tag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post903624009571166866..comments2024-03-11T15:32:30.331+05:30Comments on मुसाफिर हूँ यारों: देहरादून से हनुमानचट्टीनीरज मुसाफ़िरhttp://www.blogger.com/profile/10478684386833631758noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-80034473635720451732010-05-06T10:18:02.306+05:302010-05-06T10:18:02.306+05:30शास्त्री जी,
आपकी दी गयी टिप्पणी हमारे ब्लॉग पर कु...शास्त्री जी,<br />आपकी दी गयी टिप्पणी हमारे ब्लॉग पर कुल मिलाकर 2000 वीं टिप्पणी है।नीरज मुसाफ़िरhttps://www.blogger.com/profile/10478684386833631758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-7504731592182946692010-05-06T10:06:29.390+05:302010-05-06T10:06:29.390+05:30आपके यात्रा-संस्मरणों का जवाब नही!आपके यात्रा-संस्मरणों का जवाब नही!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-25528510438349792732010-05-06T09:51:51.504+05:302010-05-06T09:51:51.504+05:30कैसे इतना समय निकाल पाते हो नीरज ? जलन होती है यार...कैसे इतना समय निकाल पाते हो नीरज ? जलन होती है यार !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-19280790852825591122010-05-05T22:40:31.610+05:302010-05-05T22:40:31.610+05:30बस चार फ़ोटो ! ओह !बस चार फ़ोटो ! ओह !Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-50183947410919917332010-05-05T21:59:14.121+05:302010-05-05T21:59:14.121+05:30"चादर में एक छेद भी था। तब जाकर तसल्ली मिली।&..."चादर में एक छेद भी था। तब जाकर तसल्ली मिली।"<br />"जाते ही मोटे-मोटे झबरे पहाडी कुत्तों ने स्वागत किया। भौंके भांके नहीं, बल्कि हमारी तरफ देखा तलक नहीं, वे तो अपनी मैडम कुत्ती को पटाने में लगे थे।"<br /><br />नीरज, जवाब नहीं भाई तेरा। कितनी सरल भाषा और दिल जीत लेता है यार।<br />बिंदास।<br /><br />इब आगे की यात्रा का इंतज़ार रहेगा।<br /><br />प्यास बढ़ाते जा रहे हो हमारी।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-58700960401982183322010-05-05T20:30:02.532+05:302010-05-05T20:30:02.532+05:30आपका यात्रा वृत्तान्त पढ़कर आनन्द आता है ।आपका यात्रा वृत्तान्त पढ़कर आनन्द आता है ।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-60209987951797033112010-05-05T14:59:36.060+05:302010-05-05T14:59:36.060+05:30अरे मस्त मोला जी आप भी जुगाडी हो ओर पता नही कहां क...अरे मस्त मोला जी आप भी जुगाडी हो ओर पता नही कहां कहां से आने जाने की जानकारी पता कर लेते हो, बहुत अच्छा लगा आप की यात्रा का यह विवरण, मजे दार,जब तक पांव मै शादी की बेडियां नही पडती ऎश करलो.... अब तो मजा आता है आप का लेख पढ करराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-42317752729114658932010-05-05T11:33:58.844+05:302010-05-05T11:33:58.844+05:30जबरस्त यात्रा वृतांत है , बिलकुल देसी अंदाज में . ...जबरस्त यात्रा वृतांत है , बिलकुल देसी अंदाज में . एक एक घटना रोमांचित कर रही है . झाड़ू वाले ने गलती की , आप को उठा दिया , शायद उसे आपके बारे में पता नहीं था , वरना भारत की सही तस्वीर दिखाने वाले को कच्ची नींद से नहीं उठाता . मोटे-मोटे झबरे पहाडी कुत्तों ने आपका स्वागत किया, उन्हें तो करना ही था .<br /><br /><br />आगे की कहानी का बेसब्री से इन्तेजार रहेगा <br /><br />http://madhavrai.blogspot.com/माधव( Madhav)https://www.blogger.com/profile/07993697625251806552noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-25942434941999760382010-05-05T10:58:53.858+05:302010-05-05T10:58:53.858+05:30lajawab v rochak najare
shukriya in photo ko di...lajawab v rochak najare <br /><br /><br />shukriya in photo ko dikhane ke liyeShekhar Kumawathttps://www.blogger.com/profile/13064575601344868349noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-17389571436310131542010-05-05T10:41:43.715+05:302010-05-05T10:41:43.715+05:30"चादर में एक छेद भी था। तब जाकर तसल्ली मिली&q..."चादर में एक छेद भी था। तब जाकर तसल्ली मिली"<br /><br />बात कुछ समझ में नही आयी।<br /><br />राम-रामअन्तर सोहिलhttps://www.blogger.com/profile/06744973625395179353noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-35889105769678665502010-05-05T10:15:45.034+05:302010-05-05T10:15:45.034+05:30हनुमान चट्टी का यात्रा वृत्तांत मजेदार रहा.हनुमान चट्टी का यात्रा वृत्तांत मजेदार रहा.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-45505884964695483702010-05-05T09:08:07.907+05:302010-05-05T09:08:07.907+05:30सुन्दर आलेख और चित्र. कैसे घूम पाते हो इतना?सुन्दर आलेख और चित्र. कैसे घूम पाते हो इतना?Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-48798496296485240652010-05-05T08:53:30.850+05:302010-05-05T08:53:30.850+05:30एक ज़माना था मुझे भी घूमने फिरने का बहुत शौक था, पर...एक ज़माना था मुझे भी घूमने फिरने का बहुत शौक था, पर अब समय नहीं मिलता ... इसलिए भ्रमण आख्यान पढकर शौक पूरा कर लेता हूँ ... फिर भी कभी कहीं गया तो कोशिश करता हूँ कि ज्यादा से ज्यादा यादें लेकर लौट सकूं ....Indranil Bhattacharjeehttps://www.blogger.com/profile/00077384883209876007noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-18624619697891059612010-05-05T08:21:53.733+05:302010-05-05T08:21:53.733+05:30अब क्या कहें..आपके साथ नारा बुलंद कर लेते हैं: घुम...अब क्या कहें..आपके साथ नारा बुलंद कर लेते हैं: घुमक्कडी जिन्दाबाद<br /><br /><br />-अगले हिस्से का इन्तजार है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.com