(मित्र अनुराग जगाधरी जी ने एक त्रुटि की तरफ ध्यान दिलाया। पिछली पोस्ट में मैंने बाइक के पहियों में हवा के प्रेशर को ‘बार’ में लिखा था जबकि यह ‘पीएसआई’ में होता है। पीएसआई यानी पौंड प्रति स्क्वायर इंच। इसे सामान्यतः पौंड भी कह देते हैं। तो बाइक के टायरों में हवा का दाब 40 बार नहीं, बल्कि 40 पौंड होता है। त्रुटि को ठीक कर दिया है। आपका बहुत बहुत धन्यवाद अनुराग जी।) दिनांक: 16 जून 2015 दोपहर बाद तीन बजे थे जब हम लेह से मनाली रोड पर चल दिये। खारदुंगला पर अत्यधिक बर्फबारी के कारण नुब्रा घाटी में जाना सम्भव नहीं हो पाया था। उधर चांग-ला भी खारदुंगला के लगभग बराबर ही है और दोनों की प्रकृति भी एक समान है, इसलिये वहां भी उतनी ही बर्फ मिलनी चाहिये। अर्थात चांग-ला भी बन्द मिलना चाहिये, इसलिये आज उप्शी से शो-मोरीरी की तरफ चले जायेंगे। जहां अन्धेरा होने लगेगा, वहां रुक जायेंगे। कल शो-मोरीरी देखेंगे और फिर वहीं से हनले और चुशुल तथा पेंगोंग चले जायेंगे। वापसी चांग-ला के रास्ते करेंगे, तब तक तो खुल ही जायेगा। यह योजना बन गई।
नीरज मुसाफिर का यात्रा ब्लॉग
Comments
Post a Comment