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अनछुआ प्राकृतिक सौन्दर्य – खीरगंगा

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हिमाचल प्रदेश में कुल्लू जिले में एक स्थान है- मणिकर्ण। मणिकर्ण से 15 किलोमीटर और आगे बरशैणी तक बस सेवा है। बरशैणी से भी एक-डेढ किलोमीटर आगे पुलगा गांव है जहां तक मोटरमार्ग है। इससे आगे भी गांव तो हैं लेकिन वहां जाने के लिये केवल पैरों का ही भरोसा है। पुलगा से दस किलोमीटर आगे खीरगंगा नामक स्थान है। खीरगंगा पार्वती नदी की घाटी में है। अगर पुलगा से ही पार्वती के साथ-साथ चलते जायें तो चार किलोमीटर पर इस घाटी का आखिरी गांव नकथान आता है। नकथान के बाद इस घाटी में कोई गांव नहीं है। हां, आबादी जरूर है। वो भी भेड-बकरी चराने वाले गद्दियों और कुछ साहसी घुमक्कडों की।
तो हुआ ये कि अपन भी अपना साहस देखने खीरगंगा चले गये। यहां एक सीधा-सपाट सा ढलान है। इस ढलान पर घास ही उगी रहती है। यानी एक चरागाह भी कह सकते हैं। यहां खाने-पीने और ठहरने के लिये होटलों की कोई कमी नहीं है। सोचकर अजीब सा लग रहा होगा कि इतनी दुर्गम जगह और दिन-भर में गिने चुने घुमक्कड ही आते हैं, फिर भी होटलों की कोई कमी नहीं। असल में ये बडे-बडे टेण्ट हैं, जो गद्दियों के बनाये हुए हैं। इस इलाके में गद्दियों का आना-जाना लगा रहता है, इसलिये घुमक्कडों के खाने-पीने की चीजें भी वे ले आते हैं।
यहां का मुख्य आकर्षण है- खीर गंगा। जमीन के अन्दर से एक जलधारा निकलती है। जलधारा नहीं खीरधारा कहना चाहिये। कभी बाबा परशुराम के जमाने में यहां से खीर निकलती थी। गर्मागरम मीठी खीर। खीर खाने के लालच में यहां लोगों का आनाजाना बढ गया। तब परशुराम जी ने श्राप दे दिया था कि अब यहां से खीर नहीं निकलेगी। बस, खीर निकलनी बन्द। लेकिन आज भी जमीन के अन्दर से निकलती जलधारा काफी दूर ऐसी लगती है जैसे कि खीर ही है। अजीब सी गन्ध भी आती है। गरम खौलता हुआ पानी निकलता है।
इस पानी को इकट्ठा करके दो कुण्ड बनाये गये हैं, नहाने के लिये। एक चहारदीवारी वाला कुण्ड महिलाओं के लिये और दूसरा खुला कुण्ड केवल पुरुषों के लिये। बगल में एक नन्हा सा मन्दिर भी है। मन्दिर में शिवलिंग है तो जाहिर सी बात है कि शिव मन्दिर ही है।
आज के कलयुगी विज्ञान की नजर से देखें तो यहां खीर-वीर कुछ नहीं है। एक तरह की सफेद काई है। हमारे यहां काली काई या हरी काई होती है ना? रपट जाते हैं उस पर चलकर। इसी तरह यहां सफेद काई है, चिकनी भी है। चलो, बहुत हो गया। फोटू देखिये:

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ये नजारे यहां चारों ओर दिखते हैं।

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होटल

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पार्वती के इस तरफ यह चरागाह है, उस तरफ सामने वाला पहाड है।

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यह है नन्हा सा शिव मन्दिर

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खीरगंगा

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सफेद काई खीर जैसी लगती है।

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इस इलाके का रखवाला

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वही शिव मन्दिर
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ग्रीन क्लासिक रैस्टोरेण्ट
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एक फोटो अपना भी
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बस, एक और
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मैं वापस चलने ही वाला था कि मणिकर्ण से ये सरदार आ गये। मैने तय किया कि वापस अकेला नहीं जाऊंगा, बल्कि इनके साथ ही जाऊंगा।
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महिला स्नानघर
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वापस जा रहा हूं, एक फोटू और।
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पानी में सरदार जी कैसे लग रहे हैं?


