करेरी यात्रा मेरे यात्रा इतिहास की बहुत खास यात्रा रही। यह पहली ऐसी यात्रा थी जहां मैं धार्मिक स्थान पर न जाकर खालिस घुमक्कड स्थान पर गया। हर बार अपने साथियों से कुछ ना कुछ शिकायत रहती थी, लेकिन इस बार गप्पू की तरफ से कोई शिकायत नहीं है। बन्दे ने पूरी यात्रा में जमकर साथ दिया। गप्पू अपने घर से एक तरह से भागकर आया था। घरवाली को बताया था कि करेरी झील कैलाश मानसरोवर वाली झील के बाद दूसरी पवित्र झील है। पूरे यात्रा वृत्तान्त में मैंने गप्पू की पहचान छुपाये रखी। यह उन्हीं की इच्छा थी। वह एक ब्लॉगर भी है। उनका ब्लॉग भी है जिसका लिंक मुझे मालूम भी है लेकिन गप्पू के कहने पर मैंने कहीं उसका इस्तेमाल नहीं किया। यही कारण है कि गप्पू ने हर पोस्ट में गप्पू जी के नाम से अपने अनुभव भी कमेण्ट के रूप में लिखे हैं। मैंने उनसे कभी नहीं कहा कि भाई, पोस्ट छप गई है, आओ और कमेण्ट कर जाओ। आइये गप्पू समेत कुछ खास कमेण्टों पर निगाह डालते हैं:
नीरज मुसाफिर का यात्रा ब्लॉग