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चित्रधारा से निकले तो सीधे चित्रकोट जाकर ही रुके। जगदलपुर से ही हम इन्द्रावती नदी के लगभग समान्तर चले आ रहे थे। चित्रकोट से करीब दो तीन किलोमीटर पहले से यह नदी दिखने भी लगती है। मानसून का शुरूआती चरण होने के बावजूद भी इसमें खूब पानी था।
इस जलप्रपात को भारत का नियाग्रा भी कहा जाता है। और वास्तव में है भी ऐसा ही। प्रामाणिक आंकडे तो मुझे नहीं पता लेकिन मानसून में इसकी चौडाई बहुत ज्यादा बढ जाती है। अभी मानसून ढंग से शुरू भी नहीं हुआ था और इसकी चौडाई और जलराशि देख-देखकर आंखें फटी जा रही थीं। हालांकि पानी बिल्कुल गन्दला था- बारिश के कारण।
मोटरसाइकिल एक तरफ खडी की। सामने ही छत्तीसगढ पर्यटन का विश्रामगृह था। विश्रामगृह के ज्यादातर कमरों की खिडकियों से यह विशाल जलराशि करीब सौ फीट की ऊंचाई से नीचे गिरती दिखती है। मोटरसाइकिल खडी करके हम प्रपात के पास चले गये। जितना पास जाते, उतने ही रोंगटे खडे होने लगते। कभी नहीं सोचा था कि इतना पानी भी कहीं गिर सकता है। जहां हम खडे थे, कुछ दिन बाद पानी यहां तक भी आ जायेगा और प्रपात की चौडाई और भी बढ जायेगी।
ऊपर खडे होकर जब खूब देख लिया तो नीचे जाने की इच्छा हुई। नीचे उतरने का रास्ता विश्रामगृह के पीछे से जाता है। खूब सीढियां थीं, सभी की सभी गीली और फिसलन भरी। किसी तरह संभलकर नीचे उतरे। कुछ दूर पैदल चले और तब सामने था चित्रकोट प्रपात एक अलग ही रूप में। जहां ऊपर से नीचे गिरता पानी खूब गर्जना करता है, वहीं गिरने के बाद यह बिल्कुल शान्त हो जाता है। जैसे कुछ हुआ ही न हो। इसी शान्त पानी की एक छोटी सी झील बन गई है। मानसून न होता तो नाववाले प्रपात के बिल्कुल नीचे तक ले जाते हैं। आने से पहले सुनील जी ने कहा भी था कि नाव में बैठकर प्रपात के नीचे पहुंचेंगे। मैं तभी डर गया था। शुक्र था कि अब नावें नहीं चल रही थीं, अन्यथा सुनील जी फिर कहते।
जलप्रपात ऐसी चीज है जिसे कितना भी देखते रहो, मन कभी नहीं भरता। और अगर वो भारत का सबसे बडा जलप्रपात हो, तो फिर क्या कहने! लेकिन कभी तो यहां से भी चलना था। चलने से पहले कुछ देर उछल-कूद भी की जिसे हम जैसे लोग ‘डांस’ कहते हैं। डांस की वीडियो बनाई थी। दुर्भाग्य से अब वह वीडियो मेरे पास नहीं रही।
अगला भाग: बारसूर
7. अरकू घाटी
10. चित्रकोट प्रपात- अथाह जलराशि
11. बारसूर
13. तीरथगढ जलप्रपात
जल प्रपात और सीढियाँ दोनो बहुत ही खूबसूरत हैं, अथाह जलराशी देखना सच में रोमांचकारी होता है|
ReplyDeleteधन्यवाद आपका।
Deleteवाकई काफी खूबसूरत हैं। फोटो भी काफी अच्छे आए हैं।
ReplyDeleteआपकी बाईक वाली यात्रा का इंतज़ार हैं।
धन्यवाद योगेश जी...
DeleteNeeraj bhai aapke post par kya kaha ja sakta hai shabd hi nahin mil paate ...... bas bahut shandaar lekhan hai aapka or photo lene me to maharat haasil hai bhai
ReplyDeleteधन्यवाद सुनील जी...
Deleteनीरज भाई आपने बहुत ही खूबसूरत शैली में यात्रा वृतांत लिखा है ,बधाई फोटो तो लाजवाब हैं ,हमारे उस विशेष "डांस " की विडियो मेरे पास है आप चाहें तो मैं उपलब्ध करा दूंगा |
ReplyDeleteरहने दो सर जी... या फिर चाहो तो यू-ट्यूब पर अपलोड करके लिंक भेज दो।
Deleteफोटो बहुत सुन्दर खींचे हैं , आखिरी दो फोटो तो अति सुन्दर हैं।
ReplyDeleteधन्यवाद वशिष्ठ साहब...
