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Showing posts from June, 2009

नैनीताल के फोटो

24 मई, 2009, रविवार। भीमताल और नौकुचियाताल में घूमकर इरादा बना नैनीताल जाने का। मेरे पास अभी भी तीन घंटे थे। भीमताल से जीप पकड़ी और दस किलोमीटर दूर भवाली जा पहुंचा। यहाँ से नैनीताल बारह किलोमीटर दूर है। बस से पहुँच गया।

नौकुचियाताल

पिछली बार हमने भीमताल में घुमाया था। आज नौकुचियाताल की ओर चलते हैं। यह भीमताल से चार किलोमीटर पूर्व में है। पक्की सड़क बनी हुई है। जहाँ भीमताल 1370 मीटर की ऊँचाई पर है, वहीं नौकुचियाताल अपेक्षाकृत कम ऊँचाई पर है। ... भीमताल से नौकुचियाताल तक चार किलोमीटर का रास्ता पैदल चलने के लिए भी एकदम उपयुक्त है। चूंकि ऊँचाई में कोई ज्यादा परिवर्तन नहीं होता। तो ना तो पहाड़ पर जोरदार चढाई का झंझट है, ना ही तीव्र उतराई का। रास्ते में दो गाँव भी पड़ते हैं- पहाडी गाँव। ... नौकुचियाताल नौ कोनों वाला ताल है। कहते हैं कि अगर कोई एक ही निगाह में सभी कोनों को देख ले, तो उसे मोक्ष प्राप्त होता है। वैसे मुझे हद से हद पांच कोने ही दिखे थे, यानी कि मोक्ष से चार कोने दूर।

आज घूमिये भीमताल में

24 मई, 2009, रविवार। इरादा था सुबह 6 बजे तक हल्द्वानी पहुँचने का, लेकिन अपने आलकस के कारण हल्द्वानी पहुँच सका दस बजे यानि चार घंटे लेट। दिल्ली से रात को ग्यारह बजे के आस-पास रानीखेत एक्सप्रेस चलती है, जो छः-साढे छः बजे तक हल्द्वानी पहुंचती है। मैंने टिकट भी ले लिया। देखा कि ट्रेन "ओवरलोड" हो चुकी है। बैठने लेटने की तो दूर, पैर रखने की भी जगह नहीं मिली।