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Showing posts from March, 2016

जनवरी में स्पीति: किब्बर भ्रमण

8 जनवरी 2016 बारह बजे के आसपास जब किब्बर में प्रवेश किया तो बर्फबारी बन्द हो चुकी थी, लेकिन अब तक तकरीबन डेढ-दो इंच बर्फ पड चुकी थी। स्पीति में इतनी बर्फ पडने का अर्थ है कि सबकुछ सफेद हो गया। मौसम साफ हो गया। इससे दूर-दूर तक स्पीति की सफेदी दिखने लगी। गजब का नजारा था। किब्बर लगभग 4200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इसे दुनिया का सबसे ऊंचा गांव माना जाता है। हालांकि लद्दाख में एकाध गांव इससे भी ऊंचा मिल जायेगा, लेकिन फिर भी यह सबसे ऊंचे गांवों में से तो है ही। यहां पहला कदम रखते ही एक सूचना लिखी दिखी - “आमतौर पर यह परांग ला दर्रा (18800 फीट) माह जून से सितम्बर के बीच खुला रहता है। फिर भी जाने से पहले इसकी सूचना प्रशासन काजा से जरूर लें (दूरभाष संख्या 1906-222202) तथा खास कर 15 सितम्बर के पश्चात दर्रे को पार करने की कोशिश घातक हो सकती है। यदि आप स्थानीय प्रदर्शक को साथ लें तो यह आपकी सुरक्षा के लिये उचित होगा।”

जनवरी मे स्पीति: की गोम्पा

8 जनवरी 2016 सुबह उठा तो सबसे पहले बाहर रखे थर्मामीटर तक गया। रात न्यूनतम तापमान माइनस 6.5 डिग्री था। कल माइनस 10 डिग्री था, इसलिये आज उतनी ठण्ड नहीं थी। आपके लिये एक और बात बता दूं। ये माइनस तापमान जरूर काफी ठण्डा होता है लेकिन अगर आपको बताया न जाये, तो आप कभी भी पता नहीं लगा सकते कि तापमान माइनस में है। महसूस ही नहीं होता। कम से कम मुझे तो माइनस दस और प्लस पांच भी कई बार एक समान महसूस होते हैं। सुमित को भी ज्यादा ठण्ड नहीं लग रही थी। हां, आज एक बात और भी थी। बर्फ पड रही थी। आसपास की पहाडियां और धरती भी सफेद हो गई थी। लेकिन जैसी स्पीति में बारिश होती है, वैसी ही बर्फबारी। एक-दो इंच तो छोडिये, आधा सेंटीमीटर भी बर्फ नहीं थी। लेकिन कम तापमान में यह बर्फ पिघली नहीं और इसने ही सबकुछ सफेद कर दिया था। बडा अच्छा लग रहा था। सुमित ने परसों पहली बार हिमालय देखा था, कल पहली बार बर्फ देखी और आज पहली बार बर्फबारी। वो तो स्वर्ग-वासी होने जैसा अनुभव कर रहा होगा।

जनवरी में स्पीति - बर्फीला लोसर

7 जनवरी 2016 सुबह उठा तो देखा कि सुमित कमरे में नहीं था। वो जरूर बाहर टहलने गया होगा। कुछ देर बाद वो वापस आ गया। बोला कि वो उजाला होने से पहले ही उठ गया था और बाहर घूमने चला गया। मैं भी कपडे-वपडे पहनकर बाहर निकला। असल में मुझे बिल्कुल भी ठण्ड नहीं लग रही थी। रात मैं कच्छे-बनियान में ही रजाई ओढकर सो गया था। स्पीति में जनवरी के लिहाज से उतनी ठण्ड नहीं थी, या फिर मुझे नहीं लग रही थी। मेरे पास एक थर्मामीटर था जिसे मैंने रात बाहर ही रख दिया था। अब सुबह आठ बजे तो ध्यान नहीं यह कितना तापमान बता रहा था लेकिन रात का न्यूनतम तापमान शून्य से दस डिग्री नीचे तक चला गया था। अभी भी शून्य से कम ही था।

जनवरी में स्पीति - रीकांग पीओ से काजा

6 जनवरी 2016 रीकांग पीओ से काजा की बस सुबह सात बजे चलती है। मैं छह बजे ही बस अड्डे पर पहुंच गया। जाते ही टिकट ले लिये- आगे की ही सीटें देना। सीट नम्बर 4 और 5 मिल गईं। ये ड्राइवर के बिल्कुल पीछे वाली सीटें होती हैं। सुमित के लिये तो सबकुछ नया था ही, मेरे लिये भी यह इलाका नया ही था। बस अड्डे की कैण्टीन में ही आलू के परांठे खाये। तापमान तो सुबह सवेरे माइनस में ही था, इसलिये हम कम्बल ओढे हुए थे। छोटी सी कैण्टीन में सामानों की अधिकता में सुमित से एक स्थानीय टकरा गया और स्थानीय के हाथ से चाय का कांच का कप नीचे गिर गया और टूट गया। वो बडबडाने लगा लेकिन कैण्टीन मालिक ने तुरन्त मामला रफादफा कर दिया। ठीक सात बजे बस चल पडी। जूते और दस्ताने पहनने के बावजूद भी उंगलियों में ठण्ड लग रही थी। पैरों पर कम्बल डाल लिया और हाथ उसमें घुसा लिये। बडा आराम मिला। बस अड्डे के सामने डाकखाना है। इतनी सुबह भी डाकखाना खुला था। काजा जाने वाली एकमात्र बस में खूब सारी डाक डाल दी गईं और उनकी लिस्ट कण्डक्टर को पकडा दी। गांव आते रहेंगे और कण्डक्टर लिस्ट में देख-देखकर सामान बाहर डालता जायेगा। दो-तीन अखबार ‘रोल’ बनाकर ड्राइ

जनवरी में स्पीति- दिल्ली से रीकांग पीओ

जनवरी में वैसे तो दक्षिण भारत की यात्रा उचित रहती है लेकिन हमने स्पीति जाने का विचार किया। हम यानी मैं और सुमित। डॉ. सुमित फ्रॉम इन्दौर। लेकिन स्पीति जाने से पहले हमारे मन में महाराष्ट्र में पश्चिमी घाट में बाइक चलाने का भी विचार बना था। मैं इन्दौर ट्रेन से पहुंचता और वहां से हम दोनों बाइक उठाकर महाराष्ट्र के लिये निकल जाते। इसी दौरान कल्सुबाई आदि चोटियों तक ट्रैकिंग की भी योजना बनी। ट्रैकिंग का नाम सुनते ही सुमित भी खुश हो गया। लेकिन सुमित की वास्तविक खुशी थी हिमालय जाने में। उधर मेरा भी मन बदलने लगा। महाराष्ट्र के इस इलाके में मानसून में जाना सर्वोत्तम रहता है, जब हरियाली चरम पर होती है। आखिरकार मैंने अपना इन्दौर का आरक्षण रद्द करा दिया और सुमित की दिल्ली तक की सीट बुक कर दी।