आमतौर पर बाहर से आने वाले लोग हरिद्वार-ऋषिकेश को एक ही जिले में मानते हैं। लेकिन अगर सच्चाई पता चले तो सभी कन्फ्यूज हो जायेंगे। हरिद्वार तो खैर जिला है ही, ऋषिकेश शहर स्थित है देहरादून जिले में, लक्ष्मण झूला क्षेत्र स्थित है टिहरी गढ़वाल जिले में, और राम झूले का नियंत्रण करता है पौडी गढ़वाल जिला।
और अब विस्तार से। 1974 से पहले हरिद्वार सहारनपुर जिले का एक भाग था। इसकी तहसील थी रुड़की। अब तो खैर हरिद्वार खुद भी एक तहसील है। लेकिन जिला अस्पताल को छोड़कर इसका कोई भी सरकारी कार्यालय हरिद्वार में नहीं है। जिला मुख्यालय, जिला जेल, पुलिस मुख्यालय सब कुछ हरिद्वार से 15 किलोमीटर दूर रोशनाबाद गाँव में है। रोशनाबाद शिवालिक की पहाडियों की तलहटी में स्थित है।
अब चलते हैं ऋषिकेश की और। हरिद्वार में शांतिकुंज से आगे निकलते ही देहरादून जिला शुरू हो जाता है। रायवाला और ऋषिकेश दोनों देहरादून में ही हैं। यहाँ से सभी लोग लक्ष्मण झूला जाने के लिए ऑटो लेते हैं। ऋषिकेश से सात-आठ किलोमीटर आगे है लक्ष्मण झूला। रास्ते में एक सूखी-सी नदी को पार करना पड़ता है। देखने में यह नदी ऋषिकेश शहर के बीच से निकलती है। लेकिन वास्तव में नदी पार करते ही ऋषिकेश पीछे छूट जाता है। यह है मुनि की रेती नामक शहर जो टिहरी गढ़वाल जिले का हिस्सा है।
तो इस प्रकार लक्ष्मण झूला मुनि की रेती में स्थित है, ना कि ऋषिकेश में। ज्यादातर आश्रम, घाट वगैरा यहीं पर हैं। अगर देखा जाये तो सभी पर्यटक घूमते तो मुनि की रेती (टिहरी गढ़वाल और पौडी गढ़वाल) मे हैं और बाद में बताते हैं कि हम ऋषिकेश (देहरादून) घूम आये। जो लोग बस से या ट्रेन से ऋषिकेश जाते हैं, वे बिना देर किये फटाफट मुनि की रेती पहुँच जाते हैं। मतलब कि ऋषिकेश में कोई नहीं टिकता, कोई नहीं घूमता। घूमें भी क्यों? ऋषिकेश भी आम शहरों की तरह एक भीड़ भाड व धूल धक्कड़ वाला शहर ही है।
गंगा के उस पार पौडी गढ़वाल जिला है। मुनि की रेती का गंगा पार वाला इलाका पौडी गढ़वाल जिले में पड़ता है। तो वास्तव में गीता प्रेस, परमार्थ निकेतन, गंगा आरती घाट वगैरा सभी पौडी गढ़वाल में हैं। नीलकंठ महादेव मंदिर व झिलमिल गुफा भी पौडी में ही हैं। राम झूले का नियंत्रण भी पौडी के अंतर्गत ही है।
तो चकरा गया ना सिर? जब भी कोई मेला हो, पर्व हो या कुछ हो, भीड़ तो ऋषिकेश व मुनि की रेती में भी बढती है। हाथ पाँव ऋषिकेश पुलिस व मुनि की रेती पुलिस के भी फूल जाते हैं। सारा क्रेडिट मिल जाता है हरिद्वार पुलिस को कि मेला ठीक ठाक सुलट गया।
अच्छा एक बात और, जिस जगह को हर की पैडी कहते है वो वास्तव में गंगा नदी नहीं है। वो है गंगा नहर। हर की पैडी के पास ही भीमगोड़ा बैराज है जहाँ से नहर निकलती है।
उत्तर प्रदेश व उत्तराँचल (अब उत्तराखंड) के बँटवारे के समय हरिद्वार उत्तर प्रदेश का ही हिस्सा था। लेकिन उत्तराँचल के राजनेताओं ने अर्थव्यवस्था को बढ़ने के लिए हरिद्वार (व ऊधम सिंह नगर को भी) को माँगा था, नहीं तो हरिद्वार उत्तर प्रदेश का ही हिस्सा होता। चूंकि हरिद्वार पूरी तरह से मैदानी जिला है, तो जाहिर सी बात है कि औद्योगीकरण व कृषि क्षेत्र यहाँ पर काफी विकसित है।
अच्छी जानकारी दी हरिद्वार और ऋषिकेष के बारे में...धन्यवाद।
ReplyDeleteABE HARIDWAR KE PUJARI..........
