tag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post7012950681959950536..comments2024-03-11T15:32:30.331+05:30Comments on मुसाफिर हूँ यारों: जांस्कर घाटी में बर्फबारीनीरज मुसाफ़िरhttp://www.blogger.com/profile/10478684386833631758noreply@blogger.comBlogger22125tag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-14753102700283099982013-06-11T20:44:06.156+05:302013-06-11T20:44:06.156+05:30स्वामी जी ओमानन्द सरस्वती की लिखी पुस्तक "मां...स्वामी जी ओमानन्द सरस्वती की लिखी पुस्तक "मांस मनुष्य का भोजन नहीं " में शाकाहारी जाटों के बारे में बहुत कुछ लिखा है । पूरी पुस्तक http://www.jatland.com/home/Human_Beings_are_Vegetarians पर उपलब्ध है । पुस्तक के कुछ अंश : <br />दुग्धाहारी अमेरिकन सिंहनी <br />अमेरिका के एक चिड़ियाघर में एक सुन्दर सिंहनी थी । वह शेरनी वहां से ऊब गई थी और अपने बच्चे का पालन पोषण भी नहीं करती थी । चिड़ियाघर वाले उसके बच्चों को जीवित रखना चाहते थे । वहां जॉर्ज नामक एक व्यक्ति था, जो जानवरों से बड़ा प्रेम करता था । उसने जंगल में घोड़े, खच्चर, मोर, बिल्ली, मुर्गे, बत्तख और मृग आदि बहुत पाल रखे थे । शेरनी का प्रसव का समय था । चिड़ियाघर वालों ने जॉर्ज को बुलाया । शेरनी के प्रसव होने पर उसका बच्चा पिंजरे में बंद करके उसे सौंप दिया । बच्चे की आंखें बन्द तथा एक टांग टूटी हुई थी । उससे वह सिंह शावक बड़ा दुःखी था । उसे जॉर्ज ले आया । उसने उसका इलाज किया । उसे भोजन के रूप में वह गोदुग्ध देता रहा । टांग अच्छी हो गई । शेरनी का बच्चा नर नहीं, मादा था । जब इसका जन्म हुआ, उस समय इसका भार तीन पौंड था जो एक मनुष्य के बच्चे से भी बहुत थोड़ा था । किन्तु जब यह दस सप्ताह की आयु का हो गया तो उसका भार ६५ पौंड हो गया । अब तक जॉर्ज इसको गाय का दूध ही दे रहा था । अब उसने सोचा कि इसे ठोस भोजन दिया जाये । उसने इसे मांस खिलाने का विचार किया क्योंकि शेर प्रायः जंगल में मांस का ही आहार करते हैं । शेर के बच्चे के आगे मांस परोसा गया, किन्तु उसने इसको नहीं खाया । इसकी दुर्गन्ध से शेर का बच्चा रोगी हो गया । फिर जॉर्ज ने एक चाल चली । उसने मांस से तैयार किये हुये अर्क के १०, १५ और ५ बूंदें दूध में क्रमशः डाल कर जब जब उसे पिलाना चाहा, तब तब उस शेरनी के बच्चे ने दूध भी नहीं पीया । अब वे विवश हो गये । उन्होंने मांस के शोरबे की एक बूंद उसकी बोतल में रखी । किन्तु उसे भी उसने नहीं छुआ । कितनी ही बार वह भूखा रहा किन्तु उसने माँस अथवा माँस से बने किसी भी पदार्थ को नहीं खाया । वे उसे बूचड़ की दुकान पर ले गये कि वह अपनी इच्छानुसार किसी मांस को चुनकर खा लेगी । किन्तु वह शेरनी किसी प्रकार का भी मांस नहीं खाना चाहती थी । मांस, खून की दुर्गन्ध भी उसे व्याकुल कर देती थी । वह शेरनी सारे संसार में प्रसिद्ध हो गई क्योंकि वह निरामिषभोजी शाकाहारी शेरनी थी । वह अपने साथी अन्य जीवों बिल्ली, मुर्गी, भेड़, बत्तख आदि सबसे प्रेम करती थी । भेड़ के बच्चे उसकी पीठ पर निर्भयता से बैठे रहते थे । उसने कभी किसी को कोई पीड़ा नहीं दी । उसे गाड़ियों में घूमना, गाना सुनना बड़ा अच्छा लगता था । वह गायों, घोड़ों के साथ घूमती थी । उसमें बड़ी होने पर ३५२ पौंड भार हो गया था । उसके चित्र अमेरिका के सभी प्रसिद्ध समाचारपत्रों के प्रथम पृष्ठ पर छपते थे । अन्य देशों के पत्रों में भी उसके चित्र छपे । बच्चे उसकी पीठ पर सवारी करते थे । सिनेमा में भी उसके चित्रपट बना कर दिखाये गये । वह शेरनी ज्यों ज्यों बड़ी होती गई, त्यों त्यों अधिक विश्वासपात्र, सभ्य और सुशील होती चली गई । वह दूध और अन्न की बनी वस्तुओं को ही खाती थी । वह १० फीट ८ इंच लम्बी हो गई थी । वह चिड़ियाघर में सदैव खुली घूमती थी । किस प्रकार मांसाहारी शेर शेरनी हिंसक पशु शाकाहारी निरामिषभोजी अहिंसक हो सकते हैं, उपर्युक्त सच्चे उदाहरण इसके जीते जागते प्रतीक हैं । फिर मांस खाने वाले मनुष्य अस्वाभाविक भोजन मांस का परित्याग नहीं कर सकते ? अवश्य ही कर सकते हैं । थोड़ा सा गम्भीरता से विचार करें, मांसाहार की हानियां समझकर दृढ़ संकल्प करने मात्र की आवश्यकता ही तो है । संसार में असम्भव कुछ भी नहीं । केवल मनुष्य की अपनी दृढ़ शक्ति चाहिये और उसके क्रियान्वयन के लिये आत्मबल । फिर बड़े से बड़ा कार्य सुगम हो जाता है । मांसाहार छोड़ने जैसे तुच्छ से साहस की तो बात ही क्या ? Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-29591351918528665832013-02-14T23:49:45.516+05:302013-02-14T23:49:45.516+05:30maza a gya lekh padhkar or barf se dhaki sundar gh...maza a gya lekh padhkar or barf se dhaki sundar ghati ke chitra dekhkar..... Gajab hain bhaiRitesh Guptahttps://www.blogger.com/profile/08778571076761815036noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-24112721173786908142013-02-12T14:02:58.917+05:302013-02-12T14:02:58.917+05:30अदभुत, रोमांचक व मज़ेदार यात्रा....अगला भाग जल्द छ...अदभुत, रोमांचक व मज़ेदार यात्रा....अगला भाग जल्द छापोSilentsoulhttps://www.blogger.com/profile/17118623598759862858noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-90175005528451930012013-02-12T10:01:37.726+05:302013-02-12T10:01:37.726+05:30बर्फ़ देखकर ही सर्दी का अहसास होने लगा। मुझे फ़ोटु...बर्फ़ देखकर ही सर्दी का अहसास होने लगा। मुझे फ़ोटुओं में ही अच्छी लगती है। ब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-24900806309221211132013-02-11T21:06:27.933+05:302013-02-11T21:06:27.933+05:30vizag ki garmi me ye mast barf dekh raha hoon.vizag ki garmi me ye mast barf dekh raha hoon.SANDEEP PANWARhttps://www.blogger.com/profile/06123246062111427832noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-40873964370162488672013-02-11T17:41:25.772+05:302013-02-11T17:41:25.772+05:30हम तो आह भर सकते है तेरी किस्मत पे फक्र कर सकते है...हम तो आह भर सकते है तेरी किस्मत पे फक्र कर सकते है पर अफसोस की हम नहीं थे वंहा कोई बात नहीं तुम्हे इन हसीं लम्हों के साक्षी बनने की बधाई .........Mirchi Namakhttps://www.blogger.com/profile/12030026449266061314noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-85583747101972885722013-02-11T14:27:25.537+05:302013-02-11T14:27:25.537+05:30बहुत सुन्दर नीरज जी। भयंकर बर्फीले चित्रों को देखक...बहुत सुन्दर नीरज जी। भयंकर बर्फीले चित्रों को देखकर ही कंपकंपी छुट रही है..............पता नहीं आपने कैसे इतनी भीषण ठण्ड सहन की होगी। Mukesh Bhalsehttps://www.blogger.com/profile/01667464799709628702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-32838867130984336982013-02-11T14:24:14.679+05:302013-02-11T14:24:14.679+05:30प्रयास जी,
जी नहीं, सहोदर का मतलब Half brother कतई...प्रयास जी,<br />जी नहीं, सहोदर का मतलब Half brother कतई नहीं होता है बल्कि सगा भाई या बहन होता है। सहोदर का संधी विच्छेद होता है सह+उदर। सह मतलब साथ में और उदर मतलब पेट अतः इस शब्द का अर्थ हुआ ऐसे भाई या बहन जिन्होनें एक ही उदर (कोख) से जन्म लिया हो मतलब सगे भाई (Blood brother/sister or Sibling)। कृपया नॉलेज शेयर करने से पहले उसकी औथेंटीसिटी (प्रामाणिकता) परख लें।Mukesh Bhalsehttps://www.blogger.com/profile/01667464799709628702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-69255225372510792672013-02-11T13:46:52.182+05:302013-02-11T13:46:52.182+05:30ye jo har taraf barf bichi hui h, ye bhi chadar tr...ye jo har taraf barf bichi hui h, ye bhi chadar trek hi tha bhai, aise mausam me yaha itna paidal chalna hi badi baat h,1 baar m bhi 5 ghante bahut bhari taza barf k beech guzar chuka hu,aur photos to bahut hi kamal ki h. lajawab.Om sainihttps://www.blogger.com/profile/07080220176216290296noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-82085236344389459242013-02-11T12:58:24.934+05:302013-02-11T12:58:24.934+05:30मजा आ गया अच्छा वर्णन ......................फोटो ब...मजा आ गया अच्छा वर्णन ......................फोटो बहुत ही सुन्दर हैं.Rameshhttps://www.blogger.com/profile/08948320992658029595noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-40872795268847852462013-02-11T12:27:20.614+05:302013-02-11T12:27:20.614+05:30तेरे यात्रा वृतांत और तस्वीरों ने मन मोह लिया, काश...