18 मार्च 2017 पहले तो योजना थी कि आज पूरे दिन भावनगर में रुकूँगा और विमलेश जी जहाँ ले जायेंगे, जाऊँगा। उन्होंने मेरे लिये बड़ी-बड़ी योजनाएँ बना रखी थीं और रेलवे के कारखाने में मेरे एक लेक्चर की भी प्लानिंग थी। लेकिन जब मुझे पता चला कि आंबलियासन से विजापुर वाली मीटरगेज की लाइन चालू है और उस पर रेलबस भी चलती है, तो मेरा मन बदल गया। अगर इस बार उस लाइन पर यात्रा नहीं की तो पता नहीं कब इधर आना हो और कौन जाने तब तक वो लाइन बंद भी हो जाये। विजापुर से आदरज मोटी, कलोल से महेसाणा और अहमदाबाद से खेड़ब्रह्म वाली लाइनें पहले ही बंद हो चुकी हैं। गेज परिवर्तन का कार्य जोरों पर चल रहा है। यही बात विमलेश जी को बतायी तो वे इसके लिये तुरंत राज़ी हो गये। तय हुआ कि आज बोटाद से अहमदाबाद तक यात्रा करूँगा और कल आंबलियासन से विजापुर। बोटाद से अहमदाबाद जाने के लिये दो बजे वाली ट्रेन पकडूँगा और यहाँ भावनगर से बोटाद के लिये साढ़े ग्यारह वाली। यानी आज साढ़े ग्यारह बजे तक हमारे पास समय रहेगा विमलेश जी के कारखाने में घूमने का। बाइक उठायी और निकल पड़े।
नीरज मुसाफिर का यात्रा ब्लॉग