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फोटो-यात्रा-1: एवरेस्ट बेस कैंप - दिल्ली से नेपाल

Delhi to Kathmandu Nepal Roadयह यात्रा मई 2016 में की गयी थी और इसे अभी तक ब्लॉग पर प्रकाशित नहीं किया गया था। योजना थी कि पहले इसकी किताब प्रकाशित होगी, उसके बाद ब्लॉग पर। आप जानते ही हैं कि इस यात्रा की किताब ‘हमसफ़र एवरेस्ट नवंबर 2017 में प्रकाशित हो चुकी है। इस पूरी किताब के एक-एक शब्द को अब ब्लॉग में लिखना तो संभव नहीं है, लेकिन अभी भी एक चीज ऐसी है जिसे किताब में पर्याप्त स्थान नहीं मिल सकता। और वो चीज हैं इस यात्रा के फोटो।
तो आज से हम इस यात्रा की फोटो-यात्रा आरंभ करते हैं। उम्मीद है कि आपने ‘हमसफ़र एवरेस्ट’ पढ़ ली होगी। यदि नहीं पढ़ी है, तो पढ़ लीजिये। फिर फोटो देखने का अलग ही आनंद मिलेगा।

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इस किताब का पहला चैप्टर है - योजना और तैयारी।
“मैं योजनाएँ बनाने में विश्वास नहीं रखता। योजना बनाने का अर्थ है कि आपको प्रस्थान का एक दिन निर्धारित करना पड़ेगा, एक बजट निर्धारित करना पड़ेगा। जैसे-जैसे दिन पास आता जाता है, दबाव और तनाव बढ़ता जाता है और आप पाते हैं कि शायद आपकी अभी पूरी तैयारी नहीं हुई है। सबसे बुरी बात तो तब होती है, जब यात्रा योजनानुसार शुरू करने के बाद आपकी बनी-बनाई योजना बिगड़ने लगती है और कई अनचाही और अनजानी बातें सामने आने लगती हैं। आप लेट होते चले जाते हैं और इसकी भरपाई करने के लिये ‘दौड़ना’ शुरू कर देते हैं। इस ‘दौड़ने’ में आप यात्रा का वो आनंद नहीं ले पाते, जिसकी आप कल्पना किया करते थे।”
“मैं योजना बनाने से ज्यादा तैयारी करने में विश्वास करता हूँ। आप अपनी तरफ़ से तैयार रहेंगे, तो एक मौका आयेगा और आप निकल जायेंगे। एवरेस्ट बेस कैंप के लिये आपको तीन तरह की तैयारियाँ करनी होती हैं, जिन्हें मानसिक, शारीरिक और आर्थिक तैयारियाँ कह सकते हैं।”
और इन तीनों तरह की तैयारियों का वर्णन करने में 10 पेज लिख दिये।
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अगला चैप्टर है - यात्रा का आरंभ: पहला दिन
“महसूस कीजिये - आप अपनी सहनशक्ति की हद तक थके हुए हैं। अचानक ए.सी. मिल जाता है, ठंड़े पानी से शॉवर के नीचे नहाना मिल जाता है, चार तरह की सुस्वादु सब्जियों के साथ रोटियाँ मिल जाती हैं, आपका हाल-चाल पूछने वाला, उत्साहवर्धन करने वाला और बतियाने वाला एक मित्र व उसका परिवार मिल जाता है।”
“यह क्या आनंद और सुकून का चरम नहीं है? या यात्रा का हिस्सा नहीं है?”
इस दिन हम दिल्ली से बाइक चलाते हुए यमुना एक्सप्रेसवे से होते हुए अकबरपुर शैलेश जी के यहाँ पहुँच जाते हैं। जयपुर से देवेंद्र कोठारी जी भी आ मिलते हैं।
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तीसरा चैप्टर है - दूसरा दिन: अकबरपुर से फ़ैज़ाबाद
आज तपती दुपहरी में बाइक चलाते हुए हम फ़ैज़ाबाद पहुँचे - अपर्णा जी के यहाँ।
“अपर्णा जी ‘नेचर-लवर’ हैं। उगता सूरज, चांदनी रात का ऐसे वर्णन करती हैं कि अगर कविताएँ लिखने लगें तो दो साल में ही पद्मश्री मिल जायेगा।” प्रकृति-वर्णन करने में वे बिल्कुल खो-सी जाती हैं। कई बार तो वे हिमालय का ऐसा वर्णन करती हैं कि मैं सोचने लगता कि कोई इंसान बिना साँस लिये इतनी देर तक कैसे प्रकृति-चित्रण सकता है? मुझे प्रकृति-प्रेमी बहुत मिले, सबका वर्णन करने का अपना-अपना तरीका है, लेकिन अपर्णा जी का तरीका एकदम अनूठा है।”
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और अगला चैप्टर है - तीसरा दिन: नेपाल में प्रवेश
आज 26 दिनों का बाइक का भनसार बनवाकर नेपाल में प्रवेश कर गये और सीमा के थोड़ा ही आगे परासी नामक कस्बे में रात रुक गये।
“अभी तक हम नंदा देवी के देश में थे, अब सागरमाथा के देश में हैं। नंदा देवी को दूर से देखा है, लेकिन उसके चरणों में जाने का मौका नहीं मिला। इससे पहले सागरमाथा के चरणों में जाने का मौका मिल गया।”
गौरतलब है कि इस समय तक मेरे मन में किताब का नाम “एवरेस्ट के चरणों में” था।
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इन तीन दिनों में हम मई की भयानक गर्मी में ज्यादा से ज्यादा दूरी तय करने में लगे रहे। फोटो लेने की कोई उत्सुकता नहीं हुई। फिर भी कुछ फोटो हैं, आप देख लीजिये:

