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फोटो-यात्रा-20: एवरेस्ट बेस कैंप - नामचे बाज़ार से खारी-ला

इस यात्रा के फोटो आरंभ से देखने के लिये यहाँ क्लिक करें
30 मई 2016
“‘मैं भी भारतीय हूँ, लद्दाख से’ यह सुनते ही जो खुशी हुई, उसे बयाँ नहीं कर सकता। एक ही साँस में मैंने उस पर कई प्रश्न उडेल डाले। वह भारतीय सेना के एवरेस्ट अभियान का एक हिस्सा था। उसने कल मैराथन में भाग भी लिया था। आठवाँ स्थान हासिल किया। इस दल में बाकी सभी उच्चाधिकारी थे, अकेला यही निचले दर्जे का था। नाम था मुरुप दोरज़े।”
“लगातार चलते रहने से, चलते ही रहने से मानसिक और शारीरिक दोनों थकान होती है। एक सीमा के बाद पैर अपने ही आप कहने लगते - अब, बस और नहीं। रुकने के ठिकाने हर जगह मौजूद हों, तो यह भावना जल्दी होने लगती है। अगर रुकने का ठिकाना दस किलोमीटर आगे होता, तो थकान होने के बावज़ूद भी दस किलोमीटर और चलना पड़ता।
आप जहाँ भी थक जायेंगे, वहीं एक होटल होगा और काफ़ी संभावना है कि आप वहीं रुक भी जायेंगे।”




“अगर ताकशिंदो-ला पर खड़ी मोटरसाइकिल का बंधन न होता, तो हम भी लुकला ही जाते और वापसी फ्लाइट से करते। फ्लाइट में सात-आठ हज़ार रुपये लगते, उससे ज्यादा तीन-चार दिनों में अब खर्च हो जायेंगे। आने से पहले लगता था कि फ्लाइट से जाना महँगा होता होगा, फाफलू या जीरी से पैदल जाना सस्ता पड़ेगा। लेकिन अब सब पता चल गया था। फ्लाइट से आने-जाने में समय तो बचता ही है, जेब भी बचती है।”

एवरेस्ट बेस कैंप ट्रैक पर आधारित मेरी किताब ‘हमसफ़र एवरेस्ट का एक अंश। किताब तो आपने पढ़ ही ली होगी, अब आज की यात्रा के फोटो देखिये:




नामचे बाजार में होटल का डाइनिंग रूम...


और यहाँ हमारे मोबाइल, कैमरे फ्री में चार्ज हुए

आज का नाश्ता... चिली पोटैटो और पिज्जा

नामचे बाज़ार




नामचे बाजार

नामचे बाजार से कुछ नीचे उतरने के बाद जब एक बर्फीली चोटी दिखी, तो लगा कि एवरेस्ट है... लेकिन दोरजे ने बताया कि यह एवरेस्ट नहीं है... एवरेस्ट देखने की आखिरी संभावना भी समाप्त...

मुरुप दोरजे के साथ


एक निर्माणाधीन होटल


मुरुप दोरजे के साथ ‘कोकाकोला पर चर्चा’






पता नहीं यह किस प्रजाति का मच्छर है... मच्छर ही है या कुछ और है, यह भी नहीं पता...

छेपलुंग: सीधे लुकला, दाहिने फाफलू








पैंया पुल से खारी-ला का रास्ता

वापसी के सफर में इस रास्ते पर हमारे पैर नशेड़ियों की तरह पड़ते रहे... 







अगला भाग: फोटो-यात्रा-21: एवरेस्ट बेस कैंप - खारी-ला से ताकशिंदो-ला






1. फोटो-यात्रा-1: एवरेस्ट बेस कैंप - दिल्ली से नेपाल
2. फोटो-यात्रा-2: एवरेस्ट बेस कैंप - काठमांडू आगमन
3. फोटो-यात्रा-3: एवरेस्ट बेस कैंप - पशुपति दर्शन और आगे प्रस्थान
4. फोटो-यात्रा-4: एवरेस्ट बेस कैंप - दुम्जा से फाफलू
5. फोटो-यात्रा-5: एवरेस्ट बेस कैंप - फाफलू से ताकशिंदो-ला
6. फोटो-यात्रा-6: एवरेस्ट बेस कैंप - ताकशिंदो-ला से जुभिंग
7. फोटो-यात्रा-7: एवरेस्ट बेस कैंप - जुभिंग से बुपसा
8. फोटो-यात्रा-8: एवरेस्ट बेस कैंप - बुपसा से सुरके
9. फोटो-यात्रा-9: एवरेस्ट बेस कैंप - सुरके से फाकडिंग
10. फोटो-यात्रा-10: एवरेस्ट बेस कैंप - फाकडिंग से नामचे बाज़ार
11. फोटो-यात्रा-11: एवरेस्ट बेस कैंप - नामचे बाज़ार से डोले
12. फोटो-यात्रा-12: एवरेस्ट बेस कैंप - डोले से फंगा
13. फोटो-यात्रा-13: एवरेस्ट बेस कैंप - फंगा से गोक्यो
14. फोटो-यात्रा-14: गोक्यो और गोक्यो-री
15. फोटो-यात्रा-15: एवरेस्ट बेस कैंप - गोक्यो से थंगनाग
16. फोटो-यात्रा-16: एवरेस्ट बेस कैंप - थंगनाग से ज़ोंगला
17. फोटो-यात्रा-17: एवरेस्ट बेस कैंप - ज़ोंगला से गोरकक्षेप
18. फोटो-यात्रा-18: एवरेस्ट के चरणों में
19. फोटो-यात्रा-19: एवरेस्ट बेस कैंप - थुकला से नामचे बाज़ार
20. फोटो-यात्रा-20: एवरेस्ट बेस कैंप - नामचे बाज़ार से खारी-ला
21. फोटो-यात्रा-21: एवरेस्ट बेस कैंप - खारी-ला से ताकशिंदो-ला
22. फोटो-यात्रा-22: एवरेस्ट बेस कैंप - ताकशिंदो-ला से भारत
23. भारत प्रवेश के बाद: बॉर्डर से दिल्ली




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46 रेलवे स्टेशन हैं दिल्ली में

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