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मणिकर्ण में दो गुफाएं प्रसिद्ध हैं। एक तो है ठण्डी और दूसरी गर्म गुफा। ठण्डी गुफा मणिकर्ण से लगभग पांच किलोमीटर ऊपर है।
असल में हुआ ये कि कहीं सही सी जगह ढूंढता-ढूंढता मैं ठण्डी गुफा जाने वाले रास्ते के पास एक पत्थर पर बैठ गया। बाजार से गुजरते समय एक किताब खरीद ली थी- मणिकर्ण के बारे में। पत्थर पर बैठा बैठा किताब पढने लगा। उस समय मुझे ये नहीं पता था कि यह रास्ता जाता कहां है। कोई लम्बा-चौडा रास्ता नहीं था, बस ऐसे ही पगडण्डी सी बनी है। मैने गौर किया कि इस रास्ते से लोगों का आना-जाना लगा है। एक से पूछा तो उसने बताया कि यह रास्ता ठण्डी गुफा जाता है। कितनी दूर है? बस एक-डेढ किलोमीटर है। चलो, निकल चलो। चढना शुरू किया।
बताया तो था कि एक-डेढ किलोमीटर दूर है, लेकिन आधा घण्टा हो गया लगातार चढते-चढते, कहीं मन्जिल ही नहीं दिखी। किसी आते हुए से पूछो तो बताता कि बस जरा सा और है। खैर, चित्र देखिये:
यहां से होती है शुरूआत |
फोटो खुद ही खींच लेते हैं |
जैसे-जैसे ऊपर चढते जाते हैं, मणिकर्ण छोटा होता जाता है। |
यह रास्ता जाता है ठण्डी गुफा को |
पार्वती घाटी दूर-दूर तक दिखने लगती है। |
अरे भाई, अभी कितना दूर है? बस जरा सा ही है। |
कमाल है, लोग इतना ऊपर कैसे रह लेते हैं। नया बना घर है। ईंटों का बना है। कमाल है। |
यह एक गुरुद्वारा है। इसमें लंगर का भी प्रबन्ध है। और हां, इसमें केवल एक ही भाई रहता है, जो गुरुद्वारे के प्रबन्ध के साथ-साथ लंगर का भी प्रबन्ध करता है। |
सामने ठण्डी गुफा का द्वार दिख रहा है। वैसे असल में अन्दर कोई मन्दिर नहीं है, ना ही कोई पुजारी है। चप्पल-जूते पहनकर भी जा सकते हैं, बल्कि जूते पहनकर ही जाना चाहिये। |
ठण्डी गुफा में ठण्डक लेते हुए। यहां हवा बडी तेज लगती है। दो तरफ से खुली हुई गुफा है। |
दूर जो बर्फीले पहाड दिख रहे हैं, उनके उस पार लाहौल-स्पीति का इलाका है। |
यह मणिकर्ण का सैटेलाइट दृश्य नहीं है, बल्कि ठण्डी गुफा से खींचा गया चित्र है। |
मणिकर्ण |
पता नहीं ये पहाडी यहां कैसे रह लेते हैं? |
यह क्या है? |
मणिकर्ण |
गर्म गुफा |
गर्म गुफा का प्रवेश द्वार |
गर्म गुफा में गर्मी लेते लोग। गर्म गुफा मणिकर्ण में ही लंगर भवन के नीचे है। इसमें गर्म जल के सोतों की वजह से गर्मी रहती है। गर्मी इतनी कि मुझे इसमें घुसते ही पसीना आने लगा। |
अगला भाग: खीरगंगा ट्रैक - मणिकर्ण से नकथान
मणिकर्ण खीरगंगा यात्रा
1. मैं कुल्लू चला गया
2. कुल्लू से बिजली महादेव
3. बिजली महादेव
4. कुल्लू के चरवाहे और मलाना
5. मैं जंगल में भटक गया
6. कुल्लू से मणिकर्ण
7. मणिकर्ण के नजारे
8. मणिकर्ण में ठण्डी गुफा और गर्म गुफा
9. मणिकर्ण से नकथान
10. खीरगंगा- दुर्गम और रोमांचक
11. अनछुआ प्राकृतिक सौन्दर्य- खीरगंगा
12. खीरगंगा और मणिकर्ण से वापसी
जिंदाबाद.. फोटो बहुत सुन्दर है..
ReplyDeleteबेहतरीन विवरण और चित्रावलि!!
ReplyDeleteलगता है आपने नया केमरा खरीद लिया है. बहुत सुन्दर चित्र हैं.हम भी मजे ले रहे हैं आपके साथ. आभार.
ReplyDelete@यह क्या है? baadam ?. nice post.
ReplyDeleteलाजवाब जानकारी और दिलचस्प चित्र..अच्छा लगा यहाँ आकर.
ReplyDelete_________________________
अब ''बाल-दुनिया'' पर भी बच्चों की बातें, बच्चों के बनाये चित्र और रचनाएँ, उनके ब्लॉगों की बातें , बाल-मन को सहेजती बड़ों की रचनाएँ और भी बहुत कुछ....आपकी भी रचनाओं का स्वागत है.
भाई बहुत सुंदर चित्र ओर बहुत ही अच्छा विवरण लगा आप की यात्रा का, जब गुफ़ा पहाड पर है, ओर दोनो ओर से खुली होगी तो तेज हवा के कारण ठंडी तो होगी ही, लेकिन लोग जुते उतार कर क्यो जाते है?भगवान का शुकर किसी ने कोई मुर्ति वगेरा नही रख दी... वरना यह भी कोई तीर्थ स्थान बन जाता. धन्यवाद
ReplyDeleteदिलचस्प चित्र........
ReplyDeleteभाई बहुत सुंदर चित्र ओर बहुत ही अच्छा
ReplyDeleteआपके ब्लॉग से बैठे बैठे ही घूमना हो जाता है।
ReplyDeleteफ़ोटू घणे चोखे हैं भाई नीरज।
ReplyDeleteइब तो अमरनाथ यात्रा के फ़ोटू का भी इंतज़ार करन लग रहे हैं।
खूबसूरत फोटोग्राफी मैं भी घूमा हूँ यहाँ लेकिन इतनी सुंदर फोटो और इतना मजा ...जलन हो रही है आप से..!
ReplyDelete..उम्दा पोस्ट.
सबको घुमा दिया.. पर ठंडी गुफा की तस्वीर???
ReplyDeleteसचित्र और सुंदर प्रस्तुति..नीरज जी घर बैठे ही शैर कर लेता हूँ मैं जब जब आपके ब्लॉग पे आता हूँ...धन्यवाद भाई
ReplyDeleteआपके लेखों को पढ़ कर ही हिन्दुस्तान की सैर हो जाती है. आज एक और सैर हुई.
ReplyDeleteगर्म गुफा ओर2 ठंडी गुफा के बारे पहली बार सुना है I ओर उस समय मे भी सेल्फी ली गयी है
ReplyDelete3:22 pm वाली फ़ोटो में जो पौधा है ये पहाड़ो में ही उगता है और ये पौधा कुछ बीमारियों में काम आता है इसकी जड़ें use होती है I
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