ReplyDeleteTERA JO VASTR (KAPADA)HARAN HUAA THA. KYA TUJHE HARIDVAR KE ADALAT ME INSHAF MILA.............
MUSHAFIR JAAT KO JAIPUR WALON NE ACHHA LOOTA....
THANKS
.................T & C
मुसाफिर भाई,
ReplyDeleteकाफी अंदर तक की जानकारी है हरिद्वार और ऋषिकेश के बारे में.
जानकारी बाँटने का धन्यवाद!!!
बढ़िया जानकारी दी है आपने शुक्रिया
ReplyDeleteनीरज भाई आपको तो अब इस इलाके का ब्रांड एम्बेस्डर बना देना चाहिए। सच बेहतरीन जानकारी ले आते हो।
ReplyDeleteबहुत बढिया जानकारी दी आपने.
ReplyDeleteऔर आपका कट्टा मिला या नही? उस कथा का भी इन्तजार है.
रामराम.
इन जगहों पर कई बार गए लेकिन इतनी जानकारी कभी नहीं जुटा पाये...आपने तो कमाल की जानकारी दी है...इस प्रशाशनिक मकड़ जाल में तो कोई भी उलझ सकता है...
ReplyDeleteनीरज
अच्छी जानकारी दे दी. अब दूसरों की fuse उडाएंगे. आभार..
ReplyDeleteबहुत बढ़िया जानकारी दी ।आभार।
ReplyDeleteअच्छा लगा यह जानना मित्र।
ReplyDeleteyaar kya tera tala tut gaya hai ya nahi likhna
ReplyDeletevase to tune bahut hi acha likha hai
yaaro ka yaar musafir jaat
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................. Rohit Chaudhary
Daurala
प्रशासनिक अन्तर का बारीकी से विश्लेषण किया है आपने.
ReplyDeleteनीरज जी ,कमाल कि जानकारी दी है । इस जानकारी के लिये आभार ।
ReplyDeleteकैसे हो भाई
ReplyDeleteतुम्हारी जानकारी बहुत रोचक है
। लिखते रहो।
aapke ghammakadd pan ko salam. narayan narayan
ReplyDeleteसचमुच सिर चकरा गया
ReplyDeleteबीसियों बार इन जगहों पर गया हूं
मगर इनकी कोई जानकारी नही थी
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
प्रणाम स्वीकार करें
jald hi aa rahe hai to dekhte hai
ReplyDeleteनीरज जी आप हैं असली टूरिस्ट ......टूरिस्ट वो जो वहां की एक एक चीज़ का मज़ा ले ...खान पान रहन सहन ....सभ्यता संस्कृति.....इतिहास ......वहां के लोगों से घुले मिले ......बात करे ...अन्दर तक जाए ...पैदल घूमे .....आज कल तो लोगबाग गए ....होटल में रुके ......maggi ...omlett का नाश्ता ....4 bulding देखी ...एक shawl खरीदी ....3 चप्पल ...हो गया tourism .......भाई मेरे ओम्लेट तो रोज़ खाता है आज यहाँ की दाल वाली पूड़ी खा के देख यार .....
ReplyDeleteआपने इतनी सटीक जानकारी दी ....खुद हरिद्वार ऋषिकेश वालों को नहीं पता होगा ये सब ......आप सचमुच लोगों को tourism सिखा दोगे नीरज भाई ...तुस्सी ग्रेट हो
नीरज भाई जानकारी के लिए धन्यवाद
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