तेरे यात्रा वृतांत और तस्वीरों ने मन मोह लिया, काश हमे भी ले चलता, एक बार तेरे को इस बारे में कहा भी था.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-25046192027488243702013-02-11T12:14:11.716+05:302013-02-11T12:14:11.716+05:30सभी फोटो बहुत ही सुन्दर हैं... नीरज जी कौन सा कैमर...सभी फोटो बहुत ही सुन्दर हैं... नीरज जी कौन सा कैमरा है?<br /><br />दर्शन जी... सहोदर भाई मतलब Half Brother... pryashttp://pryas.wordpress.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-49026192909022497362013-02-11T12:05:36.428+05:302013-02-11T12:05:36.428+05:30नीरज भाई, बहुत अच्छा निर्णय था आपका जो ट्रेकिंग नह...नीरज भाई, बहुत अच्छा निर्णय था आपका जो ट्रेकिंग नहीं की, हमेशा ही अंतरात्मा की आवाज सुननी चाहिए ! जितना अच्छा पोस्ट है उससे भी अच्छा फोटो ! धन्यवाद् लदाख घुमाने के लिए!amanvaishnavihttps://www.blogger.com/profile/04526620740401350882noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-83826459377515204602013-02-11T12:03:56.608+05:302013-02-11T12:03:56.608+05:30फिल्मों में देखे हैं हमने तो ऐसे नजारे
प्रणामफिल्मों में देखे हैं हमने तो ऐसे नजारे<br />प्रणामअन्तर सोहिलhttps://www.blogger.com/profile/06744973625395179353noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-87065313263493365232013-02-11T11:34:30.648+05:302013-02-11T11:34:30.648+05:30मजा आ गया अच्छा वर्णन मजा आ गया अच्छा वर्णन NIRANJAN JAINhttps://www.blogger.com/profile/12051981865495991065noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-85747282713514172002013-02-11T10:53:41.339+05:302013-02-11T10:53:41.339+05:30amazed.. :)amazed.. :)Shekhar Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02651758973102120332noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-31187912871268324492013-02-11T10:38:56.042+05:302013-02-11T10:38:56.042+05:30amazing- no wordsamazing- no wordssarvesh n. vashisthahttps://www.blogger.com/profile/16686037734572024428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-45086443896466848032013-02-11T10:12:18.099+05:302013-02-11T10:12:18.099+05:30waah.... ek se ek khoobsurat chitrawaah.... ek se ek khoobsurat chitrasonalhttps://www.blogger.com/profile/03825288197884855464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-22370037873400613222013-02-11T10:10:38.503+05:302013-02-11T10:10:38.503+05:30भाईसाहाब, आप अद्भुत इन्सान हो. . . . . बहुत बहुत ध...भाईसाहाब, आप अद्भुत इन्सान हो. . . . . बहुत बहुत धन्यवाद. . . Niranjan Welankarhttps://www.blogger.com/profile/04963051885950200950noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-57201372042081944072013-02-11T10:01:38.348+05:302013-02-11T10:01:38.348+05:30सहोदर भ्राता क्या है ? आजकल लगता है हिंदी की क्लास...सहोदर भ्राता क्या है ? आजकल लगता है हिंदी की क्लास अटेंड हो रही है और साथ ही भूगोल की भी हवाओं का वर्णन मजेदार लगा ..और बर्फीला माहौल तो लाजवाब है ...बर्फ के फोटू बहुत सुंदर है ..बर्फ देखने में ही अच्छी लगती है वहाँ जाने पर क्या हालत होती है यह तुम अच्छी तरह से जान गए हो ....पर कुते कैसे बर्फ पर खुले में रहते है आश्चर्य है ..हमारा शेडो तो ऐ सी में भी कंवल ओढ़कर सोता है ..पर यहाँ के लोगो को सलाम कोई सुविधा नहीं है फिर भी रह रहे है ..तुम्हारा निर्णय ठीक ही था ..जान बचेगी तो फिर चले जाना ...कौन -सा लधाख दूर है दर्शन कौर धनोयhttps://www.blogger.com/profile/06042751859429906396noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-16494972039171015362013-02-11T07:18:59.341+05:302013-02-11T07:18:59.341+05:30अहा,
श्वेत धवल हिमगिरि शिखरों पर..अहा,<br />श्वेत धवल हिमगिरि शिखरों पर..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1291960956767275756.post-22092317250815676342013-02-11T06:53:07.039+05:302013-02-11T06:53:07.039+05:30बहुत सुंदर नज़ारे .....बहुत सुंदर नज़ारे ..... Chaitanyaa Sharmahttps://www.blogger.com/profile/17454308722810077035noreply@blogger.com