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पहलगाम- अमरनाथ यात्रा का आधार स्थल

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बारह जुलाई की शाम को पांच बजे दिल्ली से चले थे और अगले दिन शाम को पांच बजे पहलगाम पहुंचे। चौबीस घण्टे के लगातार सफर के बाद। इसमें भी हैरत की बात ये है कि ड्राइवर रवि ही पूरे रास्ते भर गाडी चलाता रहा। ना तो रात को सोया ना ही आज सुबह से अब तक पलक झपकी।
अनन्तनाग से शुरू हो जाता है सुरक्षा बलों और सेना का पहरा। सडक पर कर्फ्यू सा लगा हुआ था। दुकानें बन्द थीं। कुछ लोग इधर-उधर घूम रहे थे। लगभग हर बन्द दुकान के सामने जवान तैनात था। पहलगाम तक यही सिलसिला रहा। हां, लिद्दर नदी भी अनन्तनाग से ही साथ दे रही थी। एक अकेली लिद्दर ही है, जो पहलगाम में जान डाल देती है।
चूंकि पहलगाम अमरनाथ यात्रा का आधार शिविर है, इसलिये यात्रियों की सुरक्षा जांच और सामान चेक किया जाता है। पहलगाम में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के परिसर में तम्बू लगा रखे थे। यात्री यहां एक रात तो रुकते ही हैं। इसी तम्बू नगरी में भरा-पूरा बाजार भी है। भण्डारे भी लगते हैं। रात को हम यही रुके। सुबह को ड्राइवर से बोल दिया कि तीन दिन बाद यानी परसों बालटाल में मिलेंगे। हमारा कार्यक्रम पहलगाम के रास्ते से चढकर बालटाल के रास्ते से उतरने का था। ड्राइवर को विदा करके सब छह लोगों का दल चन्दनवाडी के लिये निकल पडा।
जब शिवजी माता पार्वती को अमर कथा सुनाने अमरनाथ ले जा रहे थे तो शिवजी ने यहां पर अपना बैल नन्दी छोडा था। शिवजी नहीं चाहते थे कि पार्वती के अलावा कोई दूसरा इस कथा को सुने, नहीं तो सुनने वाला अमर हो जायेगा। और सृष्टि का विधान गडबडा जायेगा। कहते हैं कि इस स्थान का नाम पहले बैलगांव था जो बाद में पहलगाम हो गया।
मामला चाहे कुछ भी हो, लेकिन जगह बडी मस्त लगी। अमरनाथ यात्रा के अलावा एक बार यहां दोबारा जाने का इरादा है।
SHAHANSHAH
लिद्दर किनारे शहंशाह

NEERAJ JAAT IN PAHALGAM
रात-दिन सफर के बाद शक्ल भी बासी सी लगने लगती है। पहचाना कौन है यह? मैने तो पहचान लिया।

IN PAHALGAM
सोचो, ये लोग क्या कर रहे हैं? बिल्कुल गलत सोच। गाडी ना तो खराब हुई है, ना ही किसी सम्भावित खराबी की जांच हो रही है।
हम छह में से तीन तो पियक्कड थे और तीन नॉन-पियक्कड। यहां पियक्कडों का इन्तजाम हो रहा है। दिल्ली से ही फुल कोटा भरकर लाये थे। पहलगाम में चूंकि गाडी की तलाशी होती है, इसलिये अपने कोटे को बोनट में सफलतापूर्वक छुपा रहे हैं।

IN PAHALGAM (CAR)
बोतलें इसी तरह पॉलीथीनों में भरकर कई जगह लटका दी थीं। ठण्डा इलाका है, कोई नुकसान नहीं हुआ।

PAHALGAM
यह है पहलगाम में घुसने से पहले का दृश्य

LIDDAR
सडक लिद्दर नदी के साथ-साथ ही है।

CHECKING IN PAHALGAM
पहलगाम से जरा सा पहले सुरक्षा जांच चौकी।

LIDDAR IN PAHALGAM
READY FOR AMARNATH YATRA
अगले दिन छह लोगों का काफिला यात्रा के लिये चल पडा।
बायें से: धर्मबीर, कालू, मनदीप, शहंशाह, नीरज और बिल्लू। पूरी जाट पार्टी है।

CRPF IN PAHALGAM
सी आर पी एफ की जिम्मेदारी है यात्रा कराना।

LIDDAR RIVER IN PAHALGAM
ओये-होये। मर गये।

BEAUTIFUL LIDDAR
दोबारा जाना ही पडेगा पहलगाम।

अगला भाग: पहलगाम से पिस्सू घाटी

अमरनाथ यात्रा
1. अमरनाथ यात्रा
2. पहलगाम- अमरनाथ यात्रा का आधार स्थल
3. पहलगाम से पिस्सू घाटी
4. अमरनाथ यात्रा- पिस्सू घाटी से शेषनाग
5. शेषनाग झील
6. अमरनाथ यात्रा- महागुनस चोटी
7. पौषपत्री का शानदार भण्डारा
8. पंचतरणी- यात्रा की सुन्दरतम जगह
9. श्री अमरनाथ दर्शन
10. अमरनाथ से बालटाल
11. सोनामार्ग (सोनमर्ग) के नजारे
12. सोनमर्ग में खच्चरसवारी
13. सोनमर्ग से श्रीनगर तक
14. श्रीनगर में डल झील
15. पटनीटॉप में एक घण्टा

Comments

  1. आनन्द आ गया विवरण और तस्वीरें देखकर.

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  2. आनन्द आ गया, शुक्रिया!

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  3. क्यों बारिश से डर गये या रास्ता बंद हो गया।

    राम-राम

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  4. क्या पहलगाम में पीना मना है?

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  5. आप तो घूम रहे हैं आजकल....
    ____________
    'पाखी की दुनिया' में आपका स्वागत है.

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  6. बहुत बढ़िया!
    तृप्त हो गये हम भी!

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  7. फोटो देख कर तबियत बाग़ बाग़ हो गयी....अगली कड़ी का इंतज़ार...
    नीरज .

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  8. बहुत मनमोहक चित्र और रोचक विवरण.

    रामराम.

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  9. चित्र देखकर तो हमारा भी घूमने का मन करने लगा है।

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  10. बहुत सुंदर लगी आप की यह यात्रा जी, मजा आ गया, ओर चित्र भी बहुत खुब सुरत लगे. धन्यवाद

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  11. बोनट खोल केवायपर वाली टिपली में भर लेना था आयटम और उसका पाईप अंदर ले लेना था। जब भी जरुरत पड़े वायपर का पानी वाला स्विच दबाओ और अंदर बैठे-बैठे अपना गिलास भरो। ये जुगाड़ तो पक्का था।

    फ़िर कभी आजमा लेना।

    चलते रहिए-हम मिलते रहेंगे।

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  12. बहुत मनमोहक चित्र और रोचक विवरण.

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  13. aapki photography lajawab hai,

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  14. Neeraj ji, I am 70yrs old retired person , I have visited so many times Sri Amarnath Yatra, but I don't have any record ,things are in only in memories. In july 12 ,that was my last
    visit, there I got some injury in my backbone.Ab kab ja sakunga, pata nahi.Now a days I am in U.S.A.at my son's residance.Here I knew about you. Now I want to meat & see you.Please reply earlist at ashishvinny@gmail.com.
    In mid of NOV 13 I will be in LKO ,India.

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