श्योपुर कलां से ग्वालियर नैरो गेज ट्रेन यात्रा
ग्वालियर और श्योपुर कलां से बीच 2 फीट गेज की यह रेलवे लाइन 200 किलोमीटर लम्बी है और विश्व की सबसे लम्बी नैरो गेज की लाइन है। लेकिन इसके ब...
नीरज मुसाफिर का यात्रा ब्लॉग
ग्वालियर और श्योपुर कलां से बीच 2 फीट गेज की यह रेलवे लाइन 200 किलोमीटर लम्बी है और विश्व की सबसे लम्बी नैरो गेज की लाइन है। लेकिन इसके ब...
ज्यादातर मित्र मेरी पैसेंजर ट्रेन यात्राओं को पसन्द नहीं करते। यह नापसन्दगी पिछले साल खूब सुनने को मिली, इसलिये ट्रेन यात्राओं के वृत्तान...
30 सितम्बर 2015 आज हमें दिल्ली के लिये चल देना था। सुबह सात बजे ही निकल पडे। एक घण्टे में पीपलकोटी पहुंचे। पूर्व दिशा में पहाड होने के कारण ...
29 सितम्बर 2015 आपको याद होगा कि हम बद्रीनाथ नहीं जाना चाहते थे क्योंकि बद्रीनाथ के साथ साथ वसुधारा, सतोपंथ, हेमकुण्ड और फूलों की घाटी को...
28 सितम्बर 2015 सुबह उठे तो पैर बुरी तरह अकडे थे। करण तो चलने में बिल्कुल असमर्थ ही हो गया था। इसका कारण था कि कल हमने तेज ढाल का कई किलोमीट...
27 सितम्बर 2015 सवा ग्यारह बजे पंचगंगा से चल दिये। यहीं से मण्डल का रास्ता अलग हो जाता है। पहले नेवला पास (30.494732°, 79.325688°) तक की ...
27 सितम्बर 2015 सुबह छह बजे उठे और चाय-बिस्कुट खाकर रुद्रनाथ की ओर चल दिये। रुद्रनाथ यहां से तीन किलोमीटर दूर है। पंचगंगा समुद्र तल से 36...
26 सितम्बर 2015 आंख सात बजे से पहले ही खुल गई थी। बाहर निकले तो कोहरा था। चटाई बिछ गई और हम वहां जा भी बैठे। आलू के परांठे बनाने को कह दिया।...
25 सितम्बर 2015 पांचों केदारों में केवल रुद्रनाथ ही अनदेखा बचा हुआ था, बाकी चारों केदार मैंने देख रखे हैं। सभी के लिये कुछ न कुछ पैदल अवश्य ...
25 सितम्बर 2015 दिल्ली से चले थे तो हमारी योजना बद्रीनाथ और सतोपंथ जाने की थी लेकिन रात जब सतोपंथ के बारे में नेट पर पढने लगे तो पता चला ...
सितम्बर का महीना घुमक्कडी के लिहाज से सर्वोत्तम महीना होता है। आप हिमालय की ऊंचाईयों पर ट्रैकिंग करो या कहीं और जाओ; आपको सबकुछ ठीक ही मि...
पातालकोट हम घूम चुके और अब बारी थी वापस इन्दौर जाने की। एक रास्ता तो यही था जिससे हम आये थे यानी पिपरिया, होशंगाबाद, भोपाल होते हुए। इस रास्...
अगले दिन यानी 24 अगस्त को आराम से साढे आठ बजे सोकर उठे। तेज हवाएं अभी भी चल रही थीं। बाहर निकले तो घना कोहरा था। अगस्त में कोहरा आमतौर पर...
23 अगस्त 2015 बहुत दिनों से सोच रखा था कि जब भी पचमढी जाऊंगा, तब पातालकोट भी जाना है। मेरे लिये पचमढी से ज्यादा आकर्षक पातालकोट था। अब जब हम...
आज हम जल्दी उठे और साढे छह बजे तक कमरा छोड दिया। आज हमें चौरागढ जाना था और वापस आकर दोपहर से पहले पचमढी छोड देना था। कल हम महादेव गये थे,...
अप्सरा विहार से लौटकर हम गये राजेन्द्रगिरी उद्यान। यहां जाने का परमिट नहीं लगता। हमारा गाइड सुमित था ही। राजेन्द्रगिरी जैसा कि नाम से ही ...
20 अगस्त 2015 की रात नौ बजे हम पचमढी पहुंचे। दिल्ली से चलते समय हमने जो योजना बनाई थी, उसके अनुसार हमें पचमढी नहीं आना था इसलिये यहां के बार...
अगस्त 2009 में मैं पहली बार मध्य प्रदेश घूमने गया था। सबसे पहले पहुंचा था भीमबेटका । उसी दिन इरादा बना भोजपुर जाने का। भीमबेटका के पास ही...
