भले ही यह यात्रा मैंने अभी 6 फरवरी 2012 को की हो लेकिन इसकी नींव कई साल पहले ही डाली जा चुकी थी। आज से चार साल पहले मैं ऐसा नहीं था जैसा आज हूं। उन दिनों मैं घुमक्कडी के मामले में बेहद शर्मीला था। ट्रेनों में चढकर सफर करना अच्छा तो लगता था लेकिन शर्त यह भी थी कि सुबह घर से निकलकर शाम तक वापस भी आना है। रात को भी सफर हो सकता है, इस बारे में मैं सोचता तक नहीं था।
गुडगांव में रहता था तब मैं, प्राइवेट नौकरी थी, जनरल ड्यूटी चलती थी, इतवार को छुट्टी रहती थी। तब मैंने रेल नक्शे में ज्यादा कुछ कवर नहीं किया था। दिल्ली – जयपुर लाइन पर मात्र गुडगांव तक ही पहुंच हुई थी अपनी। रेवाडी यहां से 52 किलोमीटर दूर है और बहुत बडा जंक्शन भी है। यहां से अलवर, नारनौल, सादुलपुर, हिसार और दिल्ली की दिशा में ट्रेनें मिलती हैं। यह 52 किलोमीटर की दूरी मुझे इसलिये याद है कि इसके साथ एक अजीब सा संयोग बन गया है। हमारे गांव का सबसे नजदीकी स्टेशन मेरठ कैण्ट है जहां से मुजफ्फरनगर 52 किलोमीटर दूर है। मेरठ कैण्ट से गाजियाबाद 52 किलोमीटर, गाजियाबाद से गुडगांव 52 किलोमीटर और गुडगांव से रेवाडी फिर 52 किलोमीटर।
खैर, चार साल पहले मैं रेवाडी तक पहुंच गया। मेरे पास ना तो उस समय इंटरनेट था, ना ही टाइम टेबल। गुडगांव के स्टेशन पर गाडियों का टाइम देख लिया था कि रेवाडी के लिये ट्रेनें इतने-इतने बजे निकलती हैं, तो एक दिन पकड ली इसी तरह एक ट्रेन। रेवाडी जाकर देखा तो तब तथा आज के हालात में कुछ भी फरक नहीं हुआ। रेवाडी जाकर गाडियों का टाइम टेबल पढना अब भी उतना ही कठिन है जितना कि तब था। कोई क्रम नहीं, कोई रूट नहीं, बस जहां जी किया, वहां ट्रेनें लिख दी। ना तो यह पता चलता कि फुलेरा के लिये ट्रेन कब है, अलवर के लिये कब और हिसार के लिये कब?
मैंने एक सादे कागज पर रेवाडी से चलने वाली सभी पैसेंजर गाडियों का टाइम नोट कर लिया। उसके हिसाब से एक पैसेंजर गाडी मुझे सबसे ज्यादा उपयुक्त लगी- डेगाना पैसेंजर। मुझे पता था कि रेवाडी-डेगाना लाइन मीटर गेज है। मैंने तब तक बडी लाइन के अलावा ना तो मीटर गेज में सफर किया था, ना ही नैरो गेज में। बडी उत्सुकता थी कि आज मीटर गेज की गाडी में सफर करूंगा। लग लिया मैं भी लाइन में। जैसे ही मैंने क्लर्क से कहा कि एक टिकट डेगाना छोटी लाइन, तो जवाब सुनकर मैं दंग रह गया। मुझे सुनाई दिया- वो लाइन तो है ही नहीं। मुझे पता तो था कि गेज परिवर्तन का काम भारत में चल रहा है लेकिन यह नहीं पता था कि यह लाइन भी इस लपेटे में है। मैं तुरन्त वहां से हट गया और वापस गुडगांव आ गया। छोटी गाडी में सफर करने की हसरत रह गयी।
