इस यात्रा के फोटो आरंभ से देखने के लिये यहाँ क्लिक करें।
29 मई 2016
“यह ठीक है कि यहाँ सारा सामान खच्चरों पर या याकों पर या इंसानों की पीठ पर बड़ी दूर से ढोया जाता है। सामान पहुँचने में कई-कई दिन लग जाते हैं। लेकिन खाने की चीजें कई साल पहले एक्सपायर हो चुकी होती हैं। ज्यादातर विदेशी लोग यहाँ आते हैं, क्या किसी का ध्यान नहीं जाता इस बात पर? मुझे अपने देश का लद्दाख और कई दुर्गम इलाके याद आये। वहाँ इस तरह एक्सपायरी चीजें नहीं मिलतीं। और अगर मिलती भी हैं तो दुकानदार को इस बारे में पता रहता है और वह इसके लिये शर्मिंदा भी होता है। कई बार तो ऐसी चीजें फ्री में भी दे देते हैं, अन्यथा पैसे कम तो ज़रूर ही हो जाते हैं।
नेपाल को इस मार्ग से प्रतिवर्ष अरबों रुपये मिलते हैं। यह नेपाल की सबसे महँगी जगह भी है। लेकिन खाने की गुणवत्ता इस महँगाई के अनुरूप नहीं है। बेतहाशा व्यावसायिकता है। अंधी व्यावसायिकता। किसी को अगर इस तरह का खाना खाने से कुछ हो भी जाता होगा, तो ये लोग बड़ी आसानी से उस व्यक्ति की ही गलती घोषित कर देते होंगे - हाई एल्टीट्यूड़ की वजह से ऐसा हुआ।”
“पंगबोचे में हम भोजन के लिये रुक गये। बारह बज चुके थे और हमने अभी तक थोड़ी-सी चाय और बिस्कुट ही खाये थे। होटल बिल्कुल खाली था। आवाज देकर इसकी मालकिन को बुलाया और दो प्लेट दाल-भात बनाने को कह दिया। उसने कहा कि थोड़ा समय लगेगा। हमने ख़ूब समय लगाने की मंजूरी दे दी। इससे वह इतनी खुश हुई कि उसने हमारे सामने एक कप काली चाय लाकर रख दी। एक कप काली चाय करीब 100 रुपये की थी और हमारी इच्छा भी नहीं थी। हमने एक-दूसरे को देखा कि बिना ऑर्डर दिये इन्होंने हमारे सामने काली चाय लाकर रख दी। मालकिन हमारा भाव समझ गयी और बड़ी प्यारी आवाज में हिंदी-नेपाली के मिश्रण में कहा - “आपको दाल-भात के लिये वेट करनी पड़ेगी, तो यह हमारी तरफ़ से आपको बिल्कुल फ्री है। इसके हम कोई पैसे नहीं लेंगे।”
‘फ्री’ सुनते ही मन खुश हो गया - “फ्री है, तो लाओ, पी लेंगे।”
““घर आ जा परदेसी, तेरा देस बुलाये रे” की भावना अब जोर पकड़ने लगी थी। यदि हमारा मोटरसाइकिल का बंधन न होता, तो हम लुकला से फ्लाइट पकड़ लेते। लेकिन बाइक के लिये लुकला से भी बड़ी दूर ताकशिंदो-ला तो ज़रूर जाना पड़ेगा। रास्ता हमारा देखा हुआ था ही। वादा किया कि कल दूरी तय करने के लिये जी-जान लगा देंगे।”
एवरेस्ट बेस कैंप ट्रैक पर आधारित मेरी किताब ‘हमसफ़र एवरेस्ट’ का एक अंश। किताब तो आपने पढ़ ही ली होगी, अब आज की यात्रा के फोटो देखिये:
