  6. एक छुटका ऑक्सीजन सिलिण्डर भी लेकर चलना था, साँसों में भरा और साइकिल पर सवार।

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  7. गजब रोमांचक है भाई, हमें तो देख और पढ पढकर ही आनंद आ रहा है.

    रामराम.

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  8. bhut aanand aa raha hai neeraj bhai.aapko salam hai.

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  9. bhut aanand aa raha hai neeraj bhai.aapko salam hai.

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  10. main kabhi kabhi sochata hoon ki aadmi kya nahi kar sakta ? maine neeraj tumhare har ank padhe hain lekin pahli baar apni baat likh raha hoon ! bahut hi umda kaam par ho mitra . lage raho

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  11. तेरी आँख हमेशा आठ बजे ही क्यों खुलती है भाई ....और क्या साइकिल चलने से तुम्हारे पैर की पिंडलियाँ कडक नहीं होती थी ...और दर्रे की परिभाषा समझ नहीं आई .....ये तेरी ज्योग्राफी है मेरी समझ से परे .
    बहुत सस्पेंस चला सचिन का आखिर सचिन के दर्शन हुये और दाढ़ी भी बहुत बढ़ गई है ,कब हजामत होगी ?

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