Deleteभारत के सबसे बड़े प्रपात के बारे में जानकर अच्छा लगा.... |
ReplyDeleteधन्यवाद रीतेश भाई...
DeleteSachmuch Doodhsagar ki yaad dila di
ReplyDeleteसर जी, दूधसागर अलग चीज है, चित्रकोट अलग चीज है। फिर भी दोनों लाजवाब हैं। धन्यवाद आपका।
Deleteवाह ..सच में मन भीग गया इस जल प्रपात को देख कर ..वहाँ जाने की इच्छा हो रही अब तो |
ReplyDeleteचले जाओ... लेकिन जाना मानसून में ही।
DeleteBeautiful and thanks for the sharing too !
ReplyDeleteधन्यवाद आपका भी...
Deleteवाह
ReplyDeleteधन्यवाद सर जी...
Deleteneeraj bhai aapko india ke tourism department ka brand ambassador bana dena chahiye.........................
ReplyDeleteधन्यवाद आपका...
Deleteपानी की बूँदें महसूस कर रहा हूँ .........धन्यवाद इसके लिये.......
ReplyDeleteधन्यवाद भदौरिया साहब...
DeleteBarsur ka intezzar hair .
ReplyDeleteआपको कैसे पता इसके बाद हम बारसूर गये थे?
Deleteबेहतरीन जल प्रताप की कुशल फोटोग्राफर द्वारा लाजबाब फोटोग्राफी। स्पेशल डांस की वीडियो मिले तो शेयर जरूर करना।
ReplyDeleteवाह विनय जी वाह! वीडियो के लिये कह तो दिया है, देखते हैं कब तक मिलती है।
Deleteनीरज भाई............जबरदस्त.............फोटो तो बहुत लाजबाब है.................................
ReplyDeleteधन्यवाद सिन्हा साहब...
Deleteबहुत ही सुन्दर जगह है ..... आपकी जितनी तारीफ़ की जाए कम है ..... केमरा भी आपकी नजर की खूबसूरत बयान कर रहा है ....
ReplyDeleteधन्यवाद अर्चना जी...
DeleteAdbhut, adbhutam, adbhutas.....
ReplyDeleteधन्यवाद चन्द्रेश भाई...
Deleteनीरज जी हमेशा की तरह बहुत ही सजीव वर्णन जितना तारीफ की जाए उतना ही कम
ReplyDeleteधन्यवाद विशाल जी...
DeleteNeeraj bhai.......
ReplyDeleteWakai ise dekhna ..apne aap me romanchit karta hai....lajawab photo....
Ranjit.....
धन्यवाद रणजीत सर...
Deleteसर, ये तो नियाग्रा फॉल का आयना हैl
ReplyDeleteहां जी, भारतीय नियाग्रा...
Deletesabhi picture bahut hi aachi lagi jankari ke liye dhanyawad........
ReplyDeleteधन्यवाद तिवारी साहब...
Deletekhoobsurat khoobsurat ...................................aur khoobsurat
ReplyDeleteधन्यवाद आपका...
DeleteJABALPUR KE BHEDA GHAT KA PRAPAT BHI KUCCH KUCCH AISA HI HAI. VAHAN NARMADA NADI PRAPAT KE ROOP MEIN GIRATI HAI.
ReplyDeleteRAJESH GOYAL
GHAZIABAD
हां जी, बिल्कुल। लेकिन चित्रकोट का कोई सानी नहीं है।
Deleteबेहतरीन फोटों मे भी बेहतरीन फोटों। गज़ब अजब लाजबाब और मनमोहक फोटों। फोटों का कोई जबाब नहीं।
ReplyDeleteधन्यवाद सर...
Deleteनीरज भाई हमने इतना बडा झरना नही देखा,पर जितने देखे उनकी पानी की घडघडाहट की आवाज को सूना...
ReplyDeleteबडी ही तेज आवाज,दूर से ही अन्दाजा हो जाता है की यहा कोई जल प्रपात है,
यह तो बहुत ही विशाल झरना है,यह तो बहुत शोर करता होगा,ओर यह बहुत ही मन मोहने वाली आवाज जान पडती होगी,इसे देखने के लिए आप जैसे घुम्मकड भी उतावला हो गया होगा,वह क्षण केवल आप ही महसूस कर सकते है,
धन्यवाद सचिन भाई...
Deleteइतनी सुन्दर जगह हमारे देश में है और मुझे पता ही नहीं उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ ---जरूर देखना चाहुंगी ---थैंक्स नीरज
ReplyDeleteNeeraj ji itna bataane or ghumaane ke lie aapka bahut bahut dhanyawad.
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