बिलीमोरा से वघई नैरोगेज रेलयात्रा
7 मार्च 2016 के दिन यह यात्रा आरम्भ की। मेरा मतलब दिल्ली से चल पडा। आठ दिनों की यह यात्रा थी जिसमें पश्चिम रेलवे की वडोदरा और मुम्बई डिवीजनो...
नीरज मुसाफिर का यात्रा ब्लॉग
7 मार्च 2016 के दिन यह यात्रा आरम्भ की। मेरा मतलब दिल्ली से चल पडा। आठ दिनों की यह यात्रा थी जिसमें पश्चिम रेलवे की वडोदरा और मुम्बई डिवीजनो...
पुस्तक प्रकाशन की योजना तो काफी पहले से बनती आ रही थी लेकिन कुछ न कुछ समस्या आ ही जाती थी। सबसे बडी समस्या आती थी पैसों की। मैंने कई लेखकों ...
26 जनवरी 2016 सुबह उठे तो आसमान में बादल मिले। घने बादल। पूरी सम्भावना थी बरसने की। और बर्फबारी की भी। आखिर जनवरी का महीना है। जितना समय बी...
25 जनवरी 2016 साढे आठ बजे हम सोकर उठे। हम मतलब मैं और निशा। बाकी तो सभी उठ चुके थे और कुछ जांबाज तो गर्म पानी में नहा भी चुके थे। सहगल साह...
24 जनवरी 2016 दिसम्बर 2015 की लगभग इन्हीं तारीखों में हम तीन जने नागटिब्बा गये थे। वह यात्रा क्यों हुई थी, इस बारे में तो आपको पता ही है। म...
10 जनवरी 2016 कल की बात है। जब पौने पांच बजे रीकांग पीओ से बस आई तो इसमें से तीन-चार यात्री उतरे। एक को छोडकर सभी स्थानीय थे। वो एक बाहर क...
9 जनवरी 2016 कल जब हम दोरजे साहब के यहां बैठकर देर रात तक बातें कर रहे थे तो हिम तेंदुए के बारे में भी बातचीत होना लाजिमी था। किब्बर हिम ...