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मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ

मध्य प्रदेश

पोस्ट सं.पोस्टप्रकाशन दिनांक
36नागपुर से इटारसी पैसेंजर ट्रेन यात्रा8 जनवरी, 2018
35भोपाल-इंदौर-रतलाम पैसेंजर ट्रेन यात्रा7 नवंबर, 2016
34खंड़वा से बीड़ ट्रेन यात्रा10 अक्टूबर, 2016
33मीटरगेज ट्रेन यात्रा: महू-खंड़वा7 अक्टूबर, 2016
32पैसेंजर ट्रेन-यात्रा: गुना-उज्जैन-नागदा-इंदौर3 अक्टूबर, 2016
31जबलपुर से इटारसी पैसेंजर ट्रेन यात्रा24 फरवरी, 2016
30सतपुडा नैरो गेज में आखिरी बार-215 फरवरी, 2016
29सतपुडा नैरो गेज पर आखिरी बार- छिन्दवाडा से नागपुर10 फरवरी, 2016
28सतपुडा नैरो गेज पर आखिरी यात्रा-18 फरवरी, 2016
27श्योपुर कलां से ग्वालियर नैरो गेज ट्रेन यात्रा15 दिसंबर, 2015
26पातालकोट से इंदौर वाया बैतूल13 नवंबर, 2015
25पातालकोट भ्रमण और राजाखोह की खोज9 नवंबर, 2015
24पचमढी से पातालकोट2 नवंबर, 2015
23पचमढी: चौरागढ यात्रा30 अक्टूबर, 2015
22पचमढी: रजेन्द्रगिरी, धूपगढ और महादेव28 अक्टूबर, 2015
21पचमढी- पाण्डव गुफा, रजत प्रपात और अप्सरा विहार21 अक्टूबर, 2015
20भोजपुर, मध्य प्रदेश19 अक्टूबर, 2015
19इन्दौर से पचमढी बाइक यात्रा और रोड स्टेटस16 अक्टूबर, 2015
18शीतला माता जलप्रपात, जानापाव पहाडी और पातालपानी14 अक्टूबर, 2015
17महेश्वर यात्रा12 अक्टूबर, 2015
16भिण्ड-ग्वालियर-गुना पैसेंजर ट्रेन यात्रा22 सितंबर, 2015
15वडोदरा से रतलाम पैसेंजर ट्रेन यात्रा5 मई, 2014
14रतलाम से कोटा पैसेंजर ट्रेन यात्रा चित्तौड के रास्ते25 मार्च, 2013
13भुसावल से इटारसी पैसेंजर ट्रेन यात्रा19 मार्च, 2012
12रतलाम - अकोला मीटर गेज रेल यात्रा10 मार्च, 2012
11सतपुडा नैरो गेज- बालाघाट से जबलपुर14 अप्रैल, 2011
10सतपुडा नैरो गेज- छिंदवाडा से नैनपुर4 अप्रैल, 2011
9यात्रा सतपुडा नैरो गेज की- दिल्ली से छिंदवाडा1 अप्रैल, 2011
8बीना - कोटा पैसेंजर रेल यात्रा17 नवंबर, 2010
7मथुरा-भरतपुर-कोटा-नागदा-रतलाम17 सितंबर, 2009
6कालाकुण्ड - पातालपानी14 सितंबर, 2009
5सिद्धनाथ बारहद्वारी10 सितंबर, 2009
4ओमकारेश्वर ज्योतिर्लिंग7 सितंबर, 2009
3इन्दौर में ब्लॉगर ताऊ से मुलाकात31 अगस्त, 2009
2महाकाल की नगरी है उज्जैन27 अगस्त, 2009
1भीमबैठका - मानव का आरंभिक विकास स्थल24 अगस्त, 2009



छत्तीसगढ़

पोस्ट सं.पोस्टप्रकाशन दिनांक
19मानसून में बस्तर के जलप्रपातों की सैर18 सितंबर, 2019
18मानसून में बस्तर: दंतेवाड़ा, समलूर और बारसूर12 सितंबर, 2019
17रायपुर से केवटी पैसेंजर ट्रेन यात्रा16 अगस्त, 2019
16तमिलनाडु से दिल्ली वाया छत्तीसगढ़9 अप्रैल, 2019
15वीडियो: छत्तीसगढ़ में नैरोगेज ट्रेन यात्रा29 मई, 2017
14छत्तीसगढ़ में नैरोगेज ट्रेन यात्रा25 मई, 2017
13जगदलपुर से दिल्ली वापस12 दिसंबर, 2014
12तीरथगढ जलप्रपात10 दिसंबर, 2014
11किरन्दुल रेलवे- किरन्दुल से जगदलपुर8 दिसंबर, 2014
10बारसूर5 दिसंबर, 2014
9चित्रकोट प्रपात- अथाह जलराशि3 दिसंबर, 2014
8चित्रधारा प्रपात, छत्तीसगढ28 नवंबर, 2014
7किरन्दुल ट्रेन-2 (अरकू से जगदलपुर)26 नवंबर, 2014
6अरकू-बस्तर यात्रा- दिल्ली से रायपुर7 नवंबर, 2014
5छत्तीसगढ यात्रा- पुनः कर्क आश्रम में और वापसी8 अप्रैल, 2013
4छत्तीसगढ यात्रा- सिहावा- महानदी का उद्गम5 अप्रैल, 2013
3छत्तीसगढ यात्रा- मोडमसिल्ली बांध29 मार्च, 2013
2छत्तीसगढ यात्रा- डोंगरगढ27 मार्च, 2013
1पुरी से बिलासपुर पैसेंजर रेल यात्रा18 अक्टूबर, 2011