हरी झंडी दिखाने वालों में पिताजी और सासूजी थे...





अकबरपुर में शैलेश प्रताप सिंह जी और उनकी पत्नी... सबसे दाहिने देवेंद्र कोठारी जी...





फ़ैज़ाबाद में अपर्णा जी के यहाँ रुके...

अयोध्या में सरयू नदी और उस पर बना रेल का पुल...

बस्ती से कैंपियरगंज की ओर जाने वाली सड़क...

सीमा पर लगी ट्रकों की लाइन... ये सब नेपाल जाने के लिये अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं...




“भारत सीमा समाप्त”

“वेलकम टू नेपाल”’








अगला भाग: फोटो-यात्रा-2: एवरेस्ट बेस कैंप - काठमांडू आगमन


1. फोटो-यात्रा-1: एवरेस्ट बेस कैंप - दिल्ली से नेपाल
2. फोटो-यात्रा-2: एवरेस्ट बेस कैंप - काठमांडू आगमन
3. फोटो-यात्रा-3: एवरेस्ट बेस कैंप - पशुपति दर्शन और आगे प्रस्थान
4. फोटो-यात्रा-4: एवरेस्ट बेस कैंप - दुम्जा से फाफलू
5. फोटो-यात्रा-5: एवरेस्ट बेस कैंप - फाफलू से ताकशिंदो-ला
6. फोटो-यात्रा-6: एवरेस्ट बेस कैंप - ताकशिंदो-ला से जुभिंग
7. फोटो-यात्रा-7: एवरेस्ट बेस कैंप - जुभिंग से बुपसा
8. फोटो-यात्रा-8: एवरेस्ट बेस कैंप - बुपसा से सुरके
9. फोटो-यात्रा-9: एवरेस्ट बेस कैंप - सुरके से फाकडिंग
10. फोटो-यात्रा-10: एवरेस्ट बेस कैंप - फाकडिंग से नामचे बाज़ार
11. फोटो-यात्रा-11: एवरेस्ट बेस कैंप - नामचे बाज़ार से डोले
12. फोटो-यात्रा-12: एवरेस्ट बेस कैंप - डोले से फंगा
13. फोटो-यात्रा-13: एवरेस्ट बेस कैंप - फंगा से गोक्यो
14. फोटो-यात्रा-14: गोक्यो और गोक्यो-री
15. फोटो-यात्रा-15: एवरेस्ट बेस कैंप - गोक्यो से थंगनाग
16. फोटो-यात्रा-16: एवरेस्ट बेस कैंप - थंगनाग से ज़ोंगला
17. फोटो-यात्रा-17: एवरेस्ट बेस कैंप - ज़ोंगला से गोरकक्षेप
18. फोटो-यात्रा-18: एवरेस्ट के चरणों में
19. फोटो-यात्रा-19: एवरेस्ट बेस कैंप - थुकला से नामचे बाज़ार
20. फोटो-यात्रा-20: एवरेस्ट बेस कैंप - नामचे बाज़ार से खारी-ला
21. फोटो-यात्रा-21: एवरेस्ट बेस कैंप - खारी-ला से ताकशिंदो-ला
22. फोटो-यात्रा-22: एवरेस्ट बेस कैंप - ताकशिंदो-ला से भारत
23. भारत प्रवेश के बाद: बॉर्डर से दिल्ली




Comments

  1. इंतजार की घड़ियां खत्म हुई,हमसफ़र एवरेष्ट किताब पड़ी तबसे फोटो का ििनतजार था

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  2. काफी इंतजार करवाया आपने।

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  3. अरे फैजाबाद अपना शहर😊😊

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  4. बढिया वर्णन एवं फोटो .......

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