tag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post113017694985573027..comments2024-03-11T15:32:30.331+05:30Comments on मुसाफिर हूँ यारों: कोणार्क का सूर्य मन्दिरनीरज मुसाफ़िरhttp://www.blogger.com/profile/10478684386833631758noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-15458168558300918902013-01-19T15:13:11.179+05:302013-01-19T15:13:11.179+05:30बहुत बढ़िया |बहुत बढ़िया |Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-37219114971860917152011-10-17T10:36:08.476+05:302011-10-17T10:36:08.476+05:30मस्त है भाई!!मस्त :)मस्त है भाई!!मस्त :)abhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-495501447357922202011-10-16T10:20:57.106+05:302011-10-16T10:20:57.106+05:30मैंने कई समुद्र तट देखे हैं लेकिन कोणार्क जितना सु...मैंने कई समुद्र तट देखे हैं लेकिन कोणार्क जितना सुन्दर तट नहीं देखा। आप कहीं भी बैठे हों, लहरे आपको भिगो ही देती हैं। कोणार्क देखने का अवसर जीवन में दो बार मिला, बहुत अच्छी जगह है।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-9180707957436479182011-10-15T14:59:24.066+05:302011-10-15T14:59:24.066+05:30चलो बाम्बे का न सही कोई और तो समुन्द्र देखा तुमने ...चलो बाम्बे का न सही कोई और तो समुन्द्र देखा तुमने ....<br />सूर्य मंदिर बहुत ही अच्छा हैं --कभी जाकर जरुर देखूंगी !<br />कामुक चित्रों का इतिहास यह हैं की ----- "जब भक्ति बहुत बड गई और इंसान आपस में भक्ति में लींन हो गया तो वहां का राजा चिंतित हो उठा --जनसँख्या कैसे बढेगी ? तब कुछ विद्वानों ने उसे ऐसे चित्रों के गठन की सलाह दी, इन चित्रों के जरिए आपस में प्रेम स्थापित हुआ ? खजुराहो के मंदिर की भी यही कहानी हैं !"दर्शन कौर धनोयhttps://www.blogger.com/profile/06042751859429906396noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-41312739197251376762011-10-13T23:16:49.213+05:302011-10-13T23:16:49.213+05:30कोणार्क पहली बार मैंने शाम की रौशनी में देखा था और...कोणार्क पहली बार मैंने शाम की रौशनी में देखा था और चमत्कृत ही रह गया था. यह सूर्य मंदिर, सौर अध्ययन में भी प्रयुक्त होता था. अंशुमाला जी ने अतिरिक्त जानकारी देकर इस लेख को और भी परिपूर्ण कर दिया है. चंद्रभागा से सूर्योदय को निहारना और भी यादगार अनुभव है. इसका संबंध कृष्ण से भी जोड़ा गया है.अभिषेक मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07811268886544203698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-87967068391245983192011-10-12T22:19:42.572+05:302011-10-12T22:19:42.572+05:30दर्शनीय चित्र और दर्शनीय नजारे सूर्य मंदिर के और द...दर्शनीय चित्र और दर्शनीय नजारे सूर्य मंदिर के और दरिया के।विवेक रस्तोगीhttps://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-51310337051530076612011-10-12T18:43:31.097+05:302011-10-12T18:43:31.097+05:30यार , पहाड़ों से मुक्ति मिली वरना पिछले दो तीन साल...यार , पहाड़ों से मुक्ति मिली वरना पिछले दो तीन साल से पहाड़ दिखा कर पका दिया था . <br />वैसे बुरा मत मानना , मै इस ब्लॉग का नियमित पाठक हूँ , अतः कमेन्ट करने का हक तो बनता ही है .<br />यात्रा विवरण अच्छा है . मै २००१-०२ में ओडिसा गया था . पूरी , कटक , भुबनेश्वर आदि घुमा था . तस्वीरे देखकर यादे ताजा हो गयी .चिल्का झील भी गए थे क्या ?Mrityunjay Kumar Raihttps://www.blogger.com/profile/16617062454375288188noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-76280099445190651142011-10-12T18:23:43.104+05:302011-10-12T18:23:43.104+05:30हमेशा की तरह शानदार चित्र और वर्णन...पहाड़ों से सी...हमेशा की तरह शानदार चित्र और वर्णन...पहाड़ों से सीधे समंदर की गोद में....घुमक्कड़ी जिंदाबाद...<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-44768689727056237632011-10-12T14:59:08.853+05:302011-10-12T14:59:08.853+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुतिबहुत सुन्दर प्रस्तुतिचन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-38335535269225230682011-10-12T12:33:48.188+05:302011-10-12T12:33:48.188+05:30Konark ka Surya Mandir Bahut hi khubsurat hain.......Konark ka Surya Mandir Bahut hi khubsurat hain.... main bhi ek baar yanha par jaa chuka hu....