पुस्तक-चर्चा: पिघलेगी बर्फ
पुस्तक मेले में घूम रहे थे तो भारतीय ज्ञानपीठ के यहाँ एक कोने में पचास परसेंट वाली किताबों का ढेर लगा था। उनमें ‘पिघलेगी बर्फ’ को इसलिये उठा...
नीरज मुसाफिर का यात्रा ब्लॉग
पुस्तक मेले में घूम रहे थे तो भारतीय ज्ञानपीठ के यहाँ एक कोने में पचास परसेंट वाली किताबों का ढेर लगा था। उनमें ‘पिघलेगी बर्फ’ को इसलिये उठा...
13 जून 2017 हम मुन्स्यारी में थे और सोते ही रहे, सोते ही रहे। बारह बजे उठे। आधी रात के समय यहाँ बड़ी चहल-पहल मची थी। गाड़ी भरकर पर्यटक आये थे।...
पुस्तक मेले में घूमते हुए एक पुस्तक दिखायी पड़ी - चुटकी भर नमक, मीलों लंबी बागड़। कवर पेज पर भारत का पुराना-सा नक्शा भी छपा था, तो जिज्ञासावश...
12 जून 2017 ग्यारह बजे नारायण आश्रम से चल दिये। आज मुन्स्यारी पहुँचना था, जो यहाँ से करीब 150 किलोमीटर दूर है। कल रात के समय हम यहाँ आये थे।...
11 जून 2017 अभी ढाई ही बजे थे और हमें बताया गया कि दुकतू से जल्द से जल्द निकल जाओ, अन्यथा यह अनिश्चित समय तक सड़क मार्ग से कट जायेगा। सी.पी.ड...
श्याम विमल द्वारा लिखित यह पुस्तक उनका एक यात्रा-संस्मरण है। लेखक का जन्म 1931 में मुलतान के शुजाबाद कस्बे में हुआ था। जब ये 16 बरस के थे, ...
11 जून 2017 आप कभी कुमाऊँ गये होंगे मतलब नैनीताल, रानीखेत, मुक्तेश्वर, कौसानी, चौकोड़ी, मुन्स्यारी... तो आपने हिमालय की बर्फीली चोटियों के भी...