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सिटी पैलेस देखने के बाद समय बच गया तो हम जयगढ किला देखने निकल पडे। जब तक वहां पहुंचे तो किला बंद हो चुका था। चार साढे चार बजे के आसपास किला बंद हो जाता है। इसके पास ही नाहरगढ किला है। यह अंधेरा होने पर बंद होता है। वैसे तो जयगढ किला ज्यादा भव्य बताया जाता है लेकिन नाहरगढ भी कम नहीं है। यह एक पहाडी पर बना है। यहां से पूरे जयपुर शहर का विहंगम नजारा दिखाई देता है।
इसका निर्माण 1734 में महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने करवाया था। 1857 में यह किला आसपास के इलाकों से भागे हुए अंग्रेजों की शरणस्थली के रूप में काम आया। इसका शिल्प ज्यादा उन्नत नहीं है। लेकिन इसकी लोकेशन इसे खास बनाती है। यहां से सूर्यास्त और जयपुर शहर बडे भव्य दिखते हैं।
सिटी पैलेस देखने के बाद समय बच गया तो हम जयगढ किला देखने निकल पडे। जब तक वहां पहुंचे तो किला बंद हो चुका था। चार साढे चार बजे के आसपास किला बंद हो जाता है। इसके पास ही नाहरगढ किला है। यह अंधेरा होने पर बंद होता है। वैसे तो जयगढ किला ज्यादा भव्य बताया जाता है लेकिन नाहरगढ भी कम नहीं है। यह एक पहाडी पर बना है। यहां से पूरे जयपुर शहर का विहंगम नजारा दिखाई देता है।
इसका निर्माण 1734 में महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने करवाया था। 1857 में यह किला आसपास के इलाकों से भागे हुए अंग्रेजों की शरणस्थली के रूप में काम आया। इसका शिल्प ज्यादा उन्नत नहीं है। लेकिन इसकी लोकेशन इसे खास बनाती है। यहां से सूर्यास्त और जयपुर शहर बडे भव्य दिखते हैं।
समाप्त...
जयपुर यात्रा
1. जयपुर यात्रा-आमेर किला
2. जयपुर की शान हवामहल
3. जयपुर का जन्तर मन्तर
4. सिटी पैलेस, जयपुर
5. नाहरगढ किला, जयपुर
सुन्दर तस्वीरें.
ReplyDeleteसुन्दर तस्वीरें. नाहरगढ किले की सैर ब्लॉग पर ही कर ली .
ReplyDeleteभाई नीरज,बेठे बिठाए आपने गुलाबी शहर जयपुर की अच्छी सैर करवाई हे --नाहरगढ किला सचमुच कारीगरी का बेजोड़ नमूना हे बधाई |
ReplyDeleteकभी मेरे ब्लोक पर भी आने का टाइम निकले और मेरा होसला आफजाई करे |
दीवार पर लटकी लालटेन , यह फोटो पसंद आई है ! बहुत बारीकी से देखते हो नीरज ! हार्दिक शुभकामनायें !!
ReplyDeleteराजस्थान प्रसिद्ध है अपने किलों के लिये।
ReplyDeleteआज ही जयपुर जा रहा हूँ, अपने घर, जिसकी छत से ये किला अपनी पूरी भव्यता के साथ नज़र आता है... बचपन में हम लोग बारिश के दिनों में नाहर गढ़ से आमेर के किले तक पहाड़ियों पर चलते हुए चले जाया करते थे...वो भी क्या दिन थे...आपकी फोटोग्राफी कमाल की है...लंगूर देखने के लिए गलता जी से श्रेष्ठ और कोई जगह नहीं है जयपुर में...आप गए थे वहां?
ReplyDeleteनीरज
NEERAJ JI PHOTO TO NAHAR GARDH KE BAHUT ACCHE HAIN PAR APKI PHOTO EK BHI NAHIN HAIN KYON.
ReplyDeleteसचित्र सुन्दर वर्ण। शुभकामनायें।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर नीरज भाई, वो लाल सूरज वाला चित्र तो एकदम दिल को छूं गया !
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर चित्र और विवरण दिया. शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
बहुत अच्छा लगा,,धन्यवाद
ReplyDeleteनीरज भाई कहां कहां घुमा रहा हे, ओर हमारा मन भी लालच मे फ़ंस रहा हे, इस्तने सुंदर विवरण पढ कर ओर सुंदर सुंदर चित्र देख कर, अब अगली बार हम ने गाईड तो तेरे को ही बनाना हे १० दिन के लिये, ओर तेरे ऊपर ही छोड देना हे कि कहा कहा घुमाना हे तुने, यह पक्का, अगर नही माना तो जबर्द्स्ती दोस्ती का वास्ता दे कर ले जायेगे.
ReplyDeleteमजा आ गया आज ओर पिछली पोस्टे देख कर धन्यवाद
बहुत अच्छी फोटो है ..... यहाँ तो मैं भी गया हूँ.....
ReplyDeleteJaipur to khoob dekha raha bhi khoob lekin nahargarh aaj hi es blog ke karan dekh paya
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