21 अगस्त 2015 मुझे छह बजे ही उठा दिया गया, नहीं तो मैं अभी भी खूब सोता। लेकिन जल्दी उठाना भी विवशता थी। आज हमें पचमढी पहुंचना था जो यहां ...
शीतला माता जलप्रपात (विपिन गौड की फेसबुक से अनुमति सहित) इन्दौर से जब महेश्वर जाते हैं तो रास्ते में मानपुर पडता है। यहां से एक रास्...
20 अगस्त 2015 हमें आज इन्दौर नहीं आना था। अभी दो दिन पैसेंजर ट्रेनों में घूमना था और तीसरे दिन यहां आना था लेकिन निशा एक ही दिन में पैसें...
1. सम्पादकीय 2. लेख A. ब्लॉगिंग: एकल या सामूहिक B. किसी ब्लॉग को कैसे फॉलो करें? 3. यात्रा-वृत्तान्त A. पहाड तो आपके अपने हैं, इन्हें क्यो...
18 अगस्त 2015 आज है 20 सितम्बर यानी यात्रा किये हुए एक महीना हो चुका है। अमूमन मैं इतना समय वृत्तान्त लिखने में नहीं लगाता हूं। मैं यथ...
इस यात्रा वृत्तान्त को आरम्भ से पढने के लिये यहां क्लिक करें । हम कोठारी साहब के साथ यात्रा पर निकले थे। खर्च हमने सम्मिलित रूप से शुरू...
23 जून 2015 हम किसी भी जल्दी में नहीं थे। हमें परसों दोपहर तक दिल्ली पहुंचना था और केलांग से हम आराम से दो दिन में दिल्ली पहुंच सकते हैं। इस...
1. सम्पादकीय 2. लेख A. घुमक्कडी क्या है और कैसे घुमक्कडी करें? B. असली जीटी रोड 3. यात्रा-वृत्तान्त A. रानीखेत-बिनसर यात्रा B. सावन में ज्...
22 जून 2015 आज हमें केवल केलांग तक ही जाना था इसलिये उठने में कोई जल्दबाजी नहीं की बल्कि खूब देर की। मुजफ्फरनगर वाला ग्रुप लेह की तरफ चला गय...
21 जून 2015 आराम से सोकर उठे- नौ बजे। नाश्ते में चाय, आमलेट के साथ एक-एक रोटी खा ली। कल जितना मौसम साफ था, आज उतना ही खराब। बूंदाबांदी भी हो...
20 जून 2015 साढे आठ बजे सोकर उठे और नौ बजे तक यहां से निकल लिये। बारह किलोमीटर आगे सुमडो है जहां खाने पीने को मिलेगा, वहीं नाश्ता करेंगे। सु...
19 जून 2015 भारतीय सेना के अपनेपन से अभिभूत होकर सुबह सवा नौ बजे हमने हनले के लिये प्रस्थान किया। जरा सा आगे ही आईटीबीपी की चेकपोस्ट है और द...
18 जून 2015 दोपहर के पौने दो बजे हम पेंगोंग किनारे स्थित मेरक गांव से चले। हमारा आज का लक्ष्य हनले पहुंचने का था जो अभी भी लगभग 150 किलोमीटर...
17 जून 2015 दोपहर बाद साढे तीन बजे हम पेंगोंग किनारे थे। अर्थात उस स्थान पर जहां से पेंगोंग झील शुरू होती है और लुकुंग गांव है। इस स्थान को ...
17 जून 2015 शोल्टाक से हम सवा दस बजे चले। तीन किलोमीटर ही चले थे कि दाहिनी तरफ एक झील दिखाई दी। इसका नाम नहीं पता। हम रुक गये। यह एक काफी चौ...
(मित्र अनुराग जगाधरी जी ने एक त्रुटि की तरफ ध्यान दिलाया। पिछली पोस्ट में मैंने बाइक के पहियों में हवा के प्रेशर को ‘बार’ में लिखा था जबकि ...
16 जून 2015 एक बात मैं अक्सर सोचता हूं। हम मैदानों में बाइक के पहियों में हवा लगभग 35 पौंड पर भरते हैं। जब हम लद्दाख जैसी ऊंची जगहों पर पहुं...
14 जून 2015, आज रविवार था और हम खालसी में थे। हमें आगे की यात्राओं के लिये चुशुल, हनले और चुमुर के परमिट की आवश्यकता थी। लेकिन आज परमिट नहीं...
नोट: डायरी के पन्ने यात्रा-वृत्तान्त नहीं हैं। 1. हमारा एक व्हाट्स एप ग्रुप है- `घुमक्कडी... दिल से'। इसमें वे लोग शामिल हैं जो घूमते...
13 जून 2015 सवा दो बजे हम शिरशिरला पहुंच गये थे। यह स्थान समुद्र तल से 4800 मीटर ऊपर है। यहां से फोतोकसर दिख तो नहीं रहा था लेकिन अन्दाजा था...