थुकला गाँव और उधर दिखती आमा डबलम |
थुकला में यहीं हम रुके थे। |
एवरेस्ट मैराथन सुबह-सुबह ही शुरू हो गई |
आमा डबलम |
इम्जा खोला नदी यहाँ से थोड़ा ही ऊपर खुंबू ग्लेशियर से निकलती है। |
स्थानीय जनजाति शेरपा है और ये लोग हाई एल्टीट्यूड में भारी बोझा उठाकर ले जाने में सक्षम होते हैं... |
थुकला में एवरेस्ट मैराथन के धावकों के लिये बनाया गया कैंप |
आमा डबलम |
आमा डबलम इस क्षेत्र की सबसे खूबसूरत चोटी है। |
फेरीचे गाँव |
मैराथन धावक पूरे दिन मिलते रहे |
रास्ते में मैराथन धावकों के लिये जगह-जगह कैंप लगे होते हैं। |
इम्जा खोला नदी पर बना एक पुल |
जंगल के बीचोंबीच देबोचे और सामने दूर पहाड़ी पर तेंगबोचे। |
देबोचे |
तेंगबोचे मोनेस्ट्री |
तेंगबोचे मोनेस्ट्री |
मैराथन धावकों के साथ एक फोटो |
इंद्रधनुष |
सबसे `युवा' मैराथन धावक |
दूधकोसी पर बना झूला पुल |
अगला भाग: फोटो-यात्रा-20: एवरेस्ट बेस कैंप - नामचे बाज़ार से खारी-ला
1. फोटो-यात्रा-1: एवरेस्ट बेस कैंप - दिल्ली से नेपाल
2. फोटो-यात्रा-2: एवरेस्ट बेस कैंप - काठमांडू आगमन
3. फोटो-यात्रा-3: एवरेस्ट बेस कैंप - पशुपति दर्शन और आगे प्रस्थान
4. फोटो-यात्रा-4: एवरेस्ट बेस कैंप - दुम्जा से फाफलू
5. फोटो-यात्रा-5: एवरेस्ट बेस कैंप - फाफलू से ताकशिंदो-ला
6. फोटो-यात्रा-6: एवरेस्ट बेस कैंप - ताकशिंदो-ला से जुभिंग
7. फोटो-यात्रा-7: एवरेस्ट बेस कैंप - जुभिंग से बुपसा
8. फोटो-यात्रा-8: एवरेस्ट बेस कैंप - बुपसा से सुरके
9. फोटो-यात्रा-9: एवरेस्ट बेस कैंप - सुरके से फाकडिंग
10. फोटो-यात्रा-10: एवरेस्ट बेस कैंप - फाकडिंग से नामचे बाज़ार
11. फोटो-यात्रा-11: एवरेस्ट बेस कैंप - नामचे बाज़ार से डोले
12. फोटो-यात्रा-12: एवरेस्ट बेस कैंप - डोले से फंगा
13. फोटो-यात्रा-13: एवरेस्ट बेस कैंप - फंगा से गोक्यो
14. फोटो-यात्रा-14: गोक्यो और गोक्यो-री
15. फोटो-यात्रा-15: एवरेस्ट बेस कैंप - गोक्यो से थंगनाग
16. फोटो-यात्रा-16: एवरेस्ट बेस कैंप - थंगनाग से ज़ोंगला
17. फोटो-यात्रा-17: एवरेस्ट बेस कैंप - ज़ोंगला से गोरकक्षेप
18. फोटो-यात्रा-18: एवरेस्ट के चरणों में
19. फोटो-यात्रा-19: एवरेस्ट बेस कैंप - थुकला से नामचे बाज़ार
20. फोटो-यात्रा-20: एवरेस्ट बेस कैंप - नामचे बाज़ार से खारी-ला
21. फोटो-यात्रा-21: एवरेस्ट बेस कैंप - खारी-ला से ताकशिंदो-ला
22. फोटो-यात्रा-22: एवरेस्ट बेस कैंप - ताकशिंदो-ला से भारत
23. भारत प्रवेश के बाद: बॉर्डर से दिल्ली
Comments
Post a Comment