खैर, टाइम बदला। मैं फिर से रेवाडी स्टेशन पर था। पता चला कि सादुलपुर और फुलेरा दोनों लाइनें अब भी बन्द हैं। बन्द हैं तो क्या हुआ? अलवर और हिसार वाली लाइनें तो खुली हैं। सुबह नौ बजे के आसपास रेवाडी से फाजिल्का के लिये ट्रेन चलती है। फाजिल्का पंजाब में पाकिस्तान सीमा के पास है, 400 किलोमीटर से भी ज्यादा है। ले लिया जी फाजिल्का तक का टिकट। उस समय अपने पास कैमरा नहीं होता था। भिवानी, हिसार, सिरसा, बठिण्डा और कोटकपूरा। कोटकपूरा में गाडी बदली और फाजिल्का के बजाय फिरोजपुर छावनी चला गया। वापस आने के लिये पंजाब मेल पकड ली।
इसी तरह
एक बार अलवर वाली लाइन भी नाप डाली। रेवाडी- अलवर- बांदीकुई- भरतपुर- आगरा तक बढिया सफर किया। अब बची वे दोनों लाइनें यानी सादुलपुर और फुलेरा वाली। जैसे ही सादुलपुर वाली लाइन खुली और उस पर पैसेंजर ट्रेनें चलने लगीं, मैंने उसे भी देख लिया। उसके फोटो हैं मेरे पास, बताऊंगा किसी दिन उस यात्रा के बारे में। इस बार फुलेरा यात्रा की जाये।
दिल्ली से रेवाडी हालांकि काफी पास है लेकिन अगर आपको रेवाडी से सुबह कोई ट्रेन पकडनी पडे तो वहां पहुंचना आसान नहीं होता। या तो रात को ही रेवाडी पहुंच जाओ, स्टेशन पर सोओ। या फिर दिल्ली स्टेशन पर सोओ, सुबह चार साढे चार बजे पूजा एक्सप्रेस पकडो। मैं सोने को ज्यादा अहमियत देता हूं तो रात को ही रेवाडी पहुंच जाता था, आराम से पांच छह बजे तक सोता था फिर अपनी ट्रेन पकड लेता था। लेकिन इस बार मामला कुछ गडबड था। रेवाडी से इस लाइन पर दिन भर में चार ट्रेनें चलती हैं- सुबह साढे पांच बजे पैसेंजर, सवा नौ बजे पैसेंजर, शाम सात बजे पैसेंजर और रात नौ बजे चेतक एक्सप्रेस। इनमें से बाद की दो ट्रेनें मेरे किसी काम की नहीं थी। बची सुबह वाली दो गाडियां। साढे पांच वाली को पकडने के लिये रात को ही रेवाडी जाकर डेरा डालना पडता। अब सबसे सटीक गाडी बची सुबह सवा नौ बजे वाली। लेकिन इसमें भी एक पंगा चल रहा था- दिल्ली से छह बजे के बाद निकलकर नौ बजे से पहले रेवाडी पहुंचना सम्भव नहीं था। भला हो कि इस बार रेल बजट में घोषित हुई दिल्ली-बीकानेर इंटरसिटी सुबह सात बजे दिल्ली से चलने लगी।
मैंने इसी गाडी को पकडा। टिकट सीधे फुलेरा तक का ले लिया गया। हालांकि रेवाडी के बाद यह गाडी सादुलपुर वाला रूट पकड लेती है इसलिये मुझे रेवाडी में उतरना ही था। लेकिन वक्त ना होने के कारण मैं रेवाडी से फुलेरा तक पैसेंजर टिकट नहीं ले सकता था। एक्सप्रेस का टिकट होने के कारण मुझे करीब दस रुपये का नुकसान भी हुआ। लेकिन चलो, कोई नहीं।
राजस्थान में जोधपुर-मारवाड लाइन पर एक स्टेशन है- पाली मारवाड। पाली नाम का यह जिला मुख्यालय भी है। बडा स्टेशन है, ज्यादातर गाडियां यहां रुकती हैं। लेकिन मैं सोचता था कि इसके नाम के साथ मारवाड क्यों लगाया है। अक्सर ऐसा होता है कि जिस तरह पाली के साथ मारवाड लगाया है तो इसका मतलब यह बैठता है कि केवल पाली नाम का भी कोई स्टेशन भारत में कहीं है। खूब ढूंढ लिया, नहीं मिला। और आज रेवाडी से निकलते ही पाली मिल गया। हालांकि यहां एक मालगाडी खडी थी और यहां कोई भी पैसेंजर गाडी नहीं रुकती है तो इसीलिये मुझे रेलवे की समय सारणी में नहीं मिलता था।
