tag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post4834273780612382338..comments2024-03-11T15:32:30.331+05:30Comments on मुसाफिर हूँ यारों: जोधपुर में मेरा मन नहीं लगानीरज मुसाफ़िरhttp://www.blogger.com/profile/10478684386833631758noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-91986492462996336472019-12-31T17:08:34.263+05:302019-12-31T17:08:34.263+05:30नीरज जी जोधपुर का किला तो भारत के सबसे शानदार किलो...नीरज जी जोधपुर का किला तो भारत के सबसे शानदार किलो में आता हैं, फिर आप लोग कैसे बोर हो गए, रही बात जोधपुर नगर की, तो यंहा भी बहुत कुछ हैं देखने को, मंडोर गार्डन, जसवंत थडा, महरान गढ़, ओसिय मंदिर, कोइलाना झील, घंटा घर, , और फिर जोधपुर का खानपान, आखिर मारवाड़ की राजधानी हैं, कुछ तो सम्मान करो जोधपुर का...प्रवीण गुप्ता - PRAVEEN GUPTAhttps://www.blogger.com/profile/02103326902710548202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-24662454920288890552019-12-28T14:14:15.582+05:302019-12-28T14:14:15.582+05:30मै भी अपने ग्रुप के साथ इस यात्रा मे शामिल था। यात...मै भी अपने ग्रुप के साथ इस यात्रा मे शामिल था। यात्रा की शुरुआत मे नीरज जी असहज लग रहे थे। शायद पहली कमर्शियल यात्रा थी, कुछ लोग भी पहली बार सम्पर्क आये,यह भी हो सकता है, लेकिन जैसे-जैसे दिन बीता सब आपस मे घुलमिल गये और यात्रा के मजे लेने लगे।जोधपुर मे सभी लोगो ने हिन्दुस्तान के गौरवशाली इतिहास को सन्जोये हुये किलो को देखा। इसके आगे की यात्रा बहुत यादगार थी। मस्त गाड़ी, शानदार वीरान सडक, आपस मे हसी-मजाक। इसके बारे मे नीरज जी ब्लॉग में खुद ही लिखेंगे। इस सफर को बहुत ही कम पैसे मे,लग्जरी ट्रिप बनाया। यात्रा मे कुछ लोग ऐसे भी थे जो इस प्रकार के टूर मे पहली बार शामिल हुए,मजे लिए। इसलिए नीरज जी अपने टेस्ट के साथ और लोगों को भी घुम्मकडी बनने की अन्दरुनी इच्छा पूरी हो सकती है,अपने ऊपर टेशंन न ले कर।dinesh singhhttps://www.blogger.com/profile/15232541118830941264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-6703657524179884052019-12-27T21:55:31.832+05:302019-12-27T21:55:31.832+05:30जोधपुर, कुल्लू की तरह है. जैसे, मनाली जाने वालों ...जोधपुर, कुल्लू की तरह है. जैसे, मनाली जाने वालों को कुल्लू तक फ़लाइट होने के कारण वहां जाना पड़ता है, जयपुर से जैसलमेर जाने वाले भी जोधपुर होकर जाते हैं. पथरीला शहर है. जोधपुर में एक किला ही है बस. दूसरे, पैलेस का कुछ भूला भटका हिस्सा लोगों के लिए अनमना सा खोल रक्खा है. मारवाड़ सियासत का सेंटर था. बाक़ी, लोगों की मर्जी है, वो जो चाहे देखें, जहां चाहें घूमें फिरें. यह बस एक ही दिन भर की जगह है. Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-90374889415486719672019-12-27T21:29:06.171+05:302019-12-27T21:29:06.171+05:30विरोधी उर्जा वही होगी। जिसे आप कई बार भूत प्रेत कह...विरोधी उर्जा वही होगी। जिसे आप कई बार भूत प्रेत कहते या मानते हैं। उसने पीछा किया होगा। फिर उसे लगा होगा कि यह हमारा लंगोट भी छीन लेगा। फिर पीछा छोड़ दिया होगा। फोटो अच्छे हैं। ट्रेन के गैलरी वाला हरा भरा एरिया और नीला पीला रंग का कोच।VIMLESH CHANDRA - RAILWAY WRITERhttps://www.blogger.com/profile/05169901862711497657noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-89928785356919462472019-12-26T21:29:05.422+05:302019-12-26T21:29:05.422+05:30नीरज भाई, जिसने आपके ब्लॉग नहीं पढ़े उनके लिए नीरज ...नीरज भाई, जिसने आपके ब्लॉग नहीं पढ़े उनके लिए नीरज के व्यक्तित्व के आयामों को जानना नामुमकिन है। वास्तविक नीरज से मुलाकात करनी है तो ब्लॉग पर आना ही पड़ेगा। इसीलिए मैं किसी भी यात्रा का वीडियो देख लूँ, किताब में पढ़ लूँ या सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी ले लूँ, असली मजा ब्लॉग पर ही आता है। और अगर कोई साक्षात् साथ में यात्रा कर रहा है तो समझना चाहिए की उसके साथ एक इनसाइक्लोपीडिया है। <br />Amit Ranahttps://www.blogger.com/profile/04354176845445414319noreply@blogger.com