27 फरवरी 2019 सुबह सज-धजकर और पूरी तरह तैयार होकर कलश से निकले। आज हम कर्नाटक में पहली बार ट्रैकिंग करने जा रहे थे - कुद्रेमुख की ट्रैकिंग। पहले स्टेट हाइवे, फिर अच्छी ग्रामीण सड़क, फिर खराब ग्रामीण सड़क, फिर कच्ची सड़क और आखिर में फर्स्ट गियर में भी मुश्किल से चढ़ती बाइक... और हम पहुँचे फोरेस्ट ऑफिस, जहाँ से कुद्रेमुख ट्रैक का परमिट मिलता है। मैंने कहा - कुद्रेमुख। उन्होंने हाथ हिला दिया। यहाँ कुछ देर तक तो हिंदी, अंग्रेजी और कन्नड का लोचा पड़ा और आखिर में फोरेस्ट वालों ने किसी को आवाज लगाई। उसे बाकियों के मुकाबले हिंदी के कुछ शब्द ज्यादा आते थे। “ये ड्राइ सीजन है, फोरेस्ट में फायर लग जाती है, इसलिए 1 फरवरी से 31 मई तक कुद्रेमुख ट्रैक बंद रहता है।” यह तो बहुत गलत हुआ। हम इसी ट्रैक के कारण यहाँ इस क्षेत्र में आए थे। अगर पहले से पता होता, तो कुछ और प्लान करते। खैर, कोई बात नहीं। वो स्टेट हाइवे कुद्रेमुख नेशनल पार्क से होकर जाता है। 10-15 किलोमीटर उसी पर घूम आए। आज पहली बार हमें लगा कि हम गलत समय पर यहाँ घूम रहे हैं। यह पश्चिमी घाट और साउथ में घूमने का सही समय नहीं ह
नीरज मुसाफिर का यात्रा ब्लॉग