13 जून 2015 नौ बजकर पचास मिनट हो गये थे जब हम खालसी से निकले। इससे पहले आठ बजे के आसपास हम उठ भी गये थे। कल 200 किलोमीटर बाइक चलाई थी, बहुत ...
12 जून 2015 सिन्धु यहां बहुत गहरी घाटी में बहती है। पहाड बिल्कुल सीधे खडे हैं। ऐसे इलाके दुर्गम होते हैं। लेकिन इसके बावजूद भी यहां कुछ बसाव...
12 जून 2015, शुक्रवार सुबह आराम से सोकर उठे। कल जोजी-ला ने थका दिया था। बिजली नहीं थी, इसलिये गर्म पानी नहीं मिला और ठण्डा पानी बेहद ठण्डा थ...
11 जून 2015 सुबह साढे सात बजे उठे। मेरा मोबाइल तो बन्द ही था और कोठारी साहब का पोस्ट-पेड नम्बर हमारे पास नहीं था। पता नहीं वे कहां होंगे? मै...
10 जून 2015 सात बजे सोकर उठे। हम चाहते तो बडी आसानी से गर्म पानी उपलब्ध हो जाता लेकिन हमने नहीं चाहा। नहाने से बच गये। ताजा पानी बेहद ठण्डा ...
9 जून 2015 हम बटोट में थे। बटोट से एक रास्ता तो सीधे रामबन, बनिहाल होते हुए श्रीनगर जाता ही है, एक दूसरा रास्ता डोडा, किश्तवाड भी जाता है। क...
8 जून 2015 आज का दिन बहुत खराब बीता और बहुत अच्छा भी। पहले अच्छाई। कोठारी साहब की बाइक स्टार्ट होने में परेशानी कर रही थी और कुछ इंडीकेटर भी...
यात्रा आरम्भ करने से पहले एक और बात कर लेते हैं। परभणी, महाराष्ट्र के रहने वाले निरंजन साहब पिछले दो सालों से साइकिल से लद्दाख जाने की तैया...
बुलेट निःसन्देह शानदार बाइक है। जहां दूसरी बाइक के पूरे जोर हो जाते हैं, वहां बुलेट भड-भड-भड-भड करती हुई निकल जाती है। लेकिन इसका यह अर्थ नह...
दिनांक: 4 मई 2015, सोमवार स्थान दूरी समय खर्च शास्त्री पार्क, दिल्ली 0 06:05 पेट्रोल- 700 (11 लीटर) पानीपत पार 104 07:45-08:15 परांठे- 1...
9 मई 2015 डेढ बजे हम कुफरी पहुंचे। हे भगवान! इतनी भीड... इतनी भीड कि निशा ने कहा- सभी लोग कुफरी ही आ गये, शिमला पास ही है, कोई शिमला क्यों न...
9 मई 2015 सुबह सात बजे सोकर उठे। नहा-धोकर जल्दी ही चलने को तैयार हो गये। जसवाल जी आ गये और साथ बैठकर चाय पी व आलू के परांठे खाये। परांठे बडे...
8 मई 2015 दारनघाटी की कुछ जानकारी तो पिछली बार दे दी थी। बाकी इस बार देखते हैं। दारनघाटी 2900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और यहां से दो किलोमी...
8 मई 2015 आराम से सोकर उठे। आज जाना है हमें दारनघाटी। दारनघाटी हमारे इधर आने की एक बडी वजह थी। रास्ता बहुत खराब मिलने वाला है। सराहन में इसक...
ध्यान दें: डायरी के पन्ने यात्रा-वृत्तान्त नहीं हैं। इस बार डायरी के पन्ने नहीं छपने वाले थे लेकिन महीने के अन्त में एक ऐसा घटनाक्रम घटा कि...
6 मई 2015 आज हमें वहां नहीं जाना था जहां शीर्षक कह रहा है। हमारी योजना थी शिकारी देवी जाने की। यहां से शिकारी देवी जाना थोडा सा ‘ट्रिकी’ है।...
5 मई 2015 प्राकृतिक दृश्य मेरी यात्राओं के आधार होते हैं। मन्दिर वगैरह तो बहाने हैं। आप कभी अगर करसोग जाओ तो शाम होने की प्रतीक्षा करना और प...
5 मई 2015 कल मैं, निशा, तरुण और उनकी घरवाली चारों बैठे बातें कर रहे थे। तरुण भाई ने भी प्रेमविवाह किया है। मेरे प्रेमविवाह की जब उन्हें जानक...
योजना थी कि 3 मई की सुबह निकल पडेंगे और दोपहर तक अम्बाला से आगे बनूड में अपनी एक रिश्तेदारी में रात रुकेंगे और अगले दिन सुन्दरनगर जायेंगे। ल...