यह लाइन पहले मीटर गेज थी। कुछ साल पहले ही इसे बडी लाइन में बदलकर दोबारा चालू किया गया है। पहले वाले स्टेशनों की इमारतों को हटाकर उनकी जगह नई इमारतें बनाई गयी हैं तो सभी स्टेशनों में एकरूपता दिखाई देती है। फिर भी अगर इस मौसम में आप हरियाणा मे कहीं घूम रहे हो और आपको सरसों के पीले खेत ना दिखाई दें तो समझो कि आप गधे हो। धुर से धुर तक मतलब कि क्षितिज तक पीली जमीन ही दिखती है। यहां भी ऐसा ही नजारा था। राजस्थान से सटे होने के कारण हालांकि यहां वो वाला हरियाणवी असर नहीं मिलता लेकिन है तो हरियाणा ही।
1 घण्टे बाद नारनौल पहुंचते हैं। यह एक जिला-मुख्यालय भी है। अच्छा हां, एक बात और है कि जिले का नाम तो महेन्द्रगढ है जबकि हेडक्वार्टर नारनौल में है। महेन्द्रगढ नारनौल से करीब 30-40 किलोमीटर उत्तर में है और रेवाडी-सादुलपुर लाइन पर है। जब गाडी नारनौल से चल पडी तो मेरे ध्यान आया कि हमारे साथ काम करने वाला धर्मेन्द्र नीम का थाना का रहने वाला है। ट्रेन नीम का थाना एक घण्टे बाद पहुंचेगी। आज धर्मेन्द्र गांव आया हुआ था इसलिये लगा दिया फोन और एक घण्टे में खाना लेकर स्टेशन पर आने को कह दिया।
इसी लाइन पर एक स्टेशन है निजामपुर। यह हरियाणा का आखिरी स्टेशन है, इसके बाद राजस्थान का सीकर जिला शुरू हो जाता है। नीम का थाना भी सीकर में ही है और तहसील भी है। साढे ग्यारह बजे गाडी नीम का थाना पहुंची तो धर्मेन्द्र एक झोले में रोटी, सब्जी और अचार लेकर हाजिर था। उसने मुझसे खूब कहा कि इस ट्रेन को छोड दो, इसके बाद वाली से चले जाना, लेकिन महाराज कहां सुनने वाले थे। खाना लिया और गाडी चली तो हम फिर से उसमें लटक लिये। फुलेरा से पहले मुझे वैसे भी फुरसत नहीं थी खाना खाने की तो खाना अपने बैग में रख दिया।
साढे बारह बजे के आसपास गाडी रींगस पहुंचती है। अच्छा हां, इस रूट पर तीन मुख्य स्टेशन हैं- नारनौल, नीम का थाना और रींगस। रेवाडी से जब गाडी चली थी तो अच्छी खासी भीड थी। यह लगभग सारी भीड नारनौल में उतर गई और नारनौल से ही इतनी भीड फिर चढ गई। नीम का थाना पर दोबारा पूरी गाडी खाली हुई और फिर भर गई। अब आया तीसरा स्टेशन यानी रींगस जंक्शन। यहां से एक लाइन जयपुर जाती है और एक जाती है सीकर। जयपुर और सीकर वाली दोनों लाइनें अभी मीटर गेज हैं। एक तरफ जहां जयपुर प्रदेश का मुख्यालय है वहीं सीकर जिले का मुख्यालय है। इस कारण यहां पूरी गाडी खाली हो गई और आगे फुलेरा तक लगभग खाली गाडी ही गई। जबकि रींगस स्टेशन पर भयंकर भीड थी। जयपुर वाली गाडी आयेगी तो यह भीड उसमें चढ लेगी, सीकर वाली आयेगी तो उसमें और वापस रेवाडी वाली आयेगी तो उसमें चढेगी।
