इन्दौर में ब्लॉगर ताऊ से मुलाकात
14 अगस्त, जन्माष्टमी। जैसे ही ताऊ को पता चला कि मैं इंदौर में हूँ, तुरन्त ही निर्देश मिलने शुरू हो गए कि फलानी बस पकड़ और फलाने चौराहे पर...
नीरज मुसाफिर का यात्रा ब्लॉग
14 अगस्त, जन्माष्टमी। जैसे ही ताऊ को पता चला कि मैं इंदौर में हूँ, तुरन्त ही निर्देश मिलने शुरू हो गए कि फलानी बस पकड़ और फलाने चौराहे पर...
13 अगस्त 2009, अगले दिन जन्माष्टमी थी। मैं उस दिन भोपाल के पास भीमबैठका में था। ताऊ का फोन आया। बोले कि भाई, हम नासिक जा रहे हैं, कल शाम...
आज एक ऐसी जगह पर चलते हैं जो बिलकुल गुमनाम सी है और अनजान सी भी लेकिन यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल है- एक दो साल से नहीं बल्कि ...
कुछ दिन पहले मैंने प्रतिज्ञा की थी कि जल्दी ही नीलकंठ महादेव के नज़ारे दिखाए जायेंगे। हमारे यहाँ देर तो है पर अंधेर नहीं है। इसलिए थोडी दे...
परसों रक्षाबंधन है। भाई-बहन के प्यार का बंधन। आज की इस आधुनिक दुनिया में जहाँ बाकी पूरे साल दुनिया भर के "फ्रेंडशिप डे" मनाये ज...