24 फरवरी 2019
बेलूर से 15-16 किलोमीटर दूर हालेबीडू भी अपने मंदिरों और मूर्तिकला के लिए विख्यात है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसका निर्माण सन 1221 में करवाया गया था। मंदिर के बारे में और अपने यात्रा-वृत्तांत के बारे में हम कभी बाद में डिसकस करेंगे, फिलहाल फोटो के माध्यम से यहाँ की यात्रा कीजिए।
मंदिर के द्वारपाल |
नवग्रह मंडप की छत पर नवग्रह |
मंदिर के द्वारपाल... दाँत बाहर निकले हैं... आभूषण और वस्त्र-विन्यास देखने लायक हैं... |
द्वारपाल को नजदीक से देखिए... |
कीर्तिमुख |
एक मिथकीय जीव - यली |
युद्ध का दृश्य |
संभवतः यह अर्जुन है... दोनों पैरों के बीच में एक बर्तन रखा है... बर्तन में रखे तेल में देखकर ऊपर टँगी मछली पर निशाना लगाया जा रहा है... |
‘गजासुर-चर्मधारी’ के ऊपर वाले फोटो को फिर से गौर से देखिए... शिवजी ने अपने बाएँ हाथ से गजासुर की खाल को किस तरह पकड़ रखा है... अंगूठे को खाल के अंदर फँसा रखा है... शिल्पी की कल्पनाशीलता को नमन है... |
भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठा रखा है और उसके नीचे गायें, ग्वाले शरण लिए हुए हैं... |
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