पीपली का बास- यह स्टेशन फुलेरा से बिल्कुल पहले है। जैसे ही पीपली का बास से गाडी चली तो मैंने खाना खाना शुरू कर दिया। फुलेरा आते आते खाना खत्म। तय कार्यक्रम के अनुसार मुझे फुलेरा से जयपुर जाना था- जोधपुर भोपाल पैसेंजर (54812) से। लेकिन आज मैं नाइट ड्यूटी करके आया था, थका हुआ था, तो इस पैसेंजर गाडी की प्रतीक्षा नहीं की बल्कि जोधपुर से वाराणसी जाने वाली मरुधर एक्सप्रेस पकड ली जयपुर जाने के लिये। मेरे पास पांच छह घण्टे थे और यह टाइम काटने के लिये फुलेरा से बेहतर जयपुर है। आगे की योजना थी कि जयपुर से ट्रेन पकडकर मावली जाना है। मावली उदयपुर के पास है, यहां से मीटर गेज की एक लाइन मारवाड जंक्शन जाती है। मुझे इस मीटर गेज पर सफर करना था। जयपुर से मावली तक मेरा रिजर्वेशन था- ग्वालियर उदयपुर सुपरफास्ट (12965) से।
अपने एक मित्र हैं जयपुर में- विधान चन्द्र उपाध्याय। स्टेशन से करीब 14 किलोमीटर दूर रहते हैं। चार पांच घण्टे थे मेरे पास, जा पहुंचा। साढे दस बजे से पहले वापस स्टेशन पर आ गया और मावली जाने के लिये ट्रेन में पडकर सो गया।
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhwW2Nc_qdDNy3JTp-cxrOIDLzm0148EhMU22dGWIB1Cl94uPP-IOgF_AUIENfZgz-dfBw6OaHKX1xkl7hvp1fdqaoK7lp7c116JJXRW-sR8Hf-Yphqe76OSxDKTt0FyGtQqFNwG-qR8oiQ/s640/1.+REWARI.jpg) |
रेवाडी रेलवे स्टेशन (बहुत पुराना फोटू है।) |
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg1ztSEcabCa9lFeC8pLzv5OAKeAndXljum7WKlU_zdJkxt5jVmNvAyd5No9GyKbfhEWWsnjobsOPO2JQziS0tKtf4JXaTmbAtaFhHdSRw57eLfKYh1tLezI0uLZUKQKl_6h1XcSYP4I0pu/s640/2.+ATELI.JPG) |
अटेली स्टेशन |
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEisx977ERpq3laWHGsHDB7f1Nr0KFp0OA0ztDP6no_aJ8VGVkZLnX6SlhdKMFU96C70WtuDBMp8c_bOeZXx2aJwVLeNsfGebYSA38OeL3Km4eylmJSvOMpwoHayTwnDBPPjiTdgZGZcjE3p/s640/3.+REWARI+-+PHULERA+RAIL+LINE+1.JPG) |
हरियाणा में सरसों के खेत |
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg7qr1hl_WLPTgVXWela8ECnB7MnqC0PWeIWyNeTZSlUiWEAK_liO2dqgebKy_hLIH1gtaOe05TdloUjR0BnePQhpLSxt23X4cgyyVENhoJUwD-N9cFbaYsnUTtVfKnbTkTI4wQnFqja0Ss/s640/4.+MIRZAPUR+BACHHOD.JPG) |
मिर्जापुर बाछोद स्टेशन |
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEj4zP8rcXTY79dPP7OI8ERYtgE9I9nktYOEv7Dde_FxHs0PiV-4ZaDMsFgGc5oQOInLpgXiQSntidzQ0ZVh9Lc4l8K3roO0IGc2Kp2b4Y6YGUUSuqQexwtHGzBFwsrY8ZEqWxsbVbT1ncdv/s640/5.+NARNAUL.JPG) |
नारनौल रेलवे स्टेशन |
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEh6v6YSSeWRYaC_GwO4Oq4-uCKc8CMkOhVxW8hOQ_RyDpXtbBaMGN_qUoUpHlSP9qrOapNdbJoqeh8nyLT79BbG9nxIFF2TcrlZ0gMjPxCALG4ZdVrsKKWC7Zve8tXnIoTz2k63toozJPRZ/s640/6.+AMARPUR+JORASI.JPG) |
बडी लाइन बनने के बाद सभी स्टेशनों की इमारतों को इसी ढंग से बनाया गया है- गुलाबी रंग में रंगी हुई। |
