जैसलमेर में दो घण्टे
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । तीन बजे मैं जैसलमेर पहुंचा। संजय बेसब्री से मेरा इंतजार कर रहा था। वह नटवर का ...
नीरज मुसाफिर का यात्रा ब्लॉग
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । तीन बजे मैं जैसलमेर पहुंचा। संजय बेसब्री से मेरा इंतजार कर रहा था। वह नटवर का ...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 27 दिसम्बर 2013 सैनिकों की बैरक में भरपेट खा-पीकर दोपहर बाद दो बजे मैं रामगढ क...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । लोंगेवाला- एक निर्णायक और ऐतिहासिक युद्ध का गवाह। 1971 की दिसम्बर में जैसलमेर ...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 26 दिसम्बर 2012 की सुबह आराम से सोकर उठे। वैसे तो जल्दी ही उठ जाने की सोच रखी ...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । अक्टूबर 1965 में एक युद्ध हुआ था- भारत और पाकिस्तान के मध्य। यह युद्ध देश की प...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 25 दिसम्बर 2013, जब आधी दुनिया क्रिसमस मनाने की खुशी से सराबोर थी, हम पश्चिमी ...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । ट्रेन डेढ घण्टे की देरी से जैसलमेर पहुंची। पोखरण तक यह ठीक समय पर चल रही थी ले...
जब लद्दाख गया था ना साइकिल लेकर, तो सोच लिया था कि यह आखिरी साइकिल यात्रा है। इसके बाद कोई साइकिल नहीं चलानी। हालांकि पहले भी ज्यादा साइकिल...
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चेतावनी: ‘डायरी के पन्ने’ मेरे निजी और अन्तरंग विचार हैं। कृपया इन्हें न पढें। इन्हें पढने से आपकी धार्मिक और सामाजिक भावनाएं आहत हो सकती है...