मणिकर्ण खीरगंगा यात्रा
1. मैं कुल्लू चला गया
2. कुल्लू से बिजली महादेव
3. बिजली महादेव
4. कुल्लू के चरवाहे और मलाना
5. मैं जंगल में भटक गया
6. कुल्लू से मणिकर्ण
7. मणिकर्ण के नजारे
8. मणिकर्ण में ठण्डी गुफा और गर्म गुफा
9. मणिकर्ण से नकथान
10. खीरगंगा- दुर्गम और रोमांचक
11. अनछुआ प्राकृतिक सौन्दर्य- खीरगंगा
12. खीरगंगा और मणिकर्ण से वापसी

Comments

  1. भला हो परशुराम का.... नहीं तो तुम्हे खीर खाने को मिलती..

    जय हो..

    फोटो खींचने में माहिर हो गए..

    ReplyDelete
  2. भला हो परशुराम का.... नहीं तो तुम्हे खीर खाने को मिलती..

    जय हो..

    फोटो खींचने में माहिर हो गए..

    ReplyDelete
  3. एक संशिप्त कार्यक्रम बना कर लगा दो... पता चलेगा कुल कितने दिन का कार्यक्रम था.. कब कहा गए.. कहाँ रुके.. लोगों को प्लानिग करने में आसानी होगी...

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  4. Yar Aap to Guru Nikale Hamare , Kabhi hame bhi sath le kar ke chalo yar.

    Ham to sochate the ki Gadwal kya Ghum liya Pura pahad hi dekh liya.

    Agli kanhi jana to bhai Jarur batana. hum bhi nikal lenge.

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  5. बड़ी ही नयी तस्वीरें।

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  6. rochak jankari..maja aa gaya padh kar..

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  7. अनजान अनसुनी जगहों की आप हम जैसों को घर बैठे ही सैर करवा देते हो ...भाई गज़ब के इंसान हो...खूब खुश रहो...आनंद आ गया अज चित्र देख कर और सरदार जी को नहाते देख के तो बांछें खिल गयी...
    नीरज

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  8. पानी में सरदार जी कैसे लग रहे हैं? अरे यह तो पानी मै भी सरदार ही लग रहे है जी....
    बहुत सुंदर चित्र सुंदर विवरण, आप की यात्रा ने मन मोह लिया, ओर आप की हिम्मत है हर जगह बेधडक चले जाना.धन्यवाद

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  9. वाह ! जाट भाई !
    हमने तो घर बैठे ही खीर गंगा के दर्शन कर लिए |
    चित्र बहुत ही सुन्दर लगे |
    उस वेस्प्रो केमरे से तो इतने बढ़िया चित्र नहीं आते |

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  10. खीरगंगा का नाम पहली बार सूना है , वैसे ओसत जगह लगी . फिर भी प्रयास सराहनीय है .

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  11. बहुत खूबसूरत नजारे दिखाये भाई। और सरदारजी कैसे सिकुड़ गये पानी में?

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  12. सुंदर तस्वीरें सुंदर विवरण..

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  13. Neeraj ji, Namsakar! Main Apke Blog ka daily Pathak hun...or har roz apke naye post ka intzaar karta... Kheerganga ke Bare main jaankari or uske picture dekhkar aise laga ke hum hee kheerganga ho aaye hain....... Pic bahut hi sundar aur nai hain... Jaankari ke liye.....dhanyavad

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  14. @ माधव -- तो भय्या औसत क्यों लगी ? और क्या स्वित्ज़रलैंड चाहिए ? मस्त है , बढ़िया है , बे-नज़ीर और दिलकश जगह है भाई !

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  15. Great post bro!! Keep up the good work.. I have been to this place twice.. loved it.. especially the host spring experience after a tiresome trekking is inexplicable :)

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  16. Neeraj ji namskar maine youth hostel ka faimily camp toor book kiya hai base kamp kullu hai 8 june ko camp me report karni hai 7 ko chandi garh paunchuga. Chandi garh se kullu ke lye bus kanha se milange koye link ho bataye

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  17. में वापिस जाने वाला था कि उसमे सरदार जी रह गया है सरदार आ गए ये लिखा है पड़ने में अच्छा नही लग रहा
    सरदार जी कर दो

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