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiVuO8Oqu6xuJtACwvTceKPYCfyBgqiED2AEDWmjOrY8pjPJcvf_UXa7Emky2_VLeHj7MOCw73KiNrDOh-guII94kINylea1V24NNg9URg10fmHSCXharqtpt2gPm1srbZ88-xwTdkTSp0A/s640/7.+REWARI+-+PHULERA+RAIL+LINE+2.JPG) |
खुद का फोटो या प्रतिबिम्ब का फोटो? |
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi39-LXX_SH5XNl3Q_HCLsKQ_I-ss7GIPnK-pmgQ9vHyW94OSbKk5NSBsdUVhGJQrfUlVA12BFWPX4N4J16f4xiNwupQGzm0fnCT526ihEEnVrFwdaIHPIiKbyHRhyphenhyphenPvdWFtjRqBHLcFv39/s640/8.+DABLA.JPG) |
डाबला रेलवे स्टेशन- यहां से गाडी राजस्थान में प्रवेश करती है। |
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgcXrgzqMv-TUqlK3APrMzLBMy6aZl-eEG6slJIa1JYUDbyzLF405j3n1C09XNvCM4Fmh1KUruQ9JunoASWNkjinZfq06vV62XnJWsKD_gQlFFDVUdjeJmUWB9n4fxxs-uSGUP0828FJkOB/s640/9.+REWARI+-+PHULERA+RAIL+LINE+3.JPG) |
एक भीड-भाड वाला स्टेशन |
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg1A5mPJ-mQrsWd8DopMrT1Zv0Q_nJi-0sDrUtC1c9ya18HLv6l9TrvjfibC1YJCY7ijI-m4vC_r5t0gcstyjjaXMVI-VZy_SbhFJQGk8LgJ61bQT2uTxaxkyRoWGrmYSpUgQ0IycFdGsEd/s640/10.+REWARI+-+PHULERA+RAIL+LINE+4.JPG) |
मालगाडी को रोककर इस पैसेंजर गाडी को आगे निकाला गया। |
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjZRg9F20GtzuX2sNykZu9agBQ9luvo1jZC_90QdIY4GfbGsmJFWAOJrYYUBrJQIkuJxNb8TdRc9mWYv-KFNfHw8Gopc9ssOhBNPdWwnJO-I5dp7WmrpQ0ZyvSxuzj6o0k6BqoMCzn3Gmi7/s640/11.+NIM+KA+THANA.JPG) |
नीम का थाना- राजस्थान के सीकर जिले में एक प्रमुख स्टेशन |
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgtwqB-_kaZkS9HvvisNJIuUVtuJ-tuatmRQIvlfmtQfYX4owq9_4Svhi56hN8KfR5IxrKtNl40saKBrHyBmIIEpvDnjJpdb4faWrJ4N6iVaAn3tZLwpnZJwpDWYp1C2AktQ7Aw23XS3YR8/s640/12.+BHAGEGA.JPG) |
भगेगा स्टेशन |
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgQimHFz5iDvtEyfOmAwxr_xsaIZtIZ492fHg-is571gCZ3Ap_3ObHfoJaZ0yUnC5h-1xb3ixeupU135y6ry_jz52tEwkrZv1N9sb19SXHSOwPvgrxtdozXFYvMGLeY-fFiMmClmLyssM6x/s640/13.+REWARI+-+PHULERA+RAIL+LINE+5.JPG) |
एक मालगाडी सामने से आ रही है। |
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEjaoEGHF0KdV7aehc9alib-Pio4QC7SUZxK7IOfTcKObsW15LxQnfGhfHrtAETO-3sZ-CYZxJNpVl2pGL-TwGY2caAV5Z5UPLR0aeHl4EQe1SOFlg-UWwfwxY6S4I5A7EefSERAabK_HizY/s640/14.+SHRI+MADHOPUR.JPG) |
श्री माधोपुर- इसी से मिलता-जुलता एक स्टेशन राजस्थान में और है- सवाई माधोपुर। |
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiimkYHmeZ2X9xvdUyOnvbQSjDi0c2PLbpkLQW1an47Bi31S_LK2KiHRYpBNIJwIqXngmlZUFwy77GVlqF4kTJvHU0mXBwPT4kJLodwencuI4uucxCYN-HjxS2NrssCykfh9O5mHa6SOoRT/s640/15.+RINGUS+JUNCTION.JPG) |