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46 रेलवे स्टेशन हैं दिल्ली में

एक बार मैं गोरखपुर से लखनऊ जा रहा था। ट्रेन थी वैशाली एक्सप्रेस, जनरल डिब्बा। जाहिर है कि ज्यादातर यात्री बिहारी ही थे। उतनी भीड नहीं थी, जितनी अक्सर होती है। मैं ऊपर वाली बर्थ पर बैठ गया। नीचे कुछ यात्री बैठे थे जो दिल्ली जा रहे थे। ये लोग मजदूर थे और दिल्ली एयरपोर्ट के आसपास काम करते थे। इनके साथ कुछ ऐसे भी थे, जो दिल्ली जाकर मजदूर कम्पनी में नये नये भर्ती होने वाले थे। तभी एक ने पूछा कि दिल्ली में कितने रेलवे स्टेशन हैं। दूसरे ने कहा कि एक। तीसरा बोला कि नहीं, तीन हैं, नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली और निजामुद्दीन। तभी चौथे की आवाज आई कि सराय रोहिल्ला भी तो है। यह बात करीब चार साढे चार साल पुरानी है, उस समय आनन्द विहार की पहचान नहीं थी। आनन्द विहार टर्मिनल तो बाद में बना। उनकी गिनती किसी तरह पांच तक पहुंच गई। इस गिनती को मैं आगे बढा सकता था लेकिन आदतन चुप रहा।

जिम कार्बेट की हिंदी किताबें

इन पुस्तकों का परिचय यह है कि इन्हें जिम कार्बेट ने लिखा है। और जिम कार्बेट का परिचय देने की अक्ल मुझमें नहीं। उनकी तारीफ करने में मैं असमर्थ हूँ क्योंकि मुझे लगता है कि उनकी तारीफ करने में कहीं कोई भूल-चूक न हो जाए। जो भी शब्द उनके लिये प्रयुक्त करूंगा, वे अपर्याप्त होंगे। बस, यह समझ लीजिए कि लिखते समय वे आपके सामने अपना कलेजा निकालकर रख देते हैं। आप उनका लेखन नहीं, सीधे हृदय पढ़ते हैं। लेखन में तो भूल-चूक हो जाती है, हृदय में कोई भूल-चूक नहीं हो सकती। आप उनकी किताबें पढ़िए। कोई भी किताब। वे बचपन से ही जंगलों में रहे हैं। आदमी से ज्यादा जानवरों को जानते थे। उनकी भाषा-बोली समझते थे। कोई जानवर या पक्षी बोल रहा है तो क्या कह रहा है, चल रहा है तो क्या कह रहा है; वे सब समझते थे। वे नरभक्षी तेंदुए से आतंकित जंगल में खुले में एक पेड़ के नीचे सो जाते थे, क्योंकि उन्हें पता था कि इस पेड़ पर लंगूर हैं और जब तक लंगूर चुप रहेंगे, इसका अर्थ होगा कि तेंदुआ आसपास कहीं नहीं है। कभी वे जंगल में भैंसों के एक खुले बाड़े में भैंसों के बीच में ही सो जाते, कि अगर नरभक्षी आएगा तो भैंसे अपने-आप जगा देंगी।

ट्रेन में बाइक कैसे बुक करें?

अक्सर हमें ट्रेनों में बाइक की बुकिंग करने की आवश्यकता पड़ती है। इस बार मुझे भी पड़ी तो कुछ जानकारियाँ इंटरनेट के माध्यम से जुटायीं। पता चला कि टंकी एकदम खाली होनी चाहिये और बाइक पैक होनी चाहिये - अंग्रेजी में ‘गनी बैग’ कहते हैं और हिंदी में टाट। तो तमाम तरह की परेशानियों के बाद आज आख़िरकार मैं भी अपनी बाइक ट्रेन में बुक करने में सफल रहा। अपना अनुभव और जानकारी आपको भी शेयर कर रहा हूँ। हमारे सामने मुख्य परेशानी यही होती है कि हमें चीजों की जानकारी नहीं होती। ट्रेनों में दो तरह से बाइक बुक की जा सकती है: लगेज के तौर पर और पार्सल के तौर पर। पहले बात करते हैं लगेज के तौर पर बाइक बुक करने का क्या प्रोसीजर है। इसमें आपके पास ट्रेन का आरक्षित टिकट होना चाहिये। यदि आपने रेलवे काउंटर से टिकट लिया है, तब तो वेटिंग टिकट भी चल जायेगा। और अगर आपके पास ऑनलाइन टिकट है, तब या तो कन्फर्म टिकट होना चाहिये या आर.ए.सी.। यानी जब आप स्वयं यात्रा कर रहे हों, और बाइक भी उसी ट्रेन में ले जाना चाहते हों, तो आरक्षित टिकट तो होना ही चाहिये। इसके अलावा बाइक की आर.सी. व आपका कोई पहचान-पत्र भी ज़रूरी है। मतलब