एक बार मैं गोरखपुर से लखनऊ जा रहा था। ट्रेन थी वैशाली एक्सप्रेस, जनरल डिब्बा। जाहिर है कि ज्यादातर यात्री बिहारी ही थे। उतनी भीड नहीं थी, जितनी अक्सर होती है। मैं ऊपर वाली बर्थ पर बैठ गया। नीचे कुछ यात्री बैठे थे जो दिल्ली जा रहे थे। ये लोग मजदूर थे और दिल्ली एयरपोर्ट के आसपास काम करते थे। इनके साथ कुछ ऐसे भी थे, जो दिल्ली जाकर मजदूर कम्पनी में नये नये भर्ती होने वाले थे। तभी एक ने पूछा कि दिल्ली में कितने रेलवे स्टेशन हैं। दूसरे ने कहा कि एक। तीसरा बोला कि नहीं, तीन हैं, नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली और निजामुद्दीन। तभी चौथे की आवाज आई कि सराय रोहिल्ला भी तो है। यह बात करीब चार साढे चार साल पुरानी है, उस समय आनन्द विहार की पहचान नहीं थी। आनन्द विहार टर्मिनल तो बाद में बना। उनकी गिनती किसी तरह पांच तक पहुंच गई। इस गिनती को मैं आगे बढा सकता था लेकिन आदतन चुप रहा।
नीरज मुसाफिर का यात्रा ब्लॉग
Aise to AAP ek din pura rail network naap denge... charan kahan hain prabhu?
ReplyDeletemind blowing blog neeraj
ReplyDeleteab konsi rail line aap se bachi he = mavli barisadri ?
ReplyDeletekaise manage karte ho yaar
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ReplyDeleteनीरज जी !!!
ReplyDeleteबहुत ही शानदार ब्लॉग है आपका और उस से भी मस्त है आपकी घुम्मकड़ी.... यह ब्लॉग बनाने और अपनी यात्राओं के बारे में बताने के लिए साधुवाद...
कृपया यह बताये कि आपने यह नक्शा किस प्रकार बनाया? मेरा मतलब है कि कैसे आपने अपनी रेल-यात्राएं इस पर अंकित की?