दूसरा दिन: पोखरण फोर्ट और जैसलमेर वार मेमोरियल
पिछली पोस्ट: जोधपुर में मेरा मन नहीं लगा 12 दिसंबर 2019... अपने आप सुबह सुबह ही आँख खुल गई। और खुलती भी क्यों न? हमने खुद ही...
नीरज मुसाफिर का यात्रा ब्लॉग
पिछली पोस्ट: जोधपुर में मेरा मन नहीं लगा 12 दिसंबर 2019... अपने आप सुबह सुबह ही आँख खुल गई। और खुलती भी क्यों न? हमने खुद ही...
मैं अनगिनत बार जोधपुर जा चुका हूँ, लेकिन कभी भी यहाँ के दर्शनीय स्थल नहीं देखे। ज्यादातर बार अपनी ट्रेन-यात्राओं के सिलसिले में गया हू...
जब से हम Travel King India Private Limited कंपनी बनाकर आधिकारिक रूप से व्यावसायिक क्षेत्र में आए हैं, तब से हमारे ऊपर जिम्मेदारी भी ब...
मुझे तीन दिन बाद दिल्ली पहुँचना था और मैं आज खिर्सू के पास मेलचौरी गाँव में था। यूँ तो समय की कोई कमी नहीं थी, लेकिन अनदेखे पौड़ी को ...
18 नवंबर 2019 मैं बीनू के यहाँ जयालगढ़ में पड़ा हुआ था और पड़ा ही रहता, अगर टैंट पर धूप न आती। धूप आने से टैंट ‘ग्रीन हाउस’ बन गया और अ...
16 नवंबर 2019 आज मैं करोड़ों वर्ष बाद ऋषिकेश से देवप्रयाग वाली सड़क पर बाइक चला रहा था। इससे पहले तब गया था, जब चारधाम परियोजना का काम...
“अनदेखे पहाड़” किताब के विमोचन के समय नरेंद्र से मुलाकात हुई... मैं उससे मिलने की बड़ी प्रतीक्षा कर रहा था... खासकर कुछ बड़े और जिम्मेदार लो...