इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहाँ क्लिक करें।
अमरनाथ यात्रा के क्रम में जब हम दर्शन करके वापस बालटाल पहुंचे तो वहां से निकलते-निकलते शाम हो गयी थी। हममें से ज्यादातर पहली बार कश्मीर आये थे, इसलिये एक-दो दिन कश्मीर में रुकना भी चाहते थे। इरादा तो श्रीनगर में रुकने का था, लेकिन पिछले कई दिनों से वहां कर्फ्यू लगा हुआ था। अब तय हुआ कि सोनमर्ग में रुकेंगे।
अमरनाथ यात्रा के क्रम में जब हम दर्शन करके वापस बालटाल पहुंचे तो वहां से निकलते-निकलते शाम हो गयी थी। हममें से ज्यादातर पहली बार कश्मीर आये थे, इसलिये एक-दो दिन कश्मीर में रुकना भी चाहते थे। इरादा तो श्रीनगर में रुकने का था, लेकिन पिछले कई दिनों से वहां कर्फ्यू लगा हुआ था। अब तय हुआ कि सोनमर्ग में रुकेंगे।
सोनमर्ग बालटाल से आठ किलोमीटर दूर श्रीनगर वाले रास्ते पर है। इसे सोनामार्ग कहते हैं, जो आजकल सोनमर्ग बोला जाता है। यह इलाका घाटी के मुकाबले बिल्कुल शान्त है, इसलिये यहां रुकने में डर भी नहीं लग रहा था। जिस होटल में हम ठहरे थे, उसका मालिक एक हिन्दू था। उस होटल में काम करने वाला बाकी सारा स्टाफ मुसलमान।
हिन्दू मालिक बताता है कि हफ्ते दस दिन में मेरे पास मिलिटरी का एक कर्नल आ जाता है। कर्नल ने उसे अपना फोन नम्बर दे रखा है कि अगर कभी तुम पर कोई दिक्कत आये तो तुरन्त फोन कर देना। दो मिनट में फौज होटल में पहुंच जायेगी। और हां, पूरे सोनमर्ग में वही अकेला हिन्दू है।
हिन्दू मालिक बताता है कि हफ्ते दस दिन में मेरे पास मिलिटरी का एक कर्नल आ जाता है। कर्नल ने उसे अपना फोन नम्बर दे रखा है कि अगर कभी तुम पर कोई दिक्कत आये तो तुरन्त फोन कर देना। दो मिनट में फौज होटल में पहुंच जायेगी। और हां, पूरे सोनमर्ग में वही अकेला हिन्दू है।
साल में पांच-छह महीने यह इलाका बरफ से ढका रहता है। इस दौरान यहां कोई आदमजात नहीं दिखती। अप्रैल मई आने पर सबसे पहले होटल वाले ही यहां पहुंचते हैं। साफ-सफाई करते हैं, पिछले कई महीनों से जमी बरफ को हटाकर रास्ता बनाते हैं। फिर धीरे-धीरे पर्यटक और घुमक्कड पहुंचते हैं। सबसे व्यस्त सीजन अमरनाथ यात्रा के दौरान होता है।
चलो खैर, बहुत पढाई कर ली। अब फोटू देखिये:
सामने पहाड पर टंगा थाजीवास ग्लेशियर दिख रहा है। |
थाजीवास ग्लेशियर- सोनमर्ग की शान |
सोनमर्ग में हमने एक रात गुजारी। सुबह उठकर कुछ मौज मस्ती की। मौज मस्ती की बात अगली बार विस्तार से बताई जायेगी। क्योंकि अभी - अभी तो हम अमरनाथ से लौटे हैं। भयंकर रूप से थके हुए हैं।
अगला भाग: सोनमर्ग में खच्चरसवारी
अमरनाथ यात्रा
1. अमरनाथ यात्रा
2. पहलगाम- अमरनाथ यात्रा का आधार स्थल
3. पहलगाम से पिस्सू घाटी
4. अमरनाथ यात्रा- पिस्सू घाटी से शेषनाग
5. शेषनाग झील
6. अमरनाथ यात्रा- महागुनस चोटी
7. पौषपत्री का शानदार भण्डारा
8. पंचतरणी- यात्रा की सुन्दरतम जगह
9. श्री अमरनाथ दर्शन
10. अमरनाथ से बालटाल
11. सोनामार्ग (सोनमर्ग) के नजारे
12. सोनमर्ग में खच्चरसवारी
13. सोनमर्ग से श्रीनगर तक
14. श्रीनगर में डल झील
15. पटनीटॉप में एक घण्टा
आपकी घुम्मकड़ी के आगे नत मस्तक हैं भई...गजब करते हो!
ReplyDeleteलाजबाब तसवीरें
ReplyDeleteबहुत बढ़िया. मस्ती की बात भी जल्दी बता दो.
ReplyDeleteबड़े ही सुन्दर चित्र।
ReplyDeleteबहुत सुंदर यात्रा का विवरण, ओर उस से भी सुंदर चित्र धन्यवाद
ReplyDeleteअति सुन्दर!
ReplyDeleteगर फिरदौस ज़मींअस्त हमींअस्त हमींअस्त हमींअस्त!
तस्वीरें बहुत अच्छी है | मौका मिला तो अमरनाथ यात्रा करेंगे |
ReplyDeleteNEERAJ chhore pahad par ghooman jange to tere tai salah lekai jaange apna mo. no. meri mail par bhej de rkdaryapur@yahoo.com ya miss call de de 9899886642
ReplyDeleteKYA BAAT HAI SAHAB MAZA AA GAYA
ReplyDeleteनीरज भाई आनन्द आ गया बम बम भोले ।
ReplyDelete