फोटोग्राफी पर चर्चा के लिये मित्रों से फोटो आमन्त्रित किये थे। काफी संख्या में फोटो आये। कुछ फोटो की पिछली डायरियों में चर्चा की थी, बाकी की इस बार कर देते हैं।
बहुत मुश्कित है किसी के काम में कमियां निकालना। चर्चा के बहाने असल में कमियां ही निकाली जाती हैं। कमी न भी हो, तब भी... जबरदस्ती। असल में जब कोई भी मित्र अपने सैंकडों हजारों फोटो में से दो-चार फोटो भेजेगा तो निश्चित ही वह अपने सर्वोत्तम फोटो ही भेजेगा। इस बात में कोई शक नहीं कि सभी फोटो बेहद शानदार हैं। लेकिन फोटो आमन्त्रित करने का मकसद उन फोटो की वाहवाही करना नहीं है। इस काम का मकसद ही है कमियां निकालना तथा और ज्यादा प्रयोग करने की सलाह देना। मैं सभी मित्रों को यही सलाह देता हूं कि फोटो तो ठीक है लेकिन अगर ऐसा होता तो ये होता, वैसा होता तो वो होता। वास्तव में फोटोग्राफी कैमरे को क्लिक क्लिक करना भर नहीं होता। इसमें आपको बहुत प्रयोग भी करने होते हैं।
लेकिन मुश्किल यही है कि सर्वोत्तम फोटो होने के बाद भी थोडी बहुत कमियां निकाली जायेंगी तो फोटोग्राफर थोडा-बहुत आहत भी होता है। निश्चित ही आहत जरूर होगा। यही सोचकर अब इस काम को बन्द करने का निश्चय कर लिया (नहीं किया) है।
सबसे पहले शुरूआत करते हैं मनीष कुमार सिंह के फोटो से। यही एकमात्र ऐसे फोटोग्राफर रहे जिन्होंने फोटो के साथ थोडा सा विवरण भी लिखकर भेजा। पेश है मनीष कुमार सिंह के फोटो उन्हीं के विवरण समेत:
फोटो: अमित सिंह प्राकृतिक नजारों का फोटो लेते समय हम अक्सर गैर-जरूरी चीजें भी जोड देते हैं। जैसे कि यहां दुकान का साइन बोर्ड और ईंटों की यह दीवार मुझे गैर-जरूरी लग रहे हैं। |
फोटो: सचिन कुमार जांगडा अच्छा लग रहा है। |
फोटो: सचिन कुमार जांगडा सचिन भाई, फोटो अच्छा लग रहा है, फूल भी अच्छे लग रहे हैं। थोडा फोटोशॉप भी कर देते तो रंग और निखरकर सामने आते। मैंने थोडी कोशिश की है, नीचे लगा है। |
फोटो: सचिन कुमार जांगडा अच्छे फोटो लेने लगे हो अब आप। एक कैमरा भी ले लोगे तो इस कला में बहुत आगे जाओगे। |
फोटो: सुमित कुमार पूरा ब्लर फोटो है, बिल्कुल भी स्पष्ट नहीं है। शायद मोबाइल से लिया है। |
फोटो: विमलेश चन्द्र सर जी, थोडी सी मेहनत और करनी थी और पूरे फोटो में आर-पार छाये हुए बिजली के तार हट सकते थे। |
फोटो: विमलेश चन्द्र अच्छे लग रहे हैं लेकिन कुछ प्रयोग भी किये जा सकते हैं। जैसे कि आप एक लाल फूल के बिल्कुल पास कैमरा ले जाकर मैक्रो मोड में बैंगनी फूल को पृष्ठभूमि में रखते हुए फोटो ले सकते हैं। |
फोटो: विमलेश चन्द्र अच्छा लग रहा है। |
फोटो: विमलेश चन्द्र शिमला पहुंच गये? |
फोटो: विमलेश चन्द्र ओ सर जी, कदी हंस्स बी लिया करो। |
फोटो: विमलेश चन्द्र कोई शक नहीं कि फोटो बेहद शानदार है। लेकिन थोडा ऐसी जगह पर खडे होते कि बाल्टी भी पूरी आती और वृद्धा का चेहरा भी। |
फोटो: विमलेश चन्द्र ब्लर फोटो हैं। लगता है चलती गाडी से लिये हैं। |
अगले 12 फोटो चेतन राठौड ने भेजे हैं। देखने से स्पष्ट है कि सभी फोटो एक ही यात्रा में लिये गये थे- कुछ खजियार के हैं, कुछ नग्गर के और कुछ सोलांग के। फोटो कैनन पावरशॉट A 580 कैमरे से लिये गये हैं। जैसा कि आरम्भिक दौर के फोटोग्राफर करते हैं कि दूसरों को दिखाने भर के लिये या स्वयं की यादगार के लिये फोटो लेते हैं। हालांकि यहां की प्राकृतिक खूबसूरती इतनी शानदार है कि सभी फोटो एक से बढकर एक लग रहे हैं लेकिन अभी भी चेतन साहब को फोटोग्राफी निखारने के लिये बहुत कुछ करना है। चेतन साहब, पहली बात कि आपने सभी फोटो परम्परागत तरीके से लिये हैं। आपको कोई नजारा दिखा, कैमरा चालू किया और क्लिक कर लिया। कोई प्रयोग नहीं किया। फोटोग्राफी में प्रयोग और प्रतीक्षा बहुत जरूरी होते हैं।
यह भी नग्गर का ही है। नग्गर शहर और ब्यास नदी और उसके परे बर्फीली चोटियां अच्छी लग रही हैं। |
यह तो पूरी तरह जानकारी-परक फोटो है कि देखो भाई, सेब का पेड ऐसा होता है। |
कभी कभी सोचता हूं कि आलोचना करने से अच्छा है कि कह दूं फोटो शानदार है। लेकिन आपने इसमें दिखाया क्या है? लग रहा है कि आप रास्ते में गाडी में थे और चलते चलते क्लिक करते गये। जो आता गया, वो फोटो बन गया। |
अच्छा लग रहा है। |
पता है वे जो बर्फीली पहाडियां हैं, उनका नाम क्या है? वे हैं बडा भंगाल के पहाड जो ब्यास घाटी और उधर रावी घाटियों को अलग करते हैं। |
सर्दी हो रही होगी जबरदस्त? |
वाकई सोलांग में काफी बर्फ पडती है। |
नीचे वाला फोटो भेजा है कैलीफोर्निया से अंजना भट्ट ने। हमारी अक्सर बात होती रहती है और मैं उनकी बहुत इज्जत करता हूं। यह कुछ तो उस इज्जत और कुछ मेरे संकोच का नतीजा है कि उनका भेजा यह एकमात्र फोटो मुझे प्रकाशित करना पडा। अन्यथा उनके अनुसार यह फोटो उन्होंने नहीं खींचा है। पता नहीं फिर किसने खींचा है। फिर दूसरी बात कि यह वास्तविक फोटो 9.5 एमबी का है, जो मेरी मांग से लगभग 50 गुना ज्यादा बडा है। अंजना जी से और बाकी मित्रों से अनुरोध है कि इतने बडे फोटो न भेजें। बाकी फोटो इतना शानदार है कि इसके बारे में कुछ कहूंगा तो खराब हो जायेगा।
हालांकि सचिन कुमार जांगडा ने कुछ फोटो और भी भेजे थे लेकिन वे सभी 250 केबी से ज्यादा साइज के थे। कुछ तो 600 केबी से भी ज्यादा थे। इसलिये उन्हें शामिल नहीं किया है। एक मित्र ने सुझाव दिया कि मैं उनके कुछ फोटो उनके फेसबुक पेज से उठा लूं। लेकिन तब मुझे चुनाव करना पडता और यह मेरे लिये बडा मुश्किल काम था।
आप भी इस चर्चा में शामिल हो सकते हैं। जो फोटो ऊपर दिखाये गये हैं, उन पर चर्चा कर सकते हैं। अपने फोटो भी भेज सकते हैं। शर्त केवल इतनी है कि फोटो आपके द्वारा खींचा गया हो। फोटो का साइज 250 केबी से कम हो। आप अपना व्यक्तिगत फोटो व ग्रुप फोटो भी भेज सकते हैं। लेकिन हां, पासपोर्ट साइज फोटो मत भेज देना। दूसरी बात, एक महीने में केवल एक ही बार फोटो भेजें। कितने भी फोटो भेजें, संख्या पर कोई रोक नहीं है। अपने संग्रह में से जो भी फोटो भेजना चाहते हैं, बाकायदा उन्हें छांट लें और किसी दिन मौका मिलते ही भेज दें।
फोटो केवल neerajjaatji@gmail.com पर केवल JPG या JPEG फॉरमेट में ही भेजें। फोटो के बारे में कुछ वर्णन जरूर करें कि आपने किस परिस्थिति में फोटो खींचा था, क्या सोचकर खींचा था? आदि।
डायरी के पन्ने - 28 .......... डायरी के पन्ने - 29
hame to aap ke hi photo kamal ke lagte hi guru
ReplyDeleteधन्यवाद गुप्ता जी...
Deleteधन्यवाद नीरज जी , आपने मेरे सभी फोटो को यहाँ चर्चा के लायक समझा। जी , मेरे सभी फोटो परम्परागत तरीके से लिये गये हैं बस चलते फिरते । सीखने की बहुत इच्छा है। अब मेरे अंदर भी फोटोग्राफी का कीड़ा जाग रहा है :) अब कोई फोटो लेने से पहले मुझे समय देना होगा। बाकी तो आपके घुमक्कड़ जीवन के अनुभव से बहुत जानकारी होती है हम लोगों को। बहुत कुछ सिखने को मिल रहा है , फिर से धन्यवाद आपका।
ReplyDeleteफोटोग्राफी में आगे बढना है तो समय देना होगा।
Deleteसही मार्गदर्शन
ReplyDeleteधन्यवाद त्यागी जी...
Deleteनीरज जी, प्रणाम
ReplyDeleteसर्वप्रथम फोटोग्राफी चर्चा की शुरुआत होने की बधाई स्वीकार करें | मेरे द्वारा भेजे गए फोटुओं को सम्मिलित करने के लिए धन्यवाद | निःसंदेह ही किसी अन्य के द्वारा अपने काम में कमियाँ निकालते देखना बुरा लगता है, परन्तु आप तो अपने हैं और इसमें कोई शक नहीं है | यह देखना जानना हमेशा अच्छा लगता है कि कैसे किसी काम को और अच्छे तरीके से किया जा सकता है | अगली बार जब भी फोटो खीचूँगा आपकी ये सारी टिप्पणियाँ और ट्रिक्स याद रखूँगा |
"फूलों वाली सड़क" वाली फोटो वाकई ऋषिकेश-हरिद्वार मार्ग की ही है | ट्रैफिक का तो पता नहीं पर ये है वहीँ की |
धन्यवाद मनीष जी...
Deleteये हरिद्वार-ऋषिकेश मार्ग ही है। गंगोत्री हाईवे वाले तिराहे की तरफ जाने वाली सङक है शायद।
Deleteभाई नीरज जी, एक हेल्प कर दो प्लीज , ये फोटो का साइज़ कम कैसे करू बता दीजिये
ReplyDeleteमैं तो फोटोशॉप से करता हूं। बाकी तरीकों का पता नहीं।
Deleteनीरज भाई ,adsense चेक आने पर दिखाइयेगा जरुर :) हम सबका उत्साह वर्धन होगा
ReplyDeleteहां जी, जरूर दिखाऊंगा।
DeleteThanks neeraj bhai meri photo ko sarhana k liya photography k liya camera aap ko hi dilwana padaga. Is bar s size ka dhyan rakha jayga.aur caption ko be add karuga
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