<br /><br />Dhyanavaad<br /><br />New Story<br />Tuesday, October 11, 2011<br />माउन्ट आबू : पर्वतीय स्थल के मुख्य आकर्षण (2)..............4 <br />http://safarhainsuhana.blogspot.com/2011/10/24.htmlRitesh Guptahttps://www.blogger.com/profile/08778571076761815036noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-44282663725387409772011-10-12T10:29:47.800+05:302011-10-12T10:29:47.800+05:30कुछ बाते मै भी जोड़ दू | ये जानकारी वहा के गाइड ने...कुछ बाते मै भी जोड़ दू | ये जानकारी वहा के गाइड ने दी की मंदिर के निर्माण में पत्थरो को जोड़ने के लिए सीमेंट का नहीं बल्कि पत्थरो के बिच लोहे की प्लेट रखी गई थी और मंदिर के सबसे उपरी भाग पर एक बड़ा चुम्बक रख दिया गया था ( चुम्बक रखने के दौरान राजमिस्त्री के पुत्र की वहा से गिर कर मौत हो गई थी जिसके कारण मंदिर को अपवित्र घोषित कर दिया गया और उसमे कभी पूजा नहीं हुई ) जिससे मंदिर स्थिर था किन्तु जब अंग्रजो ने उसे जमीन के निचे से खोजा और इसे सबके सामने लाया तो इसके चुम्बक के कारण वहा से गुजर रहे जहाजो के यंत्र गड़बड़ हो जाते थे तो ब्रिटिस लोगो ने उस चुम्बक को हटा दिया जिसके कारण मंदिर के जोड़ हिल गए और वो गिराने लगा जिसे रोकने के लिए उसे ईट मिटटी से बंद का दिया | जब मंदिर बना था तब ये समुन्द्र के ठीक सामने था किन्तु अब समुन्द्र इससे तीन किलोमीटर दूर हो गया है जहा आप गए थे जिसे चन्द्र भागा कहते है | मंदिर के सामने तीन दरवाजे बने है जिससे हो कर सूर्य की पहली किरण गर्भगृह तक जाती है तीन दरवाजे इसलिए ताकि सूर्य अपनी दिशा बदलने के बाद भी सीधे मंदिर में जाये |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-14816454236295560082011-10-12T09:13:28.103+05:302011-10-12T09:13:28.103+05:30हमेशा की तरह शानदार विवरण. वैसे कोणार्क का समुद्र ...हमेशा की तरह शानदार विवरण. वैसे कोणार्क का समुद्र तट जिसे चंद्रभागा भी कहा जाता है, औरों की तुलना में काफी गहरा है, इस वजह से येहां नहाने की मनाही है..<br />कोणार्क की निर्माण की एक और खासियत है की सूर्योदय के समय सूरज की रोशनी सीधे मंदिर के गर्भ गृह पैर पड़ती है, और वह भी मंदिर के प्रवेश रास्ते के तरफ से बारह महीने....Prakashhttps://www.blogger.com/profile/10398183728210037278noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-83742207761226989672011-10-12T08:37:07.327+05:302011-10-12T08:37:07.327+05:30बढ़िया प्रस्तुति |
हमारी बधाई स्वीकारें ||बढ़िया प्रस्तुति |<br />हमारी बधाई स्वीकारें ||रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-73308757427038736592011-10-12T08:23:28.408+05:302011-10-12T08:23:28.408+05:30सूर्य मन्दिर शानदार लगा| खूबसूरत यात्रा के लिए धन्...सूर्य मन्दिर शानदार लगा| खूबसूरत यात्रा के लिए धन्यवाद|Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-70710929084744703442011-10-12T08:06:30.719+05:302011-10-12T08:06:30.719+05:30गजब की वैज्ञानिकता है इन मंदिरों में। लहरें आपका म...गजब की वैज्ञानिकता है इन मंदिरों में। लहरें आपका मन मोह लेंगी।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-10091078122072213912011-10-12T08:06:07.090+05:302011-10-12T08:06:07.090+05:30बहुत बढ़िया चौधरी !
आनंद आ गया ...बरसों से इस मंद...बहुत बढ़िया चौधरी !<br /><br />आनंद आ गया ...बरसों से इस मंदिर के वास्तविक स्वरुप का कुछ भी ज्ञान नहीं था , तुम्हारे कैमरे के विभिन्न कोणों से खींचे गए फोटो देख कर वहां के वास्तविक रूप का अंदाजा हो सका !<br /><br />लोकल मार्केट कोणार्क बाज़ार बहुत अच्छी लगा , मगर यहाँ कंजूसी कर गए ! इन दुकानों का क्लोजअप और दर्शनीय रहता !<br /><br />आभार इस खूबसूरत यात्रा के लिए जो तुम्हारी आँखों से हमने भी कर ली !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-69178936588961763182011-10-12T06:55:17.679+05:302011-10-12T06:55:17.679+05:30खजुराहो के बाद कोणार्क में भी जब मैंने कामुकता वाल...खजुराहो के बाद कोणार्क में भी जब मैंने कामुकता वाले शिल्प चित्रण देखे तो आश्चर्य हुआ था -यह एक काल विशेष की कला प्रियता लगती हैArvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-18769456704928131882011-10-12T06:38:17.712+05:302011-10-12T06:38:17.712+05:30मुबारक हो पहली बार समुन्द्र के दर्शन करने पर, सूर्...मुबारक हो पहली बार समुन्द्र के दर्शन करने पर, सूर्य मन्दिर शानदार लगा, अब लगे हाथ इस नमकीन पानी में भी एक डुबकी लगा ही देते तो कुछ घिस नहीं जाता उल्टा कुछ चिपक ही जाता ना।SANDEEP PANWARhttps://www.blogger.com/profile/06123246062111427832noreply@blogger.com