रींगस जंक्शन- यह भारत के कुछ गिने चुने स्टेशनों में से एक है जहां दो अलग-अलग गेज की लाइनें एक दूसरे को काट रही हैं। हनुमानगढ, बालाघाट, सीतापुर, मावली; और कोई ऐसा स्टेशन याद नहीं आ रहा। वैसे तो बरेली, खण्डवा आदि में भी इसी तरह की क्रॉसिंग है लेकिन वहां पुल बने हुए हैं और दोनों लाइनें एक दूसरे को नहीं काटतीं, पुल से होकर निकल जाती हैं। |
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgTa6FdNfS0GgvgNUgHWIgpqCxZJe1SjZCt75kf31VJmxp78eFPxzTruQOMkctWxijmvUBj5JweUp0bYCrWdWtjxMHbQ5mYl8Wx2N4lOH7UhGWmcHN_ets7VUp0pkGpPO86JWECgXKhRI9C/s640/16.+RINGUS+JUNCTION.JPG) |
रींगस से जयपुर जाने वाली छोटी लाइन |
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEif5O60RRXwuKMfbyb_kQ7fJuU7Md3R-cjamuD2P8thAOFiHo5ROfwp_BTd9dwA_pZ86IxCh1_ZOKhPbmNkTv2kRXEJs0nr-OudzUbrmWfqhbTQRUq7BaXJsfyDSaTLadrnvkFULx3562LD/s640/17.+REWARI+-+PHULERA+RAIL+LINE+6.JPG) |
एक और क्रॉसिंग |
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiSBZarOFT6OdOp5iACmQEq3SU4JmrIA1YvAiobHP90qmoBMqXjemc8T9Mj7psL47-U5xSPyOExvbu_9rmqMeVC4Pdx_1lEbmlO93VRyjwPGLmFXe_oHGp2hKbKBs8ktnYc0o4fbZyOKdRk/s640/18.+REWARI+-+PHULERA+RAIL+LINE+7.JPG) |
यह है असली राजस्थान |
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg_k06W5Hs5azjQ2CaH6HMsxdOVH33U9vTCCQzvURwXDZh7P5XVcKtIRHnyOaAG3wdhi6C8s3YruJ4weyGLfQ0eP7N3Vfk3jtreDQsq3cnLu6gprSzw8dJZRpPca3SE9qfZooquzgiTTbuv/s640/19.+MINDHA.JPG) |
मींढा रेलवे स्टेशन |
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgttMpemd5_o0lPuGAvwv_SJ-ZByivVmatHY78MRoe255bhAVX4MSUQkcA_4ZGMD9R4o0TaJVRnNa-sh7CmvPrOXP3IgnU1LVgwD5PprSxPNTriUvy-STs4xqa3ny5FUdK6GO13C7gHo6m3/s640/20.+REWARI+-+PHULERA+RAIL+LINE+8.JPG) |
जाट महाराज। जयपुर विधान के यहां जाते ही नहाऊंगा। |
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEinG7VUuE5fGr5nRQkacXzQsc2gWxYR0nefgY9gkBZeI2L5nG0KAiZroRUEdlDZJu9u3JGR23AgEFKluSxJPSegzSVzOwI649zUqr6SSQbbSSJfhF0t1LYgcIlRri-0GCf6qDQFHnpX7Ehf/s640/21.+PIPLI+KA+BAS.JPG) |
पीपली का बास। इस तरह के और भी कई स्टेशन याद आ रहे हैं- राजा की मण्डी, नीम का थाना, ढहर का बालाजी, राई का बाग, मियां का बाडा, राजा का सहसपुर, बख्शी का तालाब, दौला जी का खेडा, भगत की कोठी। |
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgLW_K0Wsdj1f44NTvbAVSSLQetfpgfx6N41hSK5CZ7N7AC7wScp2QYyu0uZismDHCFRXNt5yxsGzgnP4twq0R8m2xcH4UFnC7bkEA2_AoL-Rfk9kPIGhm88sL2eRHklnUs_do864-CrrEP/s1600/PHULERA.JPG) |
और आखिर में फुलेरा जंक्शन- यहां से एक लाइन सीधी अजमेर चली जाती है, एक जोधपुर और एक जयपुर जाती है। |
अगला भाग: मावली-मारवाड़ मीटर गेज ट्रेन यात्रा
2.
