मैं जंगल में भटक गया
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । कुल्लू के पास बिजली महादेव का मन्दिर है। यहां से पूरा कुल्लू शहर और भून्तर सा...
नीरज मुसाफिर का यात्रा ब्लॉग
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । कुल्लू के पास बिजली महादेव का मन्दिर है। यहां से पूरा कुल्लू शहर और भून्तर सा...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । बिजली महादेव ऐसी जगह पर है जहां से ब्यास घाटी और पार्वती घाटी दूर-दूर तक दिखाई...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । पिछले दिनों आपने पढा कि मैं कुल्लू चला गया । फिर कुल्लू से बिजली महादेव । ...
इस यात्रा वृत्तान्त को शुरू से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 5 जून, 2010, शनिवार। सुबह लगभग दस-ग्यारह बजे कुल्लू पहुंच गया। बस अड्डे से...
बहुत दिन हो गये थे कहीं बाहर गये हुए। कभी अप्रैल में यमुनोत्री गया था। दो महीने होने को थे। इस बार सोचा कि हिमालय में नहीं जायेंगे, चलो र...
हां तो, पिछली बार आपने पढा कि मैं रेवाडी से अलवर पहुंच गया। अलवर से बांदीकुई जाना था। ट्रेन थी मथुरा-बांदीकुई पैसेंजर। वैसे तो मुझे कोई ...