इस यात्रा वृत्तान्त को आरम्भ से पढने के लिये यहां क्लिक करें । 26 नवम्बर 2014 हमारा दिमाग खराब था कि हमने लाखामण्डल से शाम सवा चार बजे चकराता जाने का फैसला किया। दूरी लगभग 70 किलोमीटर है, सडक सिंगल लेन ही है। पूरा रास्ता पहाडी। इतनी जानकारी हमें थी। जैसे हम कल से पहाडों पर चलते आ रहे थे, ऐसे ही चलते रहें तो तीन घण्टे लगने ही थे जबकि एक घण्टे बाद ही दिन छिपना शुरू हो जायेगा। उसके बाद अन्धेरा। और चकराता भी हम किसलिये जाना चाहते थे? सिर्फ रात रुकने के लिये। हमें कल वहां से सुबह ही दिल्ली के लिये निकल पडना है। यह भी जानते थे कि चकराता में होटल यहां लाखामण्डल के मुकाबले महंगे मिलेंगे, फिर भी बस बिना सोचे समझे निकल पडे। लाखामण्डल में ही हमें बता दिया गया था कि लाखामण्डल गांव से निकलते ही एक तिराहा आयेगा। आप ऊपर वाली सडक से जाना। हालांकि दोनों ही सडकें आगे गोराघाटी में फिर से मिल जाती हैं लेकिन नीचे वाली सडक खराब है, ऊपर वाली ठीक है। यह हमें बताया गया। यह भी बताया गया कि गोराघाटी के बाद सडक अच्छी बनी है।
नीरज मुसाफिर का यात्रा ब्लॉग