जाट महाराज की जय! आप एक पुस्तक लिख ही डालो अब!
ReplyDeleteलगे रहो, भारतीय रेल जिन्दाबाद, तभी तो घुमक्कडी जिन्दाबाद
ReplyDeleteहमें अब तक तो बस मनोज जी और करन जी वाले रेवाड़ी (रेवाखंड) का पता था.
ReplyDeleteअच्छा लगा कि आप फिर से एक्टिव हो गए हैं.
ReplyDeleteनीरज जी, मैं आपके लेख बहुत समय से पढता आ रहा हूँ। आपके लेखो में एक सजीवता हैं। आपके लेखो को पढ़कर ही मैंने भी ब्लॉग लिखने शुरू किये, इसलिए आपको गुरु मानता हूं मुझे भी घुमने फिरने का बचपन से शौंक रहा हैं, भारतीय रेल के द्वारा हम पूरा हिन्दुस्तान बहुत ही सस्ते में घूम सकते हैं। क्योंकि असली भारत रेल के द्वारा घुमने से ही पता चलता हैं। कभी मुज़फ्फरनगर से गुजरो तो हमें भी याद कर लेना। नमस्कार
ReplyDeletegumte raho pyare .....
ReplyDeleteaap ka jwab nhi..............
ReplyDeleteAap ko kya khn...................?
ReplyDeleteआपका लेख पढ़ के फिर से मन करने लगा भारतीय रेल में सफ़र करने को. बहुत घुमा हू मीटर gauge पे, इंदौर, मध्यप्रदेश से उदयपुर, राजस्थान via रतलाम. शायद वो रास्ता भी अब broad gauge हो गया है.
ReplyDeleteवैसे इंदौर रेलवे स्टेशन (main स्टेशन नहीं, लक्शामिबाई नगर स्टेशन)के पास एक ऐसा स्थान है जहा दो अलग अलग gauge की पटरिया एक दुसरे को काटती है.
हां, Avi,
ReplyDeleteलक्ष्मीबाई नगर में भी बडी लाइन और मीटर गेज लाइन एक दूसरे को काटती हैं।
कितना कुछ पता है यार आपक्को..
ReplyDeleteलेकिन, तस्वीर में आप बदले बदले थोड़े दिख रहे हैं :P
ताश में पत्ते भी ५२ होते हैं...
ReplyDeleteधीरे धीरे मीटरगेज समाप्त हो रहा है...आपकी यात्राये ऐतिहासिक हो जायेंगी।
BAHUT ACHHA LAGA.
ReplyDeleteBahut achha leekh rakha hai.
ReplyDeleteनीरज जी , सही में आप आने वाले कल के लिये एक यादगार यात्रा कर रहे हो । हमारे बच्चे जब बडे होगें तो उन्हे ये लाइने तो देखने को मिलेंगी नही आपकी यात्राए दिखाकर काम चला लेंगे। स्टेशनो के नाम पढना अच्छा लगता है
ReplyDeleteabe tera dil nahi bhara scientist ghum ghum kar
ReplyDeletekamal singh
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteAap rewari steam shed ka bhi visit kare waha per meter gauge or broad gauge ke steam engines working conditions me hai. Her sunday ko ek engine running k liye charge hota hai.
ReplyDelete