Skip to main content

पंचचूली बेसकैंप यात्रा की वीडियो

यात्रा के दौरान हम छोटी-छोटी वीडियो भी बनाते चलते हैं... और लौटकर कैमरे से लैपटॉप में कॉपी-पेस्ट कर देते हैं... और भूल जाते हैं... कभी-कभार इनकी याद आती है तो दो-दो, चार-चार वीडियो को जोड़कर या बिना जोड़े ही समय-समय पर आपको फेसबुक पेज और यूट्यूब के माध्यम से दिखा भी देते हैं... इन वीडियो की गुणवत्ता तो ख़राब ही रहती है, लेकिन आप चूँकि लाइक करते हैं, वाहवाही करते हैं; तो मुझे लगता है कि उतनी ख़राब भी नहीं होतीं... तो पंचचूली यात्रा की ऐसी ही सभी वीडियो को आपके सामने पुनः प्रस्तुत कर रहा हूँ... आपने शायद यूट्यूब वाली वीडियो न देखी हों, क्योंकि मैंने इनका प्रचार नहीं किया... फेसबुक पेज वाली तो निश्चित ही देख रखी होंगी...
इन्हें देखने के बाद या न देखने के बाद आप फेसबुक पेज को लाइक करना न भूलें... और यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब अवश्य करें... बड़ी मुश्किल से अपने ही यूट्यूब चैनल का लिंक मिला है... यूट्यूब वीडियो में आपको विज्ञापन भी दिखेंगे, तो यह मत समझ लेना कि धनवर्षा हो रही होगी... अभी 136 सब्सक्राइबर्स हैं... एक-दो दिन में फेसबुक के माध्यम से बताऊँगा कि इस पोस्ट की वजह से कितने सब्सक्राइबर्स बढ़े...





कुमाऊँ की सड़कें



15 जून को नीम करौली मेले की भीड़



धारचूला से दुकतू बाइक से आने-जाने में नाले क्रॉसिंग



धारचूला और मुन्स्यारी के बीच में मदकोट के पास जलप्रपात






पंचचूली बेसकैंप



नाला



खतरनाक नाला







1. पंचचूली बेस कैंप यात्रा: दिल्ली से थल
2. पंचचूली बेस कैंप यात्रा - धारचूला
3. पंचचूली बेस कैंप यात्रा - धारचूला से दुकतू
4. पंचचूली बेस कैंप यात्रा - दुकतू
5. पंचचूली बेस कैंप ट्रैक
6. नारायण स्वामी आश्रम
7. बाइक यात्रा: नारायण आश्रम से मुन्स्यारी
8. पाताल भुवनेश्वर की यात्रा
9. जागेश्वर और वृद्ध जागेश्वर की यात्रा
10. पंचचूली बेसकैंप यात्रा की वीडियो




Comments

  1. Youtube Subcribe kar diya
    my number was 140

    ReplyDelete
  2. बहुत खूब , मंगलकामनाएं !!

    ReplyDelete
  3. अपने प्रशंषकों के कमेंट्स के जवाब देते रहें उनसे जुड़े रहें जब भी उनके शहर जाएँ उन्हें मिले तो वो दिन दूर नहीं जब धन की नहीं नोटों की वर्षा होगी जो आपको भिगो देगी
    बहुत अच्छा प्रयास है कि आपने YOUTUBE पे चैनल बनाया है मैंने भी सब्सक्राइब कर लिया है और लोगों को भी कहूंगा बस आप अच्छे अच्छे वीडियोस बनाइये और हमें दिखाइए
    जय हो

    ReplyDelete
    Replies
    1. अरे वाह... यूँ ही आशीर्वाद बनाये रखिये...

      Delete

Post a Comment

Popular posts from this blog

घुमक्कड पत्रिका- 1

1. सम्पादकीय 2. लेख A. घुमक्कडी क्या है और कैसे घुमक्कडी करें? B. असली जीटी रोड 3. यात्रा-वृत्तान्त A. रानीखेत-बिनसर यात्रा B. सावन में ज्योतिर्लिंग ओमकारेश्वर की परिक्रमा व दर्शन 4. ब्लॉग अपडेट

तिगरी गंगा मेले में दो दिन

कार्तिक पूर्णिमा पर उत्तर प्रदेश में गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र में गंगा के दोनों ओर बड़ा भारी मेला लगता है। गंगा के पश्चिम में यानी हापुड़ जिले में पड़ने वाले मेले को गढ़ गंगा मेला कहा जाता है और पूर्व में यानी अमरोहा जिले में पड़ने वाले मेले को तिगरी गंगा मेला कहते हैं। गढ़ गंगा मेले में गंगा के पश्चिम में रहने वाले लोग भाग लेते हैं यानी हापुड़, मेरठ आदि जिलों के लोग; जबकि अमरोहा, मुरादाबाद आदि जिलों के लोग गंगा के पूर्वी भाग में इकट्ठे होते हैं। सभी के लिए यह मेला बहुत महत्व रखता है। लोग कार्तिक पूर्णिमा से 5-7 दिन पहले ही यहाँ आकर तंबू लगा लेते हैं और यहीं रहते हैं। गंगा के दोनों ओर 10-10 किलोमीटर तक तंबुओं का विशाल महानगर बन जाता है। जिस स्थान पर मेला लगता है, वहाँ साल के बाकी दिनों में कोई भी नहीं रहता, कोई रास्ता भी नहीं है। वहाँ मानसून में बाढ़ आती है। पानी उतरने के बाद प्रशासन मेले के लिए रास्ते बनाता है और पूरे खाली क्षेत्र को सेक्टरों में बाँटा जाता है। यह मुख्यतः किसानों का मेला है। गन्ना कट रहा होता है, गेहूँ लगभग बोया जा चुका होता है; तो किसानों को इस मेले की बहुत प्रतीक्षा रहती है। ज्...

ओशो चर्चा

हमारे यहां एक त्यागी जी हैं। वैसे तो बडे बुद्धिमान, ज्ञानी हैं; उम्र भी काफी है लेकिन सब दिखावटी। एक दिन ओशो की चर्चा चल पडी। बाकी कोई बोले इससे पहले ही त्यागी जी बोल पडे- ओशो जैसा मादर... आदमी नहीं हुआ कभी। एक नम्बर का अय्याश आदमी। उसके लिये रोज दुनियाभर से कुंवाई लडकियां मंगाई जाती थीं। मैंने पूछा- त्यागी जी, आपने कहां पढा ये सब? कभी पढा है ओशो साहित्य या सुने हैं कभी उसके प्रवचन? तुरन्त एक गाली निकली मुंह से- मैं क्यों पढूंगा ऐसे आदमी को? तो फिर आपको कैसे पता कि वो अय्याश था? या बस अपने जैसों से ही सुनी-सुनाई बातें नमक-मिर्च लगाकर बता रहे हो? चर्चा आगे बढे, इससे पहले बता दूं कि मैं ओशो का अनुयायी नहीं हूं। न मैं उसकी पूजा करता हूं और न ही किसी ओशो आश्रम में जाता हूं। जाने की इच्छा भी नहीं है। लेकिन जब उसे पढता हूं तो लगता है कि उसने जो भी प्रवचन दिये, सब खास मेरे ही लिये दिये हैं।