3 मार्च 2019
मैसूर रिंग रोड पर हमें एक मल्टी-स्टार होटल में 600 रुपये में अत्यधिक शानदार कमरा मिल गया। इसे हमने तीन दिनों के लिए ले लिया। ओयो की मेहरबानी थी, अन्यथा हम इसकी तरफ कभी न देखते। दूर से ही साष्टांग नमस्कार कर लेते।
तो जिस समय हम धूप में जल-भुनकर कूर्ग से मैसूर आए तो शाम होने वाली थी और मेरी इच्छा एसी रूम में कम्पलीट रेस्ट करने की थी, जबकि दीप्ति को मैसूर पैलेस देखने की जल्दी थी। मैंने उसे टालने को तमाम तरह के बहाने बनाए, मसलन “बड़ी लंबी लाइन लगी मिलेगी टिकट की।”
“मैं लेडीज लाइन में जाकर जल्दी टिकट ले लूँगी।”
“शहर में भयानक जाम लगा मिलेगा।”
“ज्यादा दूर नहीं है। पाँच-छह किलोमीटर ही दूर है। वैसे भी गूगल मैप सड़क खाली दिखा रहा है।”
“शाम पाँच बजे तक ही एंट्री होती है। ये देख, गूगल मैप पर।”
और देखते-देखते पता चला कि आज रविवार है और रविवार को शाम सात से आठ बजे तक मैसूर पैलेस में लाइटिंग होती है। यह पढ़ते ही हम दोनों भाग लिए... दीप्ति मुझसे आगे और मैं दीप्ति से आगे।
कमाल की लाइटिंग!!!... जैसा दूसरों के मुँह से सुना था, फोटो में देखा था या वीडियो में देखा था, उससे भी बढ़कर। और ऊपर से पुलिस के बैंड की धुन ने तो समां बाँध दिया।
आप भी कभी मैसूर जाओ, तो रविवार की शाम यह लाइटिंग जरूर देखना।
अगले दिन दोपहर बाद फिर से मैसूर पैलेस गए। इस बार हमें इसे अंदर से देखना था। और यह पता लगाना असंभव है कि लाइटिंग ज्यादा भव्य थी या यह अंदर से ज्यादा भव्य है।
फिलहाल हम विस्तार से नहीं लिख रहे हैं, लेकिन फोटो और वीडियो देखकर आप अपने-आप ही समझ जाओगे कि मैसूर में अगर केवल मैसूर पैलेस ही देख लिया, तो भी काफी है। वैसे तो आसपास और भी बहुत सारे दर्शनीय स्थान हैं, लेकिन न मेरा मन था और न दीप्ति का।
और हाँ, तीसरे दिन शाम को हम वृंदावन गार्डन भी गए। यहाँ असल में कावेरी नदी पर कृष्णराजसागर डैम बना हुआ है। इसी डैम के नीचे यह गार्डन है। एक शाम बिताने के लिए यह भी अच्छा विकल्प है, क्योंकि यहाँ एक म्यूजिकल फाउंटेन है।
गोलगप्पे जहाँ भी मिले, खा लेने चाहिए... |
वृंदावन गार्डन में... |
कृष्णराजसागर डैम और उसके नीचे स्थित वृंदावन गार्डन की छोटी-सी झील... |
म्यूजिकल फाउंटेन |
म्यूजिकल फाउंटेन |
रोज का नाश्ता... |
और अब पहुँच गए मैसूर पैलेस... |
मैसूर पैलेस में लाइटिंग केवल रविवार को ही होती है... शाम 7 से 8 बजे तक... |
मैसूर पैलेस अंदर से भी अत्यंत भव्य है... |
VIDEO
अगला भाग: प्राचीन मंदिरों के शहर: तालाकाडु और सोमनाथपुरा
1. दक्षिण भारत यात्रा के बारे में
2. गोवा से बादामी की बाइक यात्रा
3. दक्षिण भारत यात्रा: बादामी भ्रमण
4. दक्षिण भारत यात्रा: पट्टडकल - विश्व विरासत स्थल
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6. दारोजी भालू सेंचुरी में काले भालू के दर्शन
7. गंडीकोटा: भारत का ग्रांड कैन्योन
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9. बंगलौर से बेलूर और श्रवणबेलगोला
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12. बेलूर से कलश बाइक यात्रा और कर्नाटक की सबसे ऊँची चोटी मुल्लायनगिरी
13. कुद्रेमुख, श्रंगेरी और अगुंबे
14. सैंट मैरी आइलैंड की रहस्यमयी चट्टानें
15. कूर्ग में एक दिन
16. मैसूर पैलेस: जो न जाए, पछताए
17. प्राचीन मंदिरों के शहर: तालाकाडु और सोमनाथपुरा
18. दक्षिण के जंगलों में बाइक यात्रा
19. तमिलनाडु से दिल्ली वाया छत्तीसगढ़
वाह
ReplyDeleteवाकई मैसूर पैलेस को जो भी देखता हैं वो देखता रह जात हैं, मैंने भी बहुत सारे फोटोज लिए थे....
ReplyDeletegajab shandaar behtrin
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