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लद्दाख साइकिल यात्रा- छठा दिन- गेमूर से जिंगजिंगबार

इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें
9 जून 2013
गेमूर मनाली से 133 किलोमीटर दूर है। सात बजे आंख खुली। गांव के बीचोंबीच एक नाला है, बडा तेज बहाव है। कुछ नीचे इसी के किनारे सार्वजनिक शौचालय है। नाले के पानी का कुछ हिस्सा शौचालय में भी जाता है। बडी सावधानी से गया, फिर भी बर्फीले ठण्डे पानी में पैर भीग गये।
साइकिल धूल धूसरित हो गई थी। पुनः नाले का लाभ उठाया, दस मिनट में चकाचक।
यहीं नाश्ता किया। नौ बजे निकल पडा। आज का लक्ष्य 36 किलोमीटर दूर जिंगजिंगबार है। सचिन रात पता नहीं कहां रुका था, लेकिन आज वो जिंगजिंगबार में मिलेगा।
गेमूर से जिस्पा 5 किलोमीटर दूर है। सडक अच्छी बनी है, ढलान भी है। पौन घण्टा लगा। जिस्पा में होटलों की कोई कमी नहीं है। अगर कल गेमूर में रुकने का इंतजाम न मिलता तो मैं जिस्पा ही रुकता।
जिस्पा से छह किलोमीटर आगे दारचा है। रास्ता चढाई उतराई दोनों का है। साढे दस बजे पहुंच गया। दारचा में कई नदियों का मिलन होता है। इसी तरह की एक नदी के पुल के पास चेकपोस्ट है। हर गाडी व यात्री का विवरण यहां दर्ज होता है। मैंने सोचा साइकिल को छूट मिलेगी, लेकिन जब बैरियर पार करके आगे बढ चला तो आवाज आई- हेलो सर, एण्ट्री प्लीज। मैं साइकिल खडी करके उसके पास गया तो जाते ही बोला- सर, पासपोर्ट प्लीज। वो मुझे विदेशी समझे बैठा था। मैंने ठेठ लहजे में कहा- भाई, देसी हूं। हम पासपोर्ट ना दिखाया करते। खैर, उसने एक रजिस्टर में नाम पता दर्ज कर लिया।

...
इस यात्रा के अनुभवों पर आधारित मेरी एक किताब प्रकाशित हुई है - ‘पैडल पैडल’। आपको इस यात्रा का संपूर्ण और रोचक वृत्तांत इस किताब में ही पढ़ने को मिलेगा।
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गेमूर गांव

जिस्पा

दारचा की ओर


दारचा

दारचा से आगे

तिराहा जहां से एक सडक पदुम जाती है।

बारालाचा-ला की ओर


दारचा से तीन किलोमीटर आगे



एक तेज बहाव वाला ठण्डा नाला

एक और नाला। यह पहले वाले से खतरनाक था और दोनों तरफ गाडियों की लाइन लगी थी। पानी बिल्कुल मटमैला।


मोटरसाइकिल सवार अति तीव्र बहाव में संभल नहीं सका।

पतसेव के पास छोटी सी झील

पतसेव- मनाली से 160 किलोमीटर आगे।


जिंगजिंगबार से चार किलोमीटर पहले भी एक नाला मिला। ये नाले अपने साथ पत्थर भी ले आते हैं जिससे सडक गायब हो जाती है और पत्थर ही पत्थर रह जाते हैं जिससे इन्हें पार करने में और समस्या आती है।



बारालाचा-ला से आती भागा नदी


जिंगजिंगबार जाकर पता चला कि रहने खाने की जगह और छह किलोमीटर आगे है तो साइकिल ट्रक पर रख दी। हिम्मत बिल्कुल खत्म हो गई थी। ट्रक न होता तो मैं यहीं टैण्ट लगा लेता।




अगला भाग: लद्दाख साइकिल यात्रा- सातवां दिन- जिंगजिंगबार से सरचू

मनाली-लेह-श्रीनगर साइकिल यात्रा
1. साइकिल यात्रा का आगाज
2. लद्दाख साइकिल यात्रा- पहला दिन- दिल्ली से प्रस्थान
3. लद्दाख साइकिल यात्रा- दूसरा दिन- मनाली से गुलाबा
4. लद्दाख साइकिल यात्रा- तीसरा दिन- गुलाबा से मढी
5. लद्दाख साइकिल यात्रा- चौथा दिन- मढी से गोंदला
6. लद्दाख साइकिल यात्रा- पांचवां दिन- गोंदला से गेमूर
7. लद्दाख साइकिल यात्रा- छठा दिन- गेमूर से जिंगजिंगबार
8. लद्दाख साइकिल यात्रा- सातवां दिन- जिंगजिंगबार से सरचू
9. लद्दाख साइकिल यात्रा- आठवां दिन- सरचू से नकीला
10. लद्दाख साइकिल यात्रा- नौवां दिन- नकीला से व्हिस्की नाला
11. लद्दाख साइकिल यात्रा- दसवां दिन- व्हिस्की नाले से पांग
12. लद्दाख साइकिल यात्रा- ग्यारहवां दिन- पांग से शो-कार मोड
13. शो-कार (Tso Kar) झील
14. लद्दाख साइकिल यात्रा- बारहवां दिन- शो-कार मोड से तंगलंगला
15. लद्दाख साइकिल यात्रा- तेरहवां दिन- तंगलंगला से उप्शी
16. लद्दाख साइकिल यात्रा- चौदहवां दिन- उप्शी से लेह
17. लद्दाख साइकिल यात्रा- पन्द्रहवां दिन- लेह से ससपोल
18. लद्दाख साइकिल यात्रा- सोलहवां दिन- ससपोल से फोतूला
19. लद्दाख साइकिल यात्रा- सत्रहवां दिन- फोतूला से मुलबेक
20. लद्दाख साइकिल यात्रा- अठारहवां दिन- मुलबेक से शम्शा
21. लद्दाख साइकिल यात्रा- उन्नीसवां दिन- शम्शा से मटायन
22. लद्दाख साइकिल यात्रा- बीसवां दिन- मटायन से श्रीनगर
23. लद्दाख साइकिल यात्रा- इक्कीसवां दिन- श्रीनगर से दिल्ली
24. लद्दाख साइकिल यात्रा के तकनीकी पहलू




Comments

  1. Happy birth day , Neeraj ,ma gayatri se yahi prathna he ki tum jahan jao tumhari raksha kare or hamari mannat puri kare .

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  2. हर अनुच्छेद में रोमांच आ रहा है।

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  3. आप की यात्रा से रोंगटे खडे़ हो गये। वो भी बर्फिले पानी से।

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  4. भाई, देसी हूं। हम पासपोर्ट ना दिखाया करते।

    waah

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  5. नीरज जी जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई हो.......

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  6. beautiful pics .............the mountains are beautiful .....breathtaking.......

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  7. अब बुढापे में साईकिल तो चलेगी नहीं ....पर इतना तय है .....अगले साल अपन भी ......bike से ........जालंधर श्रीनगर लेह मनाली जालंधर करेंगे ...........decided .....

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  8. ' हम पासपोर्ट ना दिखाया करते'
    लद्दाख में हरियाणवी के ठाठ !
    दृष्यावली बहुत मोहक,
    जन्मदिन की बधाई !

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  9. कठिन सफ़र .... अदम्य साहस।
    जन्म-दिवस की (belated) हार्दिक शुभकामनाएँ
    - Anilkv

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  10. यार नीरज, ये तो तय है कि रास्ते में जहाँ भी रुकते होगे, छोटी -छोटी डिटेल डायरी में नोट करते होगे, वर्ना इतनी तफसील से नहीं बता पाते ...है ना ?

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  11. bhai maza aa gaya .... agla filing station 365 km ho ya 3650 km ... mannu ki

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  12. साईकिल को भला कौन रोक पाया है..

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  13. दाढी में भी अच्छे लगते हो
    जै राम जी की

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  14. agle ank ka intjar

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  15. पहाड़ी इलाक़ों में खाने की समरूया बनी ही रहती है, ढाबे/दुकानें कम मि‍लती हैं, जहां मौक़ा मि‍ले खा लेना ही अपना भी उसूल है वर्ना हो सकता है अगली दुकान 2-4 घंटे बाद मि‍ले

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  16. Posts are coming very slow

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  17. बहुत खतरनाक और रोमांचिक यात्रा ...

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