अगर आपसे पूछा जाए कि भारत में पहली बार रेल कहाँ चली थी, तो निःसंदेह आपका जवाब ग़लत होगा। शायद आप कहें "मुंबई से ठाणे" और फ़िर इतिहास भी बताने लगें कि सोलह अप्रैल 1853 को 34 किलोमीटर की दूरी तय की थी। लेकिन ये जवाब तो सरासर ग़लत है। सही जवाब है कि भारत की पहली रेल रुड़की में चली थी।
यह रेल मालगाडी थी। शुरू में तो यह मानव शक्ति से खींची जाती थी, लेकिन बाद में भाप का इस्तेमाल होने लगा था। इसके विपरीत मुंबई-ठाणे वाली रेल सवारी गाड़ी थी।
1850 में अंग्रेजों ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अकाल और सूखे से बचाने के लिए एक नहर परियोजना की शुरूआत की। इसे आजकल गंगनहर के नाम से जाना जाता है। यह नहर हरिद्वार से निकलकर रुड़की, मुज़फ्फ़रनगर, मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर होते हुए कानपुर तक चली जाती है।
रुड़की में इस नहर के रास्ते में सोलानी नदी आती है। इस नदी पर पुल बनाना जरूरी था ताकि इसके ऊपर से गंगनहर का पानी गुजर सके। अब यह पुल कोई छोटा मोटा तो बनना नहीं था, कि दो चार लक्कड़ लगा दो, चल जाएगा काम। तो इसके लिए जितने भी कच्चे माल की जरूरत पड़ी, वो पिरान कलियर से आता था। पिरान कलियर रुड़की से लगभग दस किलोमीटर दूर एक गाँव है।
इसमे प्रयुक्त रेल लकड़ी की थी। बाद में जब इसमे भाप इंजन लगाया गया वो भारत का पहला इंजन था। इसकी स्पीड छः किलोमीटर प्रति घंटा थी। यह बाईस दिसम्बर, 1851 को शुरू हुई थी। इसमे केवल दो डिब्बे थे, जो पुल निर्माण की सामग्री ढोते थे।
जब हम दिल्ली से हरिद्वार जाते हैं तो रुड़की पार करके सोलानी नदी आती है। सड़क वाले पुल से बाएं देखने पर एक और जबरदस्त आकार वाला पुल दिखाई देता है। यही वो ऐतिहासिक पुल है। इसी से पश्चिमी उत्तर प्रदेश की खुशहाली बहती है। आज कल पिरान कलियर भी मुस्लिम धर्म का तीर्थस्थान है।
ये तो नई जानकारी है!! धन्यवाद
ReplyDeleteजानकारी के लिए आभार।
ReplyDeleteबढ़िया जानकारी भाई..
ReplyDeleteनई जानकारी दी आपने .
ReplyDeleteहैरान कर दिया आपने तो
ReplyDeleteअद्भुत खोज है ये तो ! अभी तक मुम्बै ठाने ही सुनते आ रहे थे १ आभार आपका !
ReplyDeleteBahut achhi jankari uplabdha karayi hai apne. abhar.
ReplyDeleteइस बार कोई डिस्प्यूट का कारण ही नहीँ!
ReplyDeleteसभी के लिए नई रही होगी यह जानकारी. धन्यवाद.
ReplyDeleteजानकारी देने के लिए शुक्रिया।
ReplyDeleteनई जानकारी के लिए आभार।
ReplyDeleteये नई जानकारी के लिए धन्यवाद!
ReplyDeletedost maine bhi apna bachpan roorkee me hi bitaya hai. or ye baat pahle se hi janta hu.. or agar kisi bhai bandhu ko wo train dekhni ho to roorkee k railway station k bahar khade rail k engine ko dekh aana wahi train hindustaan me sabse pahle chali thi. vaise hindustan ka pahla engeeneeringh college bhi roorkee me hi khula tha.
ReplyDeletemaira b bachpan roorki mai bita hai ab waha ki sari baat to ho gayi to ab in sab jankariyo k liye jaat ji or shashank ka shukriya
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