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Comments

  1. Hello pankaj ji if you pass through patna then called me on this number 8797447585.i am waiting for you.

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  2. kya aap ka koi youtube channel bhi hai kya ?

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स्टेशन से बस अड्डा कितना दूर है?

आज बात करते हैं कि विभिन्न शहरों में रेलवे स्टेशन और मुख्य बस अड्डे आपस में कितना कितना दूर हैं? आने जाने के साधन कौन कौन से हैं? वगैरा वगैरा। शुरू करते हैं भारत की राजधानी से ही। दिल्ली:- दिल्ली में तीन मुख्य बस अड्डे हैं यानी ISBT- महाराणा प्रताप (कश्मीरी गेट), आनंद विहार और सराय काले खां। कश्मीरी गेट पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास है। आनंद विहार में रेलवे स्टेशन भी है लेकिन यहाँ पर एक्सप्रेस ट्रेनें नहीं रुकतीं। हालाँकि अब तो आनंद विहार रेलवे स्टेशन को टर्मिनल बनाया जा चुका है। मेट्रो भी पहुँच चुकी है। सराय काले खां बस अड्डे के बराबर में ही है हज़रत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन। गाजियाबाद: - रेलवे स्टेशन से बस अड्डा तीन चार किलोमीटर दूर है। ऑटो वाले पांच रूपये लेते हैं।

हल्दीघाटी- जहां इतिहास जीवित है

इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । हल्दीघाटी एक ऐसा नाम है जिसको सुनते ही इतिहास याद आ जाता है। हल्दीघाटी के बारे में हम तीसरी चौथी कक्षा से ही पढना शुरू कर देते हैं: रण बीच चौकडी भर-भर कर, चेतक बन गया निराला था। राणा प्रताप के घोडे से, पड गया हवा का पाला था। 18 अगस्त 2010 को जब मैं मेवाड (उदयपुर) गया तो मेरा पहला ठिकाना नाथद्वारा था। उसके बाद हल्दीघाटी। पता चला कि नाथद्वारा से कोई साधन नहीं मिलेगा सिवाय टम्पू के। एक टम्पू वाले से पूछा तो उसने बताया कि तीन सौ रुपये लूंगा आने-जाने के। हालांकि यहां से हल्दीघाटी लगभग पच्चीस किलोमीटर दूर है इसलिये तीन सौ रुपये मुझे ज्यादा नहीं लगे। फिर भी मैंने कहा कि यार पच्चीस किलोमीटर ही तो है, तीन सौ तो बहुत ज्यादा हैं। बोला कि पच्चीस किलोमीटर दूर तो हल्दीघाटी का जीरो माइल है, पूरी घाटी तो और भी कम से कम पांच किलोमीटर आगे तक है। चलो, ढाई सौ दे देना। ढाई सौ में दोनों राजी।

भंगायणी माता मन्दिर, हरिपुरधार

इस यात्रा-वृत्तान्त को आरम्भ से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 10 मई 2014 हरिपुरधार के बारे में सबसे पहले दैनिक जागरण के यात्रा पृष्ठ पर पढा था। तभी से यहां जाने की प्रबल इच्छा थी। आज जब मैं तराहां में था और मुझे नोहराधार व कहीं भी जाने के लिये हरिपुरधार होकर ही जाना पडेगा तो वो इच्छा फिर जाग उठी। सोच लिया कि कुछ समय के लिये यहां जरूर उतरूंगा। तराहां से हरिपुरधार की दूरी 21 किलोमीटर है। यहां देखने के लिये मुख्य एक ही स्थान है- भंगायणी माता का मन्दिर जो हरिपुरधार से दो किलोमीटर पहले है। बस ने ठीक मन्दिर के सामने उतार दिया। कुछ और यात्री भी यहां उतरे। कंडक्टर ने मुझे एक रुपया दिया कि ये लो, मेरी तरफ से मन्दिर में चढा देना। इससे पता चलता है कि माता का यहां कितना प्रभाव है।