24 मई, 2009, रविवार। भीमताल और नौकुचियाताल में घूमकर इरादा बना नैनीताल जाने का। मेरे पास अभी भी तीन घंटे थे। भीमताल से जीप पकड़ी और दस किलोमीटर दूर भवाली जा पहुंचा।
यहाँ से नैनीताल बारह किलोमीटर दूर है। बस से पहुँच गया।
नैनीताल में घुसते ही अपना सामना हुआ जाम से। एक तो पतली सी सड़क, उस पर भी पार्किंग। जाम तो लगना ही था।
अच्छा तो अब फोटो देखिये:
अच्छा तो अब चलते हैं
एक बार पहले भी नैनीताल यात्रा की है। पढने के लिये यहां क्लिक करें।
भीमताल नैनीताल यात्रा श्रंखला
3. नैनीताल के फोटो
सही घुमवा दिया राम राम वाले भाई जी!! :)
ReplyDeletenaini taal me hamari vinita ji bhe rehati hain mai to aapakee photoes me use hi dhoondati rahee vese aapki post dekh kar nainitaal jane kaa man ho gayaa hai aabhaar
ReplyDeleteबढिया है!घूमो, मस्त मज़ा लो।
ReplyDeleteबहुत सुंदर. यादें ताजा करवा दी.
ReplyDeleteरामराम.
तस्वीरों से ही नैनीताल घुमवा दिया आपने तो, वो भी जाम से निकालते हुए. धन्यवाद.
ReplyDeleteहमने सुना था कि नैना देवी की अश्रुधारा से ही झील बन गयी?
ReplyDeleteकिसी भी शहर को वहां के लोग बनाते या बिगाड़ते हैं दोस्त . अगर श्री नगर के मुकाबले देखो तो यहाँ क्या है ,कुछ नहीं ! मगर फिर भी यहाँ अपनापन है , बेफिक्री है , ट्रैफिक जाम के बावजूद मारा-मारी नहीं है . डल झील जैसी सडांध यहाँ नहीं है तो इसका श्रेय किसको दोगे ? ज़ाहिर है यहाँ की जनता अनुशासन को मानती है . शहर में चाहे सोने के पेड़ लगे हों मगर हवा में ही अगर देश के लिए द्रोह हो तो सारे ताल तलैय्या ज़हरीले लगते हैं .
ReplyDeleteआपके साथ घूमने में आनंद आ गया...अब कहाँ ले चलेंगे...???
ReplyDeleteनीरज
निर्मला जी, इन फोटो में किसी को हम नहीं दिखे, विनीता जी तो क्या दिखेंगी.
ReplyDeleteसुब्रमनियम जी, यहाँ पर देवी सती की (बायीं या दायीं) आँख गिरी थी. अब मुझे पता नहीं कि नैनी झील उसी की करामात है या कुछ और है.
मनीष जी, बिलकुल सही कह रहे हो, अगर हवा में ही देश द्रोह घुला हो तो, देशप्रेमी क्या कर सकते हैं?
नीरज गोस्वामी जी, अब कहाँ जाऊँगा कह नहीं सकता. जब जाऊँगा बता दूंगा. क्योंकि मुझसे कोई भी बात पचती नहीं है.
kuch samay pehle maine ye sab jagah dekhi thi. aapne sundar aur sajeev chitr liye hain. yaden taza ho gayi.
ReplyDeleteहिला दिया गरु...मुझे तो शुरु में लगा कि ये दिपांशु है...तुम तो कमाल के निकले...वधाई।
ReplyDeletewah... nice pics...
ReplyDeleteबहुत सही प्रयोग है कैमरे का। जमाये रहिये।
ReplyDeleteजीवन्त चित्रों के साथ नैनीताल अच्छा लगा।
ReplyDeleteaapke saath ghumkar to hamesha hi maza aata hai....bahut khoobsurat tasvir pesh kiya hai aapne
ReplyDeleteWow mera pyara Nainital..
ReplyDeleteKitna khoobsurat
Dhanyavaad
